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हरियाणा! राज्यसभा के विवादास्पद चुनाव में आया नया मोड़, आयोग ने ‘वीटो’ लगाया
हरियाणा में हाल में हुए राज्यसभा की 2 सीटों के चुनावों में भारत के निर्वाचन आयोग ने हरियाणा के चुनाव अधिकारी द्वारा 11 जून को की गई उस घोषणा को वापिस ले लिया है, जिसमें जी टी.वी. नैटवर्क के मालिक सुभाष चंद्रा को विजयी घोषित कर दिया गया था। स्वतंत्र भारत के इतिहास में संभवतया ऐसा पहली बार होगा जब किसी राज्यसभा सदस्य को चुनाव अधिकारी द्वारा विजयी घोषित किए जाने के बाद चुनाव आयोग ने ‘वीटो’ लगाया हो।
भाजपा समर्थित निर्दलीय सुभाष चंद्रा के चुने जाने पर इनैलो समर्थित उम्मीदवार व जाने-माने वकील आर.के. आनंद की अपील पर निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कहा था कि यदि इस चुनाव में किसी भी तरह की अनियमितता पाई जाएगी तो चुनाव निरस्त कर दिया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि पराजित उम्मीदवार आनंद की शिकायत पर आयोग ने आरंभिक जांच में यह मान लिया है कि वहां की सीट पर चुनाव प्रक्रिया में पैन और स्याही बदले जाने के पीछे जान-बूझ कर गड़बड़ी की गई है। आनंद ने आरोप लगाया था कि भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को जिताने के लिए पूरी साजिश रची गई है।
चंडीगढ़ में राज्य चुनाव अधिकारी ने कांग्रेस विधायकों के 14 वोट इस आधार पर निरस्त कर दिए थे क्योंकि उनमें मतदान पत्र पर मार्क करने के लिए अलग-अलग स्याही का इस्तेमाल होना पाया गया था। हरियाणा राज्य चुनाव अधिकारी जो कि हरियाणा विधानसभा के भी सचिव हैं, ने अपने हस्ताक्षर से जो आधिकारिक चुनाव परिणाम घोषित किया उसमें मात्र चौधरी बीरेंद्र सिंह को ही 2534 मतों से विजयी घोषित किया गया है।
हरियाणा के चुनाव अधिकारी आर.के. नांदेल ने जो ताजा परिणाम निर्वाचन आयोग की वैबसाइट पर डाले हैं उनके हिसाब से आनंद व सुभाष चंद्रा के बीच चुनाव परिणाम की घोषणा को स्थगित कर दिया गया है। आयोग की वैबसाइट में नांदेल के नए फैसले को बाकायदा ‘हाइलाइटर’ लगाकर रखा गया है ताकि उसमें कोई छेड़छाड़ न की जा सके। चुनाव आयोग की वैबसाइट में दिखाया गया कि पहले दौर में सुभाष चंद्रा को 1500 और दूसरे दौर में 1460 वोट यानी कुल 2960 वोट मिले। आर.के. आनंद को पहले चरण में 2100 और दूसरे दौर में शून्य वोट मिला। चौधरी बीरेन्द्र सिंह को पहले चरण में 4000 वोट मिले और विजयी हुए।
भाजपा समर्थित निर्दलीय सुभाष चंद्रा के चुने जाने पर इनैलो समर्थित उम्मीदवार व जाने-माने वकील आर.के. आनंद की अपील पर निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कहा था कि यदि इस चुनाव में किसी भी तरह की अनियमितता पाई जाएगी तो चुनाव निरस्त कर दिया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि पराजित उम्मीदवार आनंद की शिकायत पर आयोग ने आरंभिक जांच में यह मान लिया है कि वहां की सीट पर चुनाव प्रक्रिया में पैन और स्याही बदले जाने के पीछे जान-बूझ कर गड़बड़ी की गई है। आनंद ने आरोप लगाया था कि भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को जिताने के लिए पूरी साजिश रची गई है।
चंडीगढ़ में राज्य चुनाव अधिकारी ने कांग्रेस विधायकों के 14 वोट इस आधार पर निरस्त कर दिए थे क्योंकि उनमें मतदान पत्र पर मार्क करने के लिए अलग-अलग स्याही का इस्तेमाल होना पाया गया था। हरियाणा राज्य चुनाव अधिकारी जो कि हरियाणा विधानसभा के भी सचिव हैं, ने अपने हस्ताक्षर से जो आधिकारिक चुनाव परिणाम घोषित किया उसमें मात्र चौधरी बीरेंद्र सिंह को ही 2534 मतों से विजयी घोषित किया गया है।
हरियाणा के चुनाव अधिकारी आर.के. नांदेल ने जो ताजा परिणाम निर्वाचन आयोग की वैबसाइट पर डाले हैं उनके हिसाब से आनंद व सुभाष चंद्रा के बीच चुनाव परिणाम की घोषणा को स्थगित कर दिया गया है। आयोग की वैबसाइट में नांदेल के नए फैसले को बाकायदा ‘हाइलाइटर’ लगाकर रखा गया है ताकि उसमें कोई छेड़छाड़ न की जा सके। चुनाव आयोग की वैबसाइट में दिखाया गया कि पहले दौर में सुभाष चंद्रा को 1500 और दूसरे दौर में 1460 वोट यानी कुल 2960 वोट मिले। आर.के. आनंद को पहले चरण में 2100 और दूसरे दौर में शून्य वोट मिला। चौधरी बीरेन्द्र सिंह को पहले चरण में 4000 वोट मिले और विजयी हुए।
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