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उत्तर प्रदेश

रामवृक्ष के बेटे विवेक स्वाधीन ने लिखा था मुख्यमंत्री को धमकी भरा पत्र


लखनऊ : जवाहर बाग कांड के मास्टर माइंड रामवृक्ष यादव के संगठन की कमान संभालने वाले उसके पुत्र विवेक स्वाधीन यादव के अंदर नक्सलियों जैसा जहर कूट-कूटकर भरा है। हथियारों के शौकीन विवेक ने सोशल मीडिया पर अपने संगठन की कमान संभाल रखी थी। फेसबुक पर उसके 128 फ्रेंड्स हैं। वह इतना दुस्साहसी है कि अपनी ही हैंड राइटिंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सीधी चेतावनी और धमकी व अपशब्दों से भरा पत्र फेसबुक पोस्ट कर दिया था। विवेक की आपत्तिजनक पोस्ट पढ़कर कोई भी समझ सकता है कि यह पोस्ट नक्सली विचारधारा से प्रेरित है। यह पोस्ट 18 अप्रैल 2016 को फेसबुक पर डाली गई थी, जिसे कुछ लोगों ने शेयर भी किया। जवाहर बाग की घटना से एक दिन पहले एक जून की रात 9.55 बजे विवेक ने एक पोस्ट डाली कि आजाद हिंद के सेनानियों पर जनता हमला नहीं कर सकती, यह काम तो जयचंद और मीर जाफर की औलाद ही कर सकती हैं। पोस्ट में भड़काऊ बातें लिखी हैं।






ट्रेनिंग की फोटो सामने आई



सोशल मीडिया पर एक ऐसी फोटो भी पोस्ट है, जिसमें जवाहर बाग के अंदर चलने वाले ट्रेनिंग कैंप का नजारा कैद है। इस चित्र में कई युवा कंधों पर लाठी लिए दिख रहे हैं। हालांकि इसे फेसबुक पर फ्लैग मार्च का रिहर्सल बताया गया है। जवाहर बाग में प्रशिक्षण लेने वाले कई युवक ट्रेनिंग के दौरान विवेक के साथ दिखाई दे रहे हैं। जवाहर बाग की हिंसा में घायल स्वाधीन सुभाष सेना के सक्रिय सदस्य श्रीराम की पत्नी शकुंतला और बेटी सीमा तथा पुत्र अमित एटा जेल में बंद हैं। श्रीराम की पत्नी ने गुरुवार को एसडीएम को दिए बयान में प्रशिक्षण की बात स्वीकार की थी। इसके अलावा जागरण को विवेक की एक फोटो ऐसी भी मिली है जिसमें वह एक हाथ में रायफल थामे है और दूसरे हाथ से अपनी मूछों पर ताव दे रहा है। कंधे पर कारतूसों की दो पेटियां हैं। यह 10 अप्रैल 2016 को पोस्ट की गई।



पूनम की साथी पांच महिलाएं



जवाहरबाग के शार्प शूटर चंदन बोस की पत्नी पूनम हिंसा वाले दिन महिलाओं के जत्थे को कमांड कर रही थी। उसके साथ सावित्री, जयदेवी, राधा, गुड्डो नाम की पच्चीस से तीस साल की उम्र वाली युवतियां थीं। यह महिलाएं एटा जेल में हैं। इनसे पूछताछ की जाएगी। जेल प्रशासन से कहा गया है कि किसी भी वक्त इन महिलाओं को जांच एजेंसी के समक्ष पेश किया जा सकता है, इसकी तैयारी रखें। जेलर पीके सिंह ने बताया कि पूछताछ से पहले पुलिस कोर्ट से इनकी रिमांड लेगी। बाल कारागार में बंद जवाहर बाग की महिला बंदियों के लिए खान-पान की व्यवस्था में जेल मैनुअल से इतर कई परिवर्तन किए गए हैं। शासन से यह निर्देश जेल प्रशासन को दिए गए हैं कि भीषण गर्मी में पेय पदार्थों का प्रबंध किया जाए। दो दिन पहले मिले आदेश के बाद जेल प्रशासन ने दोपहर में इन्हें शरबत आदि ठंडी चीजें देना शुरू कर दिया है।



उपद्रवियों की तलाश में जुटी पूरे प्रदेश की पुलिस



जवाहर बाग को खाली कराने के बाद पुलिस का एक और ऑपरेशन तेज हो चुका है। उपद्रवियों की धरपकड़ के लिए प्रदेश भर की पुलिस जुटी हुई है। एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की टीमें उपद्रवियों के ठिकानों की सटीक लोकेशन मालूम करके संबंधित जिलों की पुलिस को बता रही हैं और वहां की पुलिस उपद्रवियों की शरणस्थली पर दबिश देकर उनकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। जवाहरबाग कांड में थाना सदर बाजार में दो हजार से अधिक अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। अब तक की जांच पड़ताल में तहसील पर हमला, उद्यान कर्मियों से मारपीट और पुलिस पर हमले समेत अन्य मामलों में पांच सौ से अधिक लोगों के नाम सामने आए हैं। तीन दर्जन से अधिक ऐसे लोग हैं, जिनके नाम दर्ज मुकदमों में खोले भी गए हैं और ऑपरेशन जवाहरबाग शुरू होते ही ये भीड़ में मिलकर भाग गए थे। झांसी, बरेली, बस्ती, बलिया, सोनभद्र, गोरखपुर, देवरिया, अलीगढ़, कानपुर और कानपुर देहात, बुलंदशहर, कन्नौज, बदायूं, फतेहगढ़, गाजीपुर, बिजनौर के अलावा मध्य प्रदेश के सागर और सीधी जिले के ज्यादातर लोग हैं। इनकी गिरफ्तारी में पुलिस के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह आ रही है कि पुलिस इनके नाम तो जानती है, लेकिन पता मालूम नहीं है। इनके पते क्राइम ब्रांच की टीमें विभिन्न जेलों में निरुद्ध बंदियों को उनकी तस्वीर दिखाकर मालूम कर रही है।



उपद्रवी लाठी-डंडे लेकर बाहर निकल



तस्वीरें पुलिस ने उस समय खींची थीं जब पुलिस ने जवाहरबाग खाली कराने के लिए चेतावनी दी थी और उपद्रवी लाठी-डंडे लेकर बाहर निकल आए थे। इनमें महिलाएं और युवतियां भी हैं। पहचान होने पर ही उनकी शरणस्थली की जानकारी करने के लिए बरेली, आगरा और लखनऊ की एसटीफ के साथ जिले की क्राइम ब्रांच भी लगी हुई है। लोकेशन मिलते ही मथुरा पुलिस संबंधित जिलों की पुलिस को जानकारी देकर उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करा रही है। उपद्रवियों के बिहार, मध्यप्रदेश, बंगाल और छत्तीगढ़ में जाकर छिपने की सूचनाएं भी मिल रही हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दूसरे प्रांतों में छिपे उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए संबंधित प्रांत की पुलिस की मदद ली जा रही है। रामवृक्ष के दाएं हाथ चंदनबोस की गिरफ्तारी भी इसी रणनीति के तहत हो पाई थी। चंदनबोस की सूचना मिलने पर लुधियाना से बस्ती जा रही पुलिस टीम के पहुंचने से पहले ही बस्ती पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि कई टीमें वांछितों की गिरफ्तारी में लगी हैं।

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