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उत्तर प्रदेश

रात में ही मारा गया था मथुरा हिंसा का मुख्य कर्ताधर्ता रामवृक्ष यादव!


लखनऊ। मथुरा के जवाहर बाग में कथित सत्याग्रह आंदोलन को हवा देने वाला रामवृक्ष यादव गुरुवार रात मारा गया। पुलिस कार्रवाई से बचने को वह टूटी हुई बाउंड्रीवाल से निकलकर भाग रहा था, तभी जेल पुलिस के आवासों में रहने वाली महिलाओं ने उसे दबोच लिया। उसे जमकर धुना। पिटाई के बाद वह चंगुल से निकलकर भागने लगा लेकिन रात में कहीं मरा गया, मगर इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो रही है। हालांकि डीजीपी जावीद अहमद ने यह जरूर कहकर बहुत कुछ संकेत दे दिया कि मरने वालों में रामवृक्ष हो सकता है।



गाजीपुर के रायपुर बाघपुर मठिया निवासी रामवृक्ष यादव अपने हजारों समर्थकों के साथ जवाहरबाग में दो साल से कब्जा किए था। कार्रवाई के दौरान एसपी सिटी और एसओ फरह की मौत के बाद उसे अपने मारे जाने का आभास हो गया था। ऐसे में वह सारे कागजों में आग लगाने के बाद रामवृक्ष यादव जवाहर बाग से निकलकर बाहर भागने लगा। बताया गया है कि जेल पुलिस के आवासों में रहने वाली महिलाओं ने उसे देखा, तो दबोचकर धुनाई कर दी। इसी बीच वह किसी तरह उनके चंगुल से निकल गया। और इसके वह आग की लपटों में घिर गया इसके बाद वह कहां गया पता नहीं चली।



एक नजर में जाने रामवृक्ष की पूरी हकीकत



20 से ज्यादा मुकदमे दर्ज



गाजीपुर के मरदह थानाक्षेत्र का निवासी रामबृक्ष यादव



बाबा जयगुरुदेव के निधन के बाद सत्ता का दावा ठोका था



मथुरा, बरेली समेत कई जिलों में 20 से ज्यादा केस दर्ज



हथियार बंद गुर्गो के साथ घूमता था रामवृक्ष यादव



एक लैपटॉपधारी युवक हर समय साथ रहता था



हाईकोर्ट के आदेश और मीडिया पर नजर रखता था



सत्ता न मिलने से बौखलाया



17 जून 2011 को रामवृक्ष के गुट ने जयगुरुदेव आश्रम पर हमला किया



जयगुरुदेव की विरासत के संघर्ष में पंकज यादव-उमाकांत से हारा



बाबा की दूरदर्शी पार्टी से चुनाव लड़ा



अनुशासनहीनता पर ही बाबा ने जूटवस्त्र पहनने पर रोक लगाई



2014 में जवाहर बाग में डेरा डाला



2014 जनवरी में दो दिन को मिली 1500 लोगों को प्रदर्शन की इजाजत



मार्च 2014 में संगठन स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रही समिति बनाया



मध्य प्रदेश के सागर से अभियान शुरू, लोगों को 'सत्याग्रहीÓ कहा गया



18 अप्रैल 2014 को मथुरा के जवाहरबाग में 3000 लोगों ने डेरा डाला



09 मांगों के लिए ढाई साल से सत्याग्रह कर रहे थे सत्याग्रही



-दिल्ली था संगठन के सत्याग्रहियों का आखिरी पड़ाव



बाग को उजाड़ डाला, स्टोर कब्जाया



-आम, आंवला और बेर के बाग उजाड दिए। 18 लाख रुपये का नुकसान।



-सरकारी स्टोर पर कब्जा कर लिया। तीन लाख रुपये की बिजली का इस्तेमाल की।



-कई बोरिंग पर कब्जा किया। नालियां और वॉकिंग ट्रैक उखाड़कर झोपड़ी-टॉयलेट बनाए।



-बाग में प्रवेश करने वाले लोगों पर हमला करके आतंक बनाया



-कलेक्ट्रेट और स्थानीय दफ्तरों में जाकर भी हमला बोला



-पिछले महीने एक सरकारी अफसर को बंधक बना लिया



अजीबोगरीब मांगें रखी थीं



-खुद को स्वाधीन सम्राट बताकर सोने के सिक्के चलाने की मांग



-एक रुपये में 60 लीटर पेट्रोल और 40 लीटर डीजल मिले



-देश में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चुनाव रद्द किए जाएं



-आजाद हिंद फौज का कानून चले, आजाद हिंद बैंक करेंसी से लेनदेन हो



-जवाहरबाग की 270 एकडम् जमीन सत्याग्रहियों के सुपुर्द हो



-भारत के प्रथम नागरिक की पहचान बताई जाए



-मांसाहार पर प्रतिबंध लगे और मांस खाने वालों को दंड मिले

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