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उत्तर प्रदेश

जानें क्या होने वाला है महंगा जिससे बिगड़ने वाला है रसोई का बजट

नई दिल्लीः एक ओर आर्थिक आंकड़ें आ रहे हैं कि देश की आर्थिक वृद्धि दर रिकॉर्ड तेजी से बढ़ रही है वहीं दूसरी ओर आम जनता की खाने की थाली से दिनों-दिन जरूरी चीजें साफ होती जा रही है. ऐसा क्यों हो रहा है? तो इसका जवाब है महंगाई का राक्षस आम जनता की खाने की थाली से अपनी भूख मिटा रहा है. दाल की महंगाई तो लगभग 1.5 साल से चल ही रही है, अब और भी कई चीजों के दाम आसमान पर जा पहुंचे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि रसोई में किन-किन चीजों के दाम कितने बढ़ गए हैं और एक आम आदमी का किचन का बजट कितना ज्यादा बढ़ चुका है. वित्त मंत्री अरुण जेटली बड़े जोर-शोर से कहते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हो गई है लेकिन एक आम आदमी जिसकी जिंदगी दो वक्त की रोटी कमाने की जद्दोजहद से गुजर रही है, उसका क्या हाल है, इस पर कोई रौशनी डालेगा ?

बढ़ चुके हैं इन चीजों के दाम
जैसा कि आप जानते हैं पेट्रोल-डीजल इसी हफ्ते महंगे हुए हैं और इसके बाद घर-घर आने वाला अमूल का दूध 2 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है. सब्जियों से लेकर फलों तक और दाल से लेकर गेहूं, चीनी सब के सब महंगे होते जा रहे हैं. 1 जून से सर्विस टैक्स 14.5 फीसदी से 15 फीसदी हो ही चुका है जिससे आपके रेस्टोरैंट के खाने पर भी खर्चा बढ़ गया है. सब्जियों के दाम 20-25 फीसदी तक बढ़ गए हैं वहीं संतरे की फसल खराब होने से आगे जाकर संतरे के दाम में भी बढ़ोत्तरी तय है.

गेहूं उत्पाद होने वाले हैं महंगे
गेहूं की पैदावार पर मौसम की मार की वजह से गेहूं से बनने वाली सारी चीजें महंगी होने वाली है, इनमें रोटी, ब्रेड, दलिया, मैदा, पाव, पिज्जा बेस, बिस्किट, नूडल्स, सारी चीजें शामिल हैं और इन सब के दाम बढ़ने की संभावना बन गई है क्योंकि थोक मंडियों में 2 हफ्ते में गेहूं की कीमतें 70 रुपये क्विंटल उछल चुकी हैं. यानी 2 महीने में करीब 130 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं पर बढ़ चुके हैं.

पिछले 2 साल से जारी सूखे के चलते इस बार गेहूं की पैदावार अनुमान से कम हुई है जिसकी वजह से गेहूं इंपोर्ट करना पड़ेगा. अभी भी पिछले साल गेहूं के इंपोर्ट पर लगी 25 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लागू है जिसकी वजह से अगर इंपोर्टेड गेहूं आया तो आटा और महंगा होने के लिए तैयार है.

एडिबल तेल हो रहा है महंगा
पिछले दो हफ्ते में गेहूं के दाम करीब 70 रुपये क्विंटल बढ़ गए हैं यानी घर की रसोई की सबसे अहम चीज रोटी भी आपको महंगी पड़ने वाली है. जहां सब्जियां महंगी हुई वहीं इन्हें बनाना भी महंगा हो गया है क्योंकि खाने का तेल जिसमें मूंगफली का तेल और सनफ्लॉवर ऑयल शामिल हैं, इन सबमें 15 से 20 फीसदी कीमतें बढ़ गई हैं. मक्का का तेल भी पहले के मुकाबले ज्यादा महंगा मिल रहा है. मूंगफली का तेल 10 दिन 120 रुपये से बढ़कर 140 रुपये किलो जा पहुंचा है. सनफ्लॉवर ऑयल 57 रुपये से 91 रुपये प्रति किलो और कॉटन सीड ऑयल भी 7 रुपये प्रति किलो तक महंगा हो चुका है. मक्का का तेल भी 48 रुपये से महंगा होकर 70 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंचा है.

कितना बढ़ जाएगा रसोई का बजट
आम तौर पर दो साल पहले एक मध्यमवर्गीय घर जिसमें 4 से 5 परिवार जन रहते थे उनका घर का राशन का खर्चा 1500-2000 रुपये तक आता था जो अब बढ़ती महंगाई की वजह से 4000-4500 रुपये तक जा पहुंचा है. यानी दो साल में रसोई का खर्च दोगुना. क्या इन्हीं तथाकथित अच्छे दिनों के लिए देश की जनता ने नए नेतृत्व पर भरोसा जताया था.

इन सब चीजों को देखते हुए कहा जा सकता है कि कंगाली में आटा गीला वाली स्थिति आने में ज्यादा समय नहीं है क्योंकि देश की गरीब जनता पहले ही महंगाई की मार से त्रस्त है और अब ज्यादा कीमतें बढ़नें से तो रोजाना का खाना भी जेब पर भारी पड़ने लगेगा. भले ही मोदी सरकार दावा कर रही है कि देश बदल रहा है लेकिन देश को बदलने के चक्कर में आदमी की आम जिंदगी तो नर्क ना बन जाए, इसका ख्याल सियासत के हुक्मरानों को रखना चाहिए.
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