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उत्तर प्रदेश

मायावती ने बनाई एक खास ‘रणनीति’

लखनऊ. आगामी यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने सख्त रवैया अपना लिया है। लोकसभा चुनाव 2014 में करारी हार मिलने के बाद मायावती यूपी चुनाव में अपनी साख बनाने में जुट गई हैं। बीजेपी और सपा को कड़ी टक्कर देने के लिए मायावती ने पार्टी में अनुशासनहीन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना भी शुरू कर दिया है। सोमवार को पार्टी में अनुशासनहीनता के खिलाफ मायावती ने दो सिटिंग विधायकों समेत चार नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इनमें एक पूर्व एमएलसी भी शामिल हैं। पार्टी विरोधी गतिविधियों में बसपा से निष्कासित होने वाले सिटिंग विधायकों की संख्या अब आठ हो गई है। वहीं, मायावती ने यह भी साफ कर दिया है कि वे बसपा की किसी भी चुनावी रणनीति को विरोधी दलों के सामने सार्वजनिक नहीं करेंगी। ऐसे में अब पार्टी की ओर से लगने वाले कैडर कैंप अब खुले स्थानों पर नहीं लगेंगे। सारे कैंप बंद कमरों में लगेंगे। बता दें कि दो महीने में खुले में लगाए गए सभी कैडर कैंपों को मायावती ने खारिज कर दिया है।

बसपा का मानना है कि उनके वोट बैंक दलित, पिछड़े और मुस्लिम में साक्षरता कम होती है। दिगभ्रमित करने के लिए उनके बीच विरोधी दल अफवाह फैलाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में कैडर कैंप में आने वाले बूथ स्तरीय पदाधिकारियों को ट्रेंड किया जाता है कि वह वोटर के घर पर दस्तक देकर उनको विरोधियों की हर चाल से आगाह करा दें।

बसपा से ये लोग हुए बाहर
बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी व लखनऊ के जोनल कोऑर्डिनेटर अशोक कुमार सिद्धार्थ ने लखीमपुर के पलिया से विधायक हरविंदर कुमार साहनी उर्फ रोमी साहनी व हरदोई की मल्लावां सीट से विधायक बृजेश कुमार वर्मा तथा लखनऊ के अरविंद कुमार त्रिपाठी उर्फ गुड्डू त्रिपाठी व लखीमपुर के राजेश बाल्मीकि को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निकालने का एलान किया। अरविंद त्रिपाठी एमएलसी रह चुके हैं। राजेश बाल्मीकि देवीपाटन मंडल में पार्टी के मंडल कोआर्डिनेटर रह चुके हैं।
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