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ऑनलाइन पोलः यूपी में स्मृति नहीं हैं सीएम पद की पहली पंसद, जानिए कौन है नंबर वन

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असम में फतह के बाद भाजपा ने उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 मई को सहारनपुर में रैली कर राज्य के पश्चिम छोर से इसका बिगुल बजाया तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बनारस और इलाहाबाद में कार्यक्रम कर राज्य के पूर्वी कोने पर ताल ठोंकने की तैयारी कर ली है।

पोलिंग शुरू हुई तो वयोवृद्ध नेता कल्याण सिंह ने तीनों युवा चेहरों को धराशायी करते हुए एकतरफा बढ़त ले ली। शाम पांच बजे तक महंत आदित्यनाथ और वरुण गांधी भी उनकी बराबरी पर पहुंचने की कोशिश करते रहे।
मंगलवार शाम छह बजे तक 37 सौ लोग इस वोटिंग में भाग ले चुके थे और 37 फीसदी वोटों के साथ कल्याण सिंह सबसे आगे और आदित्यनाथ 32 फीसदी वोटों के साथ उनसे पीछे थे। 22 फीसदी वोटों के साथ वरुण गांधी तीसरे नंबर पर और महज 12 फीसदी वोटों के साथ स्मृति ईरानी सबसे पीछे रहीं।
शाम सात बजे के बाद नजारा तेजी से पलटा और वरुण गांधी सभी को पछाड़ते हुए आगे बढ़ने लगे। सुबह आठ बजे जब वोटिंग की समय सीमा समाप्त हुई तब तक कुल 8790 लोग इसमें भाग ले चुके थे। आश्चर्यजनक रूप से स्मृति ईरानी मात्र 11.72 वोटों के साथ अंतिम पायदान पर थीं, उन्हें कुल 1,030 वोट मिले। उनसे आगे थे फायरब्रांड नेता महंत आदित्यनाथ जिन्हें 22.2 लोगों ने पहली पसंद माना, उन्हें कुल 1,951 वोट मिले। पहली पसंद के लिए हिंदुत्व के पोस्टर बॉय रहे कल्याण सिंह और वरुण गांधी में कड़ी टक्कर रही। लेकिन लोकप्रियता की इस लड़ाई में कल्याण सिंह वरुण गांधी के मुकाबले पीछे रह गए।
वरुण गांधी को कुल 36.45 फीसदी लोगों ने भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री का सबसे मजबूत चेहरा माना। उन्हें कुल 3,204 वोट मिले जबकि कल्याण सिंह 29.64 जनता की पसंद रहे उन्हें कुल 2,605 वोट मिले।
चुनावों के दौरान भाजपा क्या तय करती है यह तो अभी कहना मुश्किल है लेकिन प्रदेश की जनता ने अपने इरादों की झलक जरूर दे दी है।
भाजपा की तैयारियों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यूपी चुनावों को लेकर वह किस कदर संजीदा है, लेकिन पार्टी की सबसे बड़ी दिक्कत मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर है। जिसको लेकर भाजपा लगातार असमंजस में फंसी हुई है। जातिगत समीकरणों की चासनी में लिपटी यूपी की राजनीति में भाजपा को वो एक चेहरा तलाशना मुश्किल हो रहा है जिसके नाम पर वह सभी जातियों को तो साध सके ही उसे अन्य वर्गों का भी समर्थन मिल जाए।
इसीलिए कभी जातिविहीन कही जाने वाली केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के नाम पर चर्चा चलती है तो कभी युवाओं के हृदय सम्राट कहे जा रहे वरुण गांधी के नाम पर। राज्य की प्रभावशाली पिछड़ी जातियों में काफी लोकप्रिय रहे पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान राज्यपाल कल्याण सिंह का नाम भी काफी दिनों से राजनीतिक फिजा में तैर रहा है।
फायरब्रांड नेता और अपने बयानों से जब तब राजनीतिक तापमान बढ़ा देने वाले महंत आदित्यनाथ भी काफी लोगों की पसंद हैं उन्हें युवा कहकर प्रचारित किया जा रहा है तो हिंदुओं में उनकी मजबूत पकड़ के भी तर्क दिए जा रहे हैं, वो बात और है पार्टी की ओर से अभी तक उनके नाम पर कोई चर्चा नहीं की गई है।
इसीलिए कभी जातिविहीन कही जाने वाली केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के नाम पर चर्चा चलती है तो कभी युवाओं के हृदय सम्राट कहे जा रहे वरुण गांधी के नाम पर। राज्य की प्रभावशाली पिछड़ी जातियों में काफी लोकप्रिय रहे पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान राज्यपाल कल्याण सिंह का नाम भी काफी दिनों से राजनीतिक फिजा में तैर रहा है।
फायरब्रांड नेता और अपने बयानों से जब तब राजनीतिक तापमान बढ़ा देने वाले महंत आदित्यनाथ भी काफी लोगों की पसंद हैं उन्हें युवा कहकर प्रचारित किया जा रहा है तो हिंदुओं में उनकी मजबूत पकड़ के भी तर्क दिए जा रहे हैं, वो बात और है पार्टी की ओर से अभी तक उनके नाम पर कोई चर्चा नहीं की गई है।
ऑनलाइन पोल में पिछड़े आदित्यनाथ और स्मृति ईरानी
खैर, असम की तरह भाजपा मुख्यमंत्री पद के लिए समय रहते चेहरे की घोषणा करती है या बिहार की तरह बिना चेहरे के ही चुनाव लड़ा जाएगा इस सवाल का जवाब तो भविष्य के गर्भ में ही छिपा है लेकिन अमर उजाला ने इन चार चेहरों को जनता के तराजू में तौलने का प्रयास किया है।
मंगलवार को अमर उजाला डॉटकॉम की ओर से कराए गए ऑनलाइन पोल में चारों चेहरों को लेकर जनता की राय मांगी गई थी। पोल में जो राय निकलकर सामने आई है वो आपको चौंका सकती है।
अगर आप अपनी वाकपटुता से विरोधियों को लाजवाब कर देने वाली और फिलहाल मीडिया में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहीं स्मृति ईरानी को भाजपा की ओर से यूपी में सबसे लोकप्रिय चेहरा मानते हैं तो यह आपकी गलतफहमी हो सकती है।
जनता के सामने रखे गए चार चेहरों में हैरतअंगेज रूप से स्मृति ईरानी को सबसे कम वोट मिले हैं। खैर इस पर चर्चा आगे करेंगे फिलहाल आपको ये बताते हैं कि इस पोल में सवाल क्या पूछा गया और विकल्प क्या क्या रहे।
पोल में जनता से सीधा सवाल पूछा गया था "यूपी में सीएम पद के लिए आप किस भाजपा नेता को सबसे मजबूत मानते हैं?" इसके जवाब में चार लोगों के नाम दिए गए थे, जिनमें मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, सांसद महंत आदित्यनाथ और सांसद वरुण गांधी।
मंगलवार को अमर उजाला डॉटकॉम की ओर से कराए गए ऑनलाइन पोल में चारों चेहरों को लेकर जनता की राय मांगी गई थी। पोल में जो राय निकलकर सामने आई है वो आपको चौंका सकती है।
अगर आप अपनी वाकपटुता से विरोधियों को लाजवाब कर देने वाली और फिलहाल मीडिया में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहीं स्मृति ईरानी को भाजपा की ओर से यूपी में सबसे लोकप्रिय चेहरा मानते हैं तो यह आपकी गलतफहमी हो सकती है।
जनता के सामने रखे गए चार चेहरों में हैरतअंगेज रूप से स्मृति ईरानी को सबसे कम वोट मिले हैं। खैर इस पर चर्चा आगे करेंगे फिलहाल आपको ये बताते हैं कि इस पोल में सवाल क्या पूछा गया और विकल्प क्या क्या रहे।
पोल में जनता से सीधा सवाल पूछा गया था "यूपी में सीएम पद के लिए आप किस भाजपा नेता को सबसे मजबूत मानते हैं?" इसके जवाब में चार लोगों के नाम दिए गए थे, जिनमें मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, सांसद महंत आदित्यनाथ और सांसद वरुण गांधी।
वरुण गांधी और कल्याण सिंह में रही कड़ी टक्कर

