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उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनजर बसपा संगठन में फेरबदल संभव, बदले जा सकते हैं कई प्रत्याशी
यूपी को 2017 फतह के लिए बसपा एक बार फिर संगठन को कसने की तैयारी में हैं। इस पर मंथन के लिए पार्टी सुप्रीमो मायवाती ने जोनल कोर्डिनेटर से लेकर विधानसभा अध्यक्ष तक को 19 में लखनऊ तलब किया है। माना जा रहा है कि बहनजी कई क्षेत्रों में पदाधिकारियों को हटाकर नए लोगों को जिम्मेदारी देंगी। घोषित किए जा चुकेकई विधानसभा प्रत्याशियों को भी बदला जा सकता है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक बैठक में जोनल, मंडल कोर्डिनेटर जिलाध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष, बामसेफ अध्यक्ष, बहुजन सेवक दल अध्यक्ष, सभी घोषित प्रत्याशियों शामिल रहेंगे। पार्टी का एजेंडा संगठन को दुरस्त करना, 2017 में चुनाव जीतना, घोषित प्रत्याशियों की समीक्षा, खाली सीटों पर प्रत्याशी घोषित करना, प्रदेश में कैराना प्रकरण, सपा रालोद की संभावित दोस्ती का असर प्रमुख तौर पर रहेगा।
माना जा रहा है कि कुछ पुराने और कुछ युवा नेताओं को संगठन में फिर से जगह दी जाएगी। जिस तरह अतर सिंह राव को पार्टी ने कुछ दिन साइड लाइन रखा लेकिन उसकी पार्टी के प्रति वफादारी देखकर पहले जोनल कोर्डिनेटर बनाया और बाद में एमएलसी का तोहफा भी दे दिया, इसी तरह कुछ और समर्पित कार्यकर्ताओं को तवज्जो दी जा सकती है।
जिला संगठन और बामसेफ की रिपोर्ट के बाद कई जिलों केकमजोर प्रत्याशी बदलने पर विचार संभव है। बसपा केपक्ष में क्रास वोट करने वाले कांग्रेस के विधायकों को पार्टी में शामिल करने, पूर्व घोषित प्रत्याशी को बदलकर इन विधायकों को प्रत्याशी बनाने की जानकारी भी दी जा सकती है। जिन प्रत्याशियों के टिकट कटेंगे उनको संगठन में एडजस्ट किया जा सकता है। कुल मिलाकर बसपा की प्रस्ताविक यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक बसपा यह भी सोच रही है कि दूसरे दलों के जनाधार वाले कुछ नेताओं को पार्टी में शामिल किया जाए। इसके लिए हर जिले के दूसरे दलों के ऐसे नेताओं की जानकारी जिला संगठन से लेने पर विचार किया जा रहा है जिनकी छवि उदार हो।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक बैठक में जोनल, मंडल कोर्डिनेटर जिलाध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष, बामसेफ अध्यक्ष, बहुजन सेवक दल अध्यक्ष, सभी घोषित प्रत्याशियों शामिल रहेंगे। पार्टी का एजेंडा संगठन को दुरस्त करना, 2017 में चुनाव जीतना, घोषित प्रत्याशियों की समीक्षा, खाली सीटों पर प्रत्याशी घोषित करना, प्रदेश में कैराना प्रकरण, सपा रालोद की संभावित दोस्ती का असर प्रमुख तौर पर रहेगा।
माना जा रहा है कि कुछ पुराने और कुछ युवा नेताओं को संगठन में फिर से जगह दी जाएगी। जिस तरह अतर सिंह राव को पार्टी ने कुछ दिन साइड लाइन रखा लेकिन उसकी पार्टी के प्रति वफादारी देखकर पहले जोनल कोर्डिनेटर बनाया और बाद में एमएलसी का तोहफा भी दे दिया, इसी तरह कुछ और समर्पित कार्यकर्ताओं को तवज्जो दी जा सकती है।
जिला संगठन और बामसेफ की रिपोर्ट के बाद कई जिलों केकमजोर प्रत्याशी बदलने पर विचार संभव है। बसपा केपक्ष में क्रास वोट करने वाले कांग्रेस के विधायकों को पार्टी में शामिल करने, पूर्व घोषित प्रत्याशी को बदलकर इन विधायकों को प्रत्याशी बनाने की जानकारी भी दी जा सकती है। जिन प्रत्याशियों के टिकट कटेंगे उनको संगठन में एडजस्ट किया जा सकता है। कुल मिलाकर बसपा की प्रस्ताविक यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक बसपा यह भी सोच रही है कि दूसरे दलों के जनाधार वाले कुछ नेताओं को पार्टी में शामिल किया जाए। इसके लिए हर जिले के दूसरे दलों के ऐसे नेताओं की जानकारी जिला संगठन से लेने पर विचार किया जा रहा है जिनकी छवि उदार हो।
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