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उत्तर प्रदेश

नतमस्तक हुए रॉय को नहीं मिली राहत, NDTV को ED का नोटिस

नई दिल्ली: एनडीटीवी के मालिक प्रणय रॉय की मुश्किलें इन दिनों कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मनी लॉन्डरिंग  के आरोपों में घिरे रॉय को ईडी के बाद अब सेबी ने भी मोटिस थमा दिया है. एनडीटीवी को 2030 करोड़ रूपए के विदेशी निवेश मामले में सितंबर में ईडी ने नोटिस भेजा था. बताया जा रहा है कि इस मामले को निपटाने की जिम्मेदारी प्रणय रॉय ने अपने ही चैनल की महिला पत्रकार बरखा दत्त को दी थी. बरखा दत्त ने सरकार से सेटिंग करवाने के लिए अरुण जेटली को पकड़ा. खबरे हैं कि बरखा ने एनडीटीवी के मालिक प्रणय रॉय और अरुण जेटली की मुलाकात भी करवा दी थी. लेकिन मामले में कोई बात बन नहीं पाई और आखिर कार जेटली ने एनडीटीवी की फाइल पीएम मोदी के टेबल तक पहुंचा दी. जहां से एनडीटीवी को कोई राहत नहीं मिली.

NDTV ने पहले आरोपों का किया था खंड

सितंबर 2015 में जब खबरें आयी थी कि NDTV को मनी लॉन्डरिंग के मामले में ईडी ने नोटिस भेजा गया है. तब इन खबरों का खंडन करते हुए एनडीटीवी ने किसी भी तरह का नोटिस मिलने की बात से इनकार किया था. एनडीटीवी ने तब कहा था कि ईडी ने कुछ जानकारी मांगी है. हलांकि शुक्रवार को BSE को दिए जानकारी में एनडीटीवी ने माना है कि विदेशी मुद्रा नियमों के कथित उल्लंघन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से एक कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ है.

क्या है पूरा मामला

अलग-अलग मामलों में फेमा कानून उल्लंघन के मद्देनजर एनडीटीवी पर कुल मिलाकर  2030 करोड़ रुपय के  मनी लॉन्डरिंग का आरोप है. आपको बता दें कि फेमा मामले की जांच ईडी द्वारा होती है. सितंबर में ही जांच की भनक एनडीटीवी को मिल चुकी थी. एनडीटीवी लि. और कंपनी के कर्ता-धर्ता प्रणय रॉय, उनकी पत्नी राधिका राय, केवीएल नारायण राव को ईडी से यह नोटिस सितंबर में ही सर्व हो चुका था. इस बात की जानकारी पहले तो एनडीटीवी ने छुपाने कि कोशिश की. क्योकि प्रणय रॉय को उम्मीद थी कि वो तिकड़म लगा कर मामले को निपटा लेंगे.
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