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इंटरव्यू CM के बेबाक जवाब ! 'यूपी में त्रिकोणीय मुकाबला, कोई सरेंडर न करें'
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस चुके हैं। उनका साफ कहना है कि चुनाव में समीकरण भले ही कुछ भी बनें, लेकिन काम में कोई भी दल उनका मुकाबला नहीं कर सकता। उनका दावा है कि अपने काम के बलबूते वे दोबारा सत्ता में वापसी करेंगे। बकौल अखिलेश भाजपा केवल बात करती है काम नहीं जबकि बसपा का कोई एजेंडा ही नहीं है।
सवाल- मथुरा कांड में कहां चूक हुई? सरकार क्या कार्रवाई कर रही है?
जवाब- मथुरा की घटना में कहां और किस स्तर पर चूक हुई, इससे जुड़े सभी तथ्यों का पता लगाने के लिए राज्य सरकार ने एक न्यायिक जांच आयोग गठित किया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में गठित यह आयोग मामले के सभी पहलुओं की जांच कर दो महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा। चूंकि आयोग गठित हो गया है, इसलिए इस प्रकरण में और कुछ कहना मुनासिब नहीं होगा।
सवाल- कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष अक्सर आपकी सरकार को कठघरे में खड़ा करता है। क्या कानून-व्यवस्था से आप संतुष्ट हैं?
जवाब- हां, मैं राज्य की कानून-व्यवस्था से संतुष्ट हूं। इसके बावजूद इसे बेहतर बनाने के की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है। अपने चार वर्ष से अधिक के कार्यकाल के दौरान समाजवादी सरकार ने कानून-व्यवस्था के सभी क्षेत्रों में काफी काम किया है। इसे चाक-चौबंद बनाने के मकसद से आधुनिक तकनीक का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करते हुए हम डायल-100 व्यवस्था लागू करने जा रहे हैं, जिससे जरूरत पड़ने पर पुलिस 10 से 15 मिनट में घटना स्थल पर पहुंच जाए। इससे प्रदेश की कानून-व्यवस्था और भी चुस्त-दुरुस्त हो जाएगी।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए लागू की गई 1090 वीमन पावर लाइन की सफलता किसी से छिपी नहीं है। राज्य सरकार की इस व्यवस्था से लाखों छात्राओं एवं महिलाओं को सम्मान के साथ रहने का अवसर मिला है। जहां तक विपक्ष का सवाल है तो उनके पास समाजवादी सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है।
इसलिए वे लोग हताशा में लगातार बाल की खाल निकालते रहते हैं। जब-जब राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार आती है, छोटी सी छोटी घटना को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है और बेवजह हल्ला मचाया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में मुकाबला त्रिकोणीय होगा। उनकी खुद की इच्छा है कि सभी दल मजबूती से चुनाव लड़ें और कोई सरेंडर न करें। सभी दलों के पूरी ताकत से चुनाव मैदान में उतरने से ही पता चलेगा कि किसमें कितना दम है।
उन्होंने कहा कि चुनाव में बहुत ज्यादा वक्त नहीं बचा है। जल्द ही जनता अपना मन बना लेगी कि वह किसके साथ खड़ी होगी। चुनावी तैयारियों में सपा को सबसे आगे बताते हुए उन्होनें कहा कि ‘गुड स्टार्ट हॉफ बिगेन।’ यानी आगाज अच्छा है तो समझो आधी जंग जीत ली। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अनिल श्रीवास्तव ने अखिलेश यादव से विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत है प्रमुख अंश:
उन्होंने कहा कि चुनाव में बहुत ज्यादा वक्त नहीं बचा है। जल्द ही जनता अपना मन बना लेगी कि वह किसके साथ खड़ी होगी। चुनावी तैयारियों में सपा को सबसे आगे बताते हुए उन्होनें कहा कि ‘गुड स्टार्ट हॉफ बिगेन।’ यानी आगाज अच्छा है तो समझो आधी जंग जीत ली। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अनिल श्रीवास्तव ने अखिलेश यादव से विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत है प्रमुख अंश:
'विधानसभा चुनाव में होगा त्रिकोणीय मुकाबला'
सवाल- विधानसभा चुनाव में किस तरह का मुकाबला देख रहे हैं?
