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उत्तर प्रदेश

मातहतों की गुंडई की कीमत SSP ने चुकाई, जनता दरबार में हुई सीएम से हुई शिकायत

गोरखपुर। मातहतों की गुंडई की कीमत आखिरकार जिले के के कप्तान ने सस्पेंड होकर चुकाई। गोरखपुर के एसएसपी अनंत देव को अपनी कप्तानी इसलिए गंवानी पड़ी क्योंकि उनके मातहतों ने सत्ताधारी दल के नेता के बेटे को बेरहमी से पीटा। अनंत देव वही पुलिस अफसर हैं, जिन्होंने यूपी एसटीएफ़ में रहते हुए 60 से जयदा एनकाउंटर किए हैं। अनंत देव ने ही ददुआ और ठोकिया जैसे आतंक का नाम बन चुके चंबल के डाकुओं का सफाया किया था। मामला बुधवार को जब सीएम के जनता दरबार में पहुंचा तो सीएम ने अनंत देव सहित पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। कानपुर के एसपी इंटेलिजेंस रामलाल वर्मा को अनंत देव के स्थान पर गोरखपुर का एसएसपी बनाया गया है।

क्या है पूरा मामला?

मामला कैंट थाना के गोपलापुर इलाके की है । जहां हत्या के मामले में जेल में सजा काट रहे सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष गोपाल यादव के बगल में शोभा यादव की पुश्तैली मीन है। शोभा यादव का कहना है कि गोपाल यादव के परिजन उनकी जमीन पर जबरन कब्जा करना चाहते थे। बीती रात गोपाल यादव के परिजन उनकी जमीन पर कब्जे की नीयत से मिट्टी डाल कर पाट रहे थे।  इसका विरोध करने पर गोपाल यादव के बेटे गौरव यादव और उसके गुर्गो ने फायरिंग की थी  । इस फायरिंग में शोभा यादव का बड़ा भाई राम नयन यादव घायल हुआ था । जबकि शोभा यादव की तरफ से की गई फायरिंग में गोपाल यादव के रिश्तेदार चंद्रजीत यादव के पेट में गोली लगी थी।

दोषी पुलिस वालों के खिलाफ हुई कार्रवाई

घायलों को आनन-फानन में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां हालत गंभीर होने पर घायलों को मेडिकल कालेज रेफर किया गया था। वहीं पुलिस ने दोनों पक्ष के चार लोगों को हिरासत में लिया था। इसी पूरे मामले को लेकर कैंट थाने पर सपा के जिलाध्यक्ष के पुत्र की थाने मे हुई पिटाई की आरोप लगा कर सपा नेताओं और अधिवक्ताओं ने मंगलवार की रात मे कैंट थाने पर हँगामा खड़ा कर दिया औए कथित रूप से पिटाई करने वाले तीन चौकी इंचार्ज और एक सिपाही की निलंबन की मांग की। बाद मे कल चारों पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होने पर हँगामा शांत हुआ। गौरव यादव सपा के जिला सचिव और पेसे से अधिवक्ता भी है।

जनता दरबार में हुई सीएम से हुई शिकायत

इसके बाद पीड़ित गौरव यादव के परिजनों ने बुधवार को लगने वाले जनता दरबार में पहुंचा कर सीएम के सामने पूरा मामला रखा। पूरे मामले में मातहतों द्वारा किये गए उत्पीड़न के लिए एसएसपी को जिम्मेदार मानते हुए सीएम अखिएश यादव ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। इस कार्रवाई से जहां पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया तो वही सपाइयों में खुशी की लहर है। मंगलवार रात हंगामे के बाद इस मामले में मोहद्दीपुर चौकी इंचार्ज नरेंद्र प्रताप राय, बेतियाहाता चौकी इंचार्ज दिनेश तिवारी, जटेपुर चौकी इंचार्ज मृत्युंजय सिंह और सिपाही योगेश सिंह को निलंबित किया गया था।
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