Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

इसके आतंक से कैराना छोड़ भागने को बेबस हो गए लोग!

उत्तर प्रदेश चुनाव की वजह से कैराना आजकल चर्चा का विषय बन गया है. शामली जिले के तहसील मुख्‍यालय कैराना से हिंदू परिवारों के पलायन को लेकर सियासी पार्टियां एक दूसरे को कटघरे में खड़ा कर रही हैं, लेकिन आज हम आपको बताते हैं कैराना का वो सच, जो आपको नेता नहींं बताएंगे.

जब Pradesh18 की टीम तहकीकात की तो पता चला कि बहुत से हिंदू परिवार कैराना छोड़कर पलायन कर गए हैं लेकिन इसकी वजह सांप्रदायिकता नहींं है. हकीकत यह है कि कैराना के लोग गैंगस्टर से परेशान हैं, रंगदारी मांगने वालोंं से परेशान हैं. कैराना में ऐसे कई छोटे-बड़े गैंग हैं, जो मामूली सी बात पर किसी को भी मौत के घाट उतार देते हैं.

इनमें से मुकीम काला वो नाम है, जिसने एक समय में कैराना को थर्रा दिया था. मुकीम काला फिलहाल पूर्वी उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जेल में बंद है. उसके खिलाफ कई मामलों में मुकदमा दर्ज है.

मुकीम काला के गैंग शार्प शूटर के बदौलत चलता था. अपने गैंग के चलते मुकीम काला और उसके लोगोंं ने कैराना और उसके आसपास के इलाकों में मर्डर, रंगदारी और लूटपाट करके आतंक मचा दिया था. लोगोंं का कहना है कि मुकीम काला भले ही जेल में है, लेकिन उसका रंगदारी का धंधा आज भी जारी है. उसके आदमियों के अलावा भी कई गैंग है जो रंगदारी वसूलते हैं.

कैराना के लिए खौफ का पहला नाम मुकीम काला (गैंग आॅफ कैराना)

ये तस्वीर मुकीम काला की है. लोग इसके नाम से थर्राते हैं. कैराना के कारोबारी इसे लाखों रुपए की रंगदारी पहुंचाते हैंं. वहीं मुकीम काला की जुर्म की डायरी पर अगर हम नजर डालें तो मुकीम काला पर हत्या, लूट और रंगदारी के 30 से भी ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. उस पर 4 पुलिस वालों की हत्या का भी आरोप है.

कैराना के इस गैंग में कभी 29 शार्प शूर्टर हुआ करते थे. मुकीम काला के जुर्म के किस्से कैराना की गलियों में गूंजते हैं. बता दें कि बीते दो सालों में मुकीम काला कैराना का गुंडा नंबर वन बन गया. उसने दो सगे भाई शिव कुमार और राजेन्द्र की हत्या कर सनसनी फैला दी थी. मुकीम ने पहली डकैती 6 साल पहले हरियाणा में की थी.

कैराना, कांधला में मुकीम ने सबको डराया और लोगोंं को घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. लोगोंं की मानें तो यहांं संप्रदायिकता नहींं है, लेकिन क्राइम और रंगदारी बहुत ज्यादा है. गुंडागर्दी इतनी है कि कोई व्यापारी सुरक्षित नहींं है. जेल से भी मुकीम काला के फोन आते रहते हैं और रंगदारी जाती रहती है. कई व्यापारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि दूसरे लोगों की तरह हम कैराना नहीं छोड़ सकते. हमारी मजबूरी है कि अपनी सलामती के लिए हम उन्हें रंगदारी चुकाते रहते हैं.

बता दें कि कैराना से हुए कथित पलायन के मामले में शामली जिला प्रशासन द्वारा की गई जांच में बताया गया है कि 346 परिवारों की सूची में से 188 ने करीब पांच साल पहले गांव छोड़ा था. गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि भाजपा सांसद हुकुम सिंह द्वारा मुहैया कराई गई 346 परिवारों की सूची में से यह पाया गया है कि 66 परिवारों ने 10 साल पहले कैराना छोड़ा था.
Next Story
Share it