जवाब- त्रिकोणीय मुकाबला होना है। हम चाहते हैं कोई सरेंडर न करे। सभी मजबूती से लड़ें। कोई कमजोर नहीं पड़ना चाहिए। अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है चुनाव में। सभी जुटे हैं। हम भी जुटे हैं। भाजपा और बसपा भी अपनी तैयारी कर रहे हैं। हमारी तैयारी तो काफी पहले से है।
सवाल- मुख्य मुकाबला किससे मानते हैं?
जवाब- समीकरण की बात अलग है, लेकिन काम में हमारा किसी से कोई मुकाबला नहीं है। काम में हम सबसे आगे हैं। जो काम किया है उसे लोग देखेंगे और फिर दूसरे दलों से तुलना करेंगे। भाजपा के लोग केवल बातें करते हैं। अबकी बार ये, अबकी बार वो जैसे नारे देते हैं लेकिन काम कुछ नहीं करते। जहां तक बसपा का सवाल है तो उनका कोई एजेंडा ही नहीं है। जो नौ साल से पत्थर बनकर बैठे हैं, उन्हें जनता पुनर्जीवित क्यों करेगी? उनके हाथी नौ साल से बैठे के बैठे, खड़े हैं। ऐसे में हम किसी से मुकाबला नहीं मानते।
जवाब- त्रिकोणीय मुकाबला होना है। हम चाहते हैं कोई सरेंडर न करे। सभी मजबूती से लड़ें। कोई कमजोर नहीं पड़ना चाहिए। अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है चुनाव में। सभी जुटे हैं। हम भी जुटे हैं। भाजपा और बसपा भी अपनी तैयारी कर रहे हैं। हमारी तैयारी तो काफी पहले से है।
सवाल- मुख्य मुकाबला किससे मानते हैं?
जवाब- समीकरण की बात अलग है, लेकिन काम में हमारा किसी से कोई मुकाबला नहीं है। काम में हम सबसे आगे हैं। जो काम किया है उसे लोग देखेंगे और फिर दूसरे दलों से तुलना करेंगे। भाजपा के लोग केवल बातें करते हैं। अबकी बार ये, अबकी बार वो जैसे नारे देते हैं लेकिन काम कुछ नहीं करते। जहां तक बसपा का सवाल है तो उनका कोई एजेंडा ही नहीं है। जो नौ साल से पत्थर बनकर बैठे हैं, उन्हें जनता पुनर्जीवित क्यों करेगी? उनके हाथी नौ साल से बैठे के बैठे, खड़े हैं। ऐसे में हम किसी से मुकाबला नहीं मानते।
'हम जितना घूम रहे हैं कोई नेता उतना नहीं कर रहा है'
सवाल- आप जिलों का लगातार दौरा कर रहे हैं। जनता का क्या मूड समझ में आ रहा है?
जवाब- जनता चुनाव से पहले से ही मन बना लेती है। मुझे लगता है कि अब वह वक्त दूर नहीं जब जनता मन बना लेगी कि चुनाव में किसे लाना है। चुनाव में बहुत ज्यादा समय नहीं बचा है। जनता के बीच जा रहे हैं। फीडबैक ले रहे हैं। सड़क पर चलने का लाभ हो रहा है। जनता से सीधा संपर्क करने का मौका मिल रहा है। लोग हमसे जुड़ रहे हैं। जितना हम घूम रहे हैं, उतना कोई नेता नहीं घूम रहा है। लगातार जिलों का दौरा चल रहा है। व्यक्तिगत कार्यक्रमों में शामिल होने पर लोगों से संपर्क और संवाद कर रहे हैं। इसका फायदा तो मिलेगा ही चुनाव में।
सवाल- बुंदेलखंड में किसान परेशान हैं। विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बना बना रहा है?