पोलिंग शुरू हुई तो वयोवृद्ध नेता कल्याण सिंह ने तीनों युवा चेहरों को धराशायी करते हुए एकतरफा बढ़त ले ली। शाम पांच बजे तक महंत आदित्यनाथ और वरुण गांधी भी उनकी बराबरी पर पहुंचने की कोशिश करते रहे।
मंगलवार शाम छह बजे तक 37 सौ लोग इस वोटिंग में भाग ले चुके थे और 37 फीसदी वोटों के साथ कल्याण सिंह सबसे आगे और आदित्यनाथ 32 फीसदी वोटों के साथ उनसे पीछे थे। 22 फीसदी वोटों के साथ वरुण गांधी तीसरे नंबर पर और महज 12 फीसदी वोटों के साथ स्मृति ईरानी सबसे पीछे रहीं।
शाम सात बजे के बाद नजारा तेजी से पलटा और वरुण गांधी सभी को पछाड़ते हुए आगे बढ़ने लगे। सुबह आठ बजे जब वोटिंग की समय सीमा समाप्त हुई तब तक कुल 8790 लोग इसमें भाग ले चुके थे। आश्चर्यजनक रूप से स्मृति ईरानी मात्र 11.72 वोटों के साथ अंतिम पायदान पर थीं, उन्हें कुल 1,030 वोट मिले। उनसे आगे थे फायरब्रांड नेता महंत आदित्यनाथ जिन्हें 22.2 लोगों ने पहली पसंद माना, उन्हें कुल 1,951 वोट मिले। पहली पसंद के लिए हिंदुत्व के पोस्टर बॉय रहे कल्याण सिंह और वरुण गांधी में कड़ी टक्कर रही। लेकिन लोकप्रियता की इस लड़ाई में कल्याण सिंह वरुण गांधी के मुकाबले पीछे रह गए।
वरुण गांधी को कुल 36.45 फीसदी लोगों ने भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री का सबसे मजबूत चेहरा माना। उन्हें कुल 3,204 वोट मिले जबकि कल्याण सिंह 29.64 जनता की पसंद रहे उन्हें कुल 2,605 वोट मिले।
चुनावों के दौरान भाजपा क्या तय करती है यह तो अभी कहना मुश्किल है लेकिन प्रदेश की जनता ने अपने इरