पूर्वांचल के दबंग यादव नेताओं को तोड़ने की कवायद
लखनऊ. यूपी विधान सभा के लिए कमर कस चुकी भाजपा की निगाह जातीय समीकरणों पर टिकी हुयी है. बसपा के मूल दलित वोटो को योजनाबद्ध ढंग से अपने पाले में जोड़ने की कवायद के साथ ही भाजपा अब समाजवादी पार्टी के यादव वोटों पर भी निगाहें लगाने में जुट गयी है.
भाजपा की इस योजना को फलिभूत करने के लिए पार्टी के दबंग यादव नेता रमाकांत यादव जुटे हुए हैं. रमाकांत यादव को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव में हराया था.इन तीनो नेताओं की राजनाथ सिंह से मुलाकात भी हो चुकी है.
अब रमाकांत के जरिये भाजपा गोरखपुर और बस्ती मंडल के 3 बड़े यादव नेताओं बालेश्वर यादव, भालचंद यादव और जयप्रकाश यादव से संपर्क साध चुकी है. इनके भाजपा में शामिल होने की महज औपचारिक घोषणा ही बाकी है. इन तीन में से दो पूर्व सांसद हैं और एक पूर्व मंत्री है.
बालेश्वर यादव को मुलायम सिंह ने बहुत तवज्जो दी थी. बालेश्वर का देवरिया और कुशिनगर जिले में बड़ा प्रभाव है. बालेश्वर यादव के बेटे को हालाकि समाजवादी पार्टी ने विधान सभा का प्रत्याशी घोषित किया है मगर खुद बालेश्वर राज्यसभा प्रत्याशी न बनाये जाने से नाराज हैं. बालेश्वर यादव का प्रभाव कम से कम 6 विधान सभाओं के वोटरों पर है.
भालचन्द यादव संतकबीर नगर जिले के बड़े नेता माने जाते हैं. जिलापंचायत के चुनावो में पार्टी ने उनकी अनदेखी की और वे नाराज हो गए. जयप्रकाश यादव भालचंद के समधी है. कभी मंत्री रह चुके जयप्रकाश यादव की पार्टी ने बहुत किरकिरी करायी एम्एलसी का टिकट देने के बाद भी काट दिया गया और फिर गोरखपुर जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावो में भी उनके परिवार के साथ ऐसा ही हुआ.
अपनी उपेक्षा से आजिज ये तीनो नेता अब भाजपा का दामन थामने को तैयार है. भाजपा का मानना है कि यदि पूर्वांचल के ये यादव नेता पार्टी में शामिल हो जाते हैं तो सपा के बेस वोट में बड़ी सेंध लगायी जा सकती है, साथ ही साथ मतदाताओं में भी बड़ा सन्देश दिया जा सकेगा कि अब यादव भी सपा में अपना भविष्य नहीं देख रहे.
आजमगढ़ से रमाकांत, देवरिया कुशीनगर से बालेश्वर, गोरखपुर से जयप्रकाश मिल कर पूर्वांचल के यादवो की एक बड़ी ताकत बनाते हैं. इसके जरिये सपा के वोट बैंक में भाजपा एक बड़ी सेंध लगा सकती है.
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