जवाब- कोई भी सीएम बुंदेलखंड उतना नहीं गया जितना मै गया। बुंदेलखंड के आपदा प्रभावित किसानों और गरीबों को मदद देने में सरकार कोई कसर बाकी नहीं रख रही है। मैं सूखा पीड़ितों को मदद बांटने खुद गया। फिर जा रहा हूं। जितना काम बुंदेलखंड के लिए इस सरकार ने किया उतना पहले किसी ने नहीं किया।
जवाब- जनता चुनाव से पहले से ही मन बना लेती है। मुझे लगता है कि अब वह वक्त दूर नहीं जब जनता मन बना लेगी कि चुनाव में किसे लाना है। चुनाव में बहुत ज्यादा समय नहीं बचा है। जनता के बीच जा रहे हैं। फीडबैक ले रहे हैं। सड़क पर चलने का लाभ हो रहा है। जनता से सीधा संपर्क करने का मौका मिल रहा है। लोग हमसे जुड़ रहे हैं। जितना हम घूम रहे हैं, उतना कोई नेता नहीं घूम रहा है। लगातार जिलों का दौरा चल रहा है। व्यक्तिगत कार्यक्रमों में शामिल होने पर लोगों से संपर्क और संवाद कर रहे हैं। इसका फायदा तो मिलेगा ही चुनाव में।
सवाल- बुंदेलखंड में किसान परेशान हैं। विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बना बना रहा है?
जवाब- कोई भी सीएम बुंदेलखंड उतना नहीं गया जितना मै गया। बुंदेलखंड के आपदा प्रभावित किसानों और गरीबों को मदद देने में सरकार कोई कसर बाकी नहीं रख रही है। मैं सूखा पीड़ितों को मदद बांटने खुद गया। फिर जा रहा हूं। जितना काम बुंदेलखंड के लिए इस सरकार ने किया उतना पहले किसी ने नहीं किया।
'जो आगे है आगे ही रहेगा'
सवाल- चुनाव के लिए पार्टी की तैयारी कहां तक पहुंची?
जवाब- यूपी का चुनाव काफी अहम है। हम प्रचार में, काम में और टिकट बांटने में आगे हैं। जो आगे है, वह आगे ही रहेगा। चुनाव में हम सबको पीछे छोड़ देंगे। हमने अपना भी माइंड मेकअप कर लिया है और वर्कर का भी कर दिया है कि अब चुनाव है और कुछ नहीं। सबको जी जान से जुटना है।
सवाल- किन कामों के बलबूते सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रहे हैं?
जवाब- लोकतंत्र की विशेषता है कि लोग विकास चाहते हैं। लोगों की अपेक्षा रहती है बेहतर सुविधाएं मिलें और बदलाव दिखाई दे। हम यह सब कर रहे हैं। समाजवादी पेंशन, एक्सप्रेस-वे, 108-102 एंबुलेंस, फोर लेन सड़कों, बिजली आपूर्ति आदि से लोगों के जीवन में बदलाव आया है। महिलाओं, बच्चों समेत अच्छा काम करने वाले सभी लोगों को सरकार ने प्रोत्साहित किया और मदद की है। हमारी उपलब्धियां जनता देख रही है। हमें अब जनता को यह समझाना है कि हमने जो बुनियाद रखी है उसे समाजवादी ही आगे बढ़ा सकते हैं।
जवाब- यूपी का चुनाव काफी अहम है। हम प्रचार में, काम में और टिकट बांटने में आगे हैं। जो आगे है, वह आगे ही रहेगा। चुनाव में हम सबको पीछे छोड़ देंगे। हमने अपना भी माइंड मेकअप कर लिया है और वर्कर का भी कर दिया है कि अब चुनाव है और कुछ नहीं। सबको जी जान से जुटना है।
सवाल- किन कामों के बलबूते सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रहे हैं?
जवाब- लोकतंत्र की विशेषता है कि लोग विकास चाहते हैं। लोगों की अपेक्षा रहती है बेहतर सुविधाएं मिलें और बदलाव दिखाई दे। हम यह सब कर रहे हैं। समाजवादी पेंशन, एक्सप्रेस-वे, 108-102 एंबुलेंस, फोर लेन सड़कों, बिजली आपूर्ति आदि से लोगों के जीवन में बदलाव आया है। महिलाओं, बच्चों समेत अच्छा काम करने वाले सभी लोगों को सरकार ने प्रोत्साहित किया और मदद की है। हमारी उपलब्धियां जनता देख रही है। हमें अब जनता को यह समझाना है कि हमने जो बुनियाद रखी है उसे समाजवादी ही आगे बढ़ा सकते हैं।
विपक्ष लगातार नकार रहा है सरकार की उपलब्धियां
सवाल- लेकिन विपक्ष सरकार की उपलब्धियों को नकार रहा है?
