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उत्तर प्रदेश

अमर सिंह को जयाप्रदा के लिए कुछ नहीं कर पाने का मलाल


लखनऊ :  बालीवुड स्टार तथा रामपुर सांसद रहीं जयाप्रदा से अपने सम्बन्धों के बारे में सपा नेता अमर सिंह ने कहा कि वह हमेशा किसी साये की तरह उनके पीछे खड़ी रहीं हैं। आश्चर्यजनक यह कि जया मेरे राज्यसभा के लिए नामांकन से खुश हैं लेकिन मैं खिन्न हूं। मेरी लाख कोशिश के बावजूद उन्हें कहीं समायोजित नहीं करा सका। उन्होंने मेरी वजह से कांग्रेस और भाजपा में जाने से साफ इन्कार कर दिया। उन्होंने अपना राजनीतिक करियर कुरबान कर दिया। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से राज्यसभा का चुनाव जीतने के कुछ ही दिन बाद अमर सिंह पूरी रौ में आ गए।



अखिलेश पर हावी नहीं होगा 'अंकल सिंड्रोम'



अमर सिंह में फुल फार्म में हैं। अमर सिंह ने दावा किया है कि अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर किसी भी कीमत पर 'अंकल सिंड्रोम' हावी नहीं हो पाएगा।



अमर सिंह करीब छह साल गर्दिश में गुजारकर समाजवादी पार्टी में वापस लौटे हैं। एक न्यूज एजेंसी ने उन्होंने कहा कि वह अपनी सीमाएं जानते हैं और राजनीति तथा पारिवारिक रिश्तों के बीच बेहतर संतुलन रखते हुए अपने भतीजे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर 'अंकल सिंड्रोम' को हावी नहीं होने देंगे।






अमर सिंह ने कहा कि अपनी दूसरी पारी में मैं राजनीति तथा पारिवारिक सम्बन्धों के बीच संतुलन बना लूंगा। मतलब यह है कि अखिलेश जहां एक ओर मेरे भतीजे हैं, वहीं वह दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री भी हैं। मैं अखिलेश के प्रति अंकल सिंड्रोम को हावी नहीं होने दूंगा। उन्होंने कहा कि मैं समाजवादी पार्टी के अघोषित मार्गदर्शक मण्डल का सदस्य हूं। यह सक्रिय होगा या निष्क्रिय रहेगा, यह हमारे नये नेता अखिलेश पर निर्भर करेगा। मेरे पास शिकायत की कोई वजह नहीं है।



अमर सिंह ने कहा कि अपनी बीते दिनों के अनुभव से मैं काफी कुछ सीख चुका हूं। मैंने अपनी पारी भी खेल ली है। अब मैं ज्यादा धैर्य और सहजता से काम लूंगा।






अमर सिंह ने कहा कि अब वह अतिउत्साह में कोई भी काम नहीं करेंगे और कभी भी मुख्यमंत्री को अपनी छाया में लेने की कोशिश नहीं करेंगे। वह अब ताकत की सियासत करने या कोई पद लेने के इच्छुक नहीं हैं।



इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे अमर सिंह का काफी प्रभाव तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पर रहता था।






उनका तत्कालीन मुख्यमंत्री के हर फैसले में नजर आता था। उस दौर में वह पार्टी के सबसे ताकतवर नेता माने जाते थे। अमर सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष के दौरान समाजवादी पार्टी में शक्ति का हस्तांतरण हुआ। मुलायम सिंह यादव के बाद अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के बड़े नेता हैं।

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