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उत्तर प्रदेश

वाजपाई को हाशिये से उठाया मोदी ने और सौंप दिया मंच, एक तीर से कई घायल

इलाहाबाद : स्कूटर से चलने वाले बीजेपी के पांच बार के MLA और पूर्व प्रदेश प्रमुख लक्ष्मीकांत वाजपेयी के दिन फिर से लौटते दिख रहे. भ्रष्टाचार के खिलाफ यूपी में मोर्चा खोलने वाली बीजेपी को वाजपेयी की ज़रुरत एक बार फिर महसूस हुई है.

मुलायम और मायावती को एक तीर से घायल करने की रणनीति

सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेतृत्व का मानना है कि मुलायम और मायावती दोनों को जिस एक तीर से घायल किया जा सकता है वो तीर वाजपाई की कमान से ही छोड़ा जा सकता है. सादगी और सत्यनिष्ठा के लिए जाने गए वाजपाई का सम्मान संघ ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी भी करते हैं. इसीलिए वाजपाई को इस बार न सिर्फ राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विशेष न्योता दिया गया बल्कि आज मोदी की रैली में उन्होंने पार्टी के दिग्गजों के बीच अकेले मंच का संचालन का काम भी सौंपा गया. ये अलग बात है की उनकी गरज़ती आवाज़ से बीजेपी की एक लॉबी  बेचैन थी. कुछ महीने पहले ही वाजपाई की पार्टी प्रमुख के पद से छुट्टी कर दी गई थी. ये जानते हुए भी कि यूपी में 2012 के विधान सभा चुनाव में मुंह के बल गिरने के बाद पार्टी ने वाजपेयी को अध्यक्ष नियुक्त किया था और 2014 की ऐतिहासिक जीत में वो नींव की ईंट बने थे.

" देखिये मोदीजी की एक खासियत है. वो चुनाव में खरचे को लेकर भले ही अडानी या अम्बानी को चाय पर बुला लें लेकिन मोदीजी  दिल से  सिर्फ सादगी भरे लोगों का सम्मान करते हैं. वो उनके स्टाफ में ठक्कर जैसे रिटायर्ड अफसर भी हो सकते हैं या स्कूटर पर चलने वाले लक्ष्मीकांत वाजपेयी," ये कहना था यूपी बीजेपी के एक बड़े नेता का. सूत्रों के मुताबिक चकाचौंध वाली प्रमोद महाजन स्टाइल सियासत करने वाले यूपी के युवा संगठन मंत्री सुनील बंसल की कई शिकायतें पार्टी  नेतृत्व तक पहुंची थीं. एक वक़्त पर बंसल के कहने पर वाजपाई को ठन्डे बस्ते के हवाले कर दिया गया था लेकिन आज पार्टी को न सिर्फ ब्राह्मण नेता  की तलाश है  बल्कि एक खांटी ईमानदार चेहरा भी चाहिए.  वाजपेयी को पार्टी,  सीएम का चेहरा नहीं बनाने जा रही लेकिन उनके जरिये बीजेपी अब मायावती और मुलायम के भ्रष्ट साम्राज्य पर ज़बरदस्त हमला ज़रूर बोलेगी. सोमवार की रैली में जहाँ मंच संचालन से वाजपाई और मुख्य वक्ता  के तौर पर मोदी,  यूपी के भ्रष्ट राजनीतिक दलों  पर जिस तरह गोले दाग रहे थे उसे कुछ लोगों ने बेहतरीन जुगलबंदी कहा है. फिलहाल वाजपाई को अँधेरे से उजाले की और लाने के बाद बंसल लॉबी सक्रीय हो गई है.
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