जवाब- हम तो अपने रिपोर्ट कार्ड के साथ जनता के सामने हैं। विपक्षियों को बताना है कि उन्होंने क्या किया? भाजपा बताए कि अबकी बार ये अबकी बार वो के नारे सिवा क्या किया? बीजेपी के 73 सांसद हैं। केंद्र में सरकार है। बताएं कि अपने क्षेत्र के लिए क्या किया? क्या बदलाव लाए?
हमारे काम को देखकर कम से कम बसपा कह तो रही है कि हम विकास कराएंगे और बदलाव लाएंगे। जनता सब देख रही है कि किसने क्या किया है? किसकी सरकार से उसे लाभ होगा। हम जनता के बीच सबसे पहले पहुंचे हैं। इसका लाभ हमें निश्चित तौर पर मिलेगा। हम कह सकते हैं कि 4 साल में हमने जो काम किया है, उसके बाद मौका मिला तो आगे और तेजी से प्रदेश को विकास के रास्ते ले जाएंगे। जनता को समझाएंगे कि अगर और तेज विकास चाहिए तो समाजवादियों को मौका दें। जमीन पर जो योजनाएं उतारी हैं, उसका लाभ लोगों को मिलेगा। दूसरों को बताना है कि उन्होंने क्या किया है?
सवाल- केंद्र सरकार विकास के मामले में राज्य सरकार पर असहयोग का आरोप लगा रही है?
जवाब- हम विकास रोके ने के पक्ष में कतई नहीं हैं। विकास के लिए केंद्र को हर तरह का सहयोग देने को तैयार हैं। केंद्र मांगे तो योजनाओं के लिए जमीन देंगे। एम्स के लिए जमीन दे दी, अब उसे बनाना केंद्र का काम है। योजनाओं के लिए जब केंद्र जमीन ही नहीं मांग रहा है तो विकास क्या करेगा?
जवाब- हम तो अपने रिपोर्ट कार्ड के साथ जनता के सामने हैं। विपक्षियों को बताना है कि उन्होंने क्या किया? भाजपा बताए कि अबकी बार ये अबकी बार वो के नारे सिवा क्या किया? बीजेपी के 73 सांसद हैं। केंद्र में सरकार है। बताएं कि अपने क्षेत्र के लिए क्या किया? क्या बदलाव लाए?
हमारे काम को देखकर कम से कम बसपा कह तो रही है कि हम विकास कराएंगे और बदलाव लाएंगे। जनता सब देख रही है कि किसने क्या किया है? किसकी सरकार से उसे लाभ होगा। हम जनता के बीच सबसे पहले पहुंचे हैं। इसका लाभ हमें निश्चित तौर पर मिलेगा। हम कह सकते हैं कि 4 साल में हमने जो काम किया है, उसके बाद मौका मिला तो आगे और तेजी से प्रदेश को विकास के रास्ते ले जाएंगे। जनता को समझाएंगे कि अगर और तेज विकास चाहिए तो समाजवादियों को मौका दें। जमीन पर जो योजनाएं उतारी हैं, उसका लाभ लोगों को मिलेगा। दूसरों को बताना है कि उन्होंने क्या किया है?
सवाल- केंद्र सरकार विकास के मामले में राज्य सरकार पर असहयोग का आरोप लगा रही है?
जवाब- हम विकास रोके ने के पक्ष में कतई नहीं हैं। विकास के लिए केंद्र को हर तरह का सहयोग देने को तैयार हैं। केंद्र मांगे तो योजनाओं के लिए जमीन देंगे। एम्स के लिए जमीन दे दी, अब उसे बनाना केंद्र का काम है। योजनाओं के लिए जब केंद्र जमीन ही नहीं मांग रहा है तो विकास क्या करेगा?
...सिर्फ गाड़ी ही नहीं साइकिल भी चलाएंगे
सवाल- क्या 2 अक्तूबर को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर गाड़ी चलाएंगे?
जवाब- 2 अक्तूबर को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर गाड़ी तो चलाएंगे ही, साथ ही साइकिल भी चलाएंगे। एक्सप्रेस-वे के बन जाने से विकास की रफ्तार भी तेज होगी। राजधानी में गोमती रिवर फ्रंट का काम भी तेजी से हो रहा है। हम पूरे प्रदेश में हो रहे विकास को एक साथ जोड़ने की कोशिश में जुटे हैं। विकास के साथ पर्यावरण के क्षेत्र में भी काफी काम किया है। वन्यजीव व पक्षियों के संरक्षण के साथ पौधरोपण, नदियों की सफाई, तालाब खुदवाने आदि का काम भी सरकार ने बड़े पैमाने पर कराया है।
सवाल- बचे हुए कार्यकाल में कुछ खास करने की योजना, जिससे चुनावी लाभ मिल सके?
जवाब- चुनाव आ गया है और अब कोई कुछ नहीं कर सकता है। हम चाहें भी तो अब कुछ नहीं कर सकते। चार साल में जो कुछ करना था, देना था, जनता को दे दिया। सब जनता सामने है। जनता ही दूसरों से इसकी तुलना करके चुनाव में अपना फैसला सुनाएगी।
जवाब- 2 अक्तूबर को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर गाड़ी तो चलाएंगे ही, साथ ही साइकिल भी चलाएंगे। एक्सप्रेस-वे के बन जाने से विकास की रफ्तार भी तेज होगी। राजधानी में गोमती रिवर फ्रंट का काम भी तेजी से हो रहा है। हम पूरे प्रदेश में हो रहे विकास को एक साथ जोड़ने की कोशिश में जुटे हैं। विकास के साथ पर्यावरण के क्षेत्र में भी काफी काम किया है। वन्यजीव व पक्षियों के संरक्षण के साथ पौधरोपण, नदियों की सफाई, तालाब खुदवाने आदि का काम भी सरकार ने बड़े पैमाने पर कराया है।
सवाल- बचे हुए कार्यकाल में कुछ खास करने की योजना, जिससे चुनावी लाभ मिल सके?
जवाब- चुनाव आ गया है और अब कोई कुछ नहीं कर सकता है। हम चाहें भी तो अब कुछ नहीं कर सकते। चार साल में जो कुछ करना था, देना था, जनता को दे दिया। सब जनता सामने है। जनता ही दूसरों से इसकी तुलना करके चुनाव में अपना फैसला सुनाएगी।
जिन मुद्दों पर विपक्ष उठा रहा सवाल, उनका भी बेबाकी से दिया जवाब
सवाल- मथुरा कांड में कहां चूक हुई? सरकार क्या कार्रवाई कर रही है?
जवाब- मथुरा की घटना में कहां और किस स्तर पर चूक हुई, इससे जुड़े सभी तथ्यों का पता लगाने के लिए राज्य सरकार ने एक न्यायिक जांच आयोग गठित किया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में गठित यह आयोग मामले के सभी पहलुओं की जांच कर दो महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा। चूंकि आयोग गठित हो गया है, इसलिए इस प्रकरण में और कुछ कहना मुनासिब नहीं होगा।
सवाल- कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष अक्सर आपकी सरकार को कठघरे में खड़ा करता है। क्या कानून-व्यवस्था से आप संतुष्ट हैं?
जवाब- हां, मैं राज्य की कानून-व्यवस्था से संतुष्ट हूं। इसके बावजूद इसे बेहतर बनाने के की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है। अपने चार वर्ष से अधिक के कार्यकाल के दौरान समाजवादी सरकार ने कानून-व्यवस्था के सभी क्षेत्रों में काफी काम किया है। इसे चाक-चौबंद बनाने के मकसद से आधुनिक तकनीक का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करते हुए हम डायल-100 व्यवस्था लागू करने जा रहे हैं, जिससे जरूरत पड़ने पर पुलिस 10 से 15 मिनट में घटना स्थल पर पहुंच जाए। इससे प्रदेश की कानून-व्यवस्था और भी चुस्त-दुरुस्त हो जाएगी।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए लागू की गई 1090 वीमन पावर लाइन की सफलता किसी से छिपी नहीं है। राज्य सरकार की इस व्यवस्था से लाखों छात्राओं एवं महिलाओं को सम्मान के साथ रहने का अवसर मिला है। जहां तक विपक्ष का सवाल है तो उनके पास समाजवादी सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है।
इसलिए वे लोग हताशा में लगातार बाल की खाल निकालते रहते हैं। जब-जब राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार आती है, छोटी सी छोटी घटना को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है और बेवजह हल्ला मचाया जाता है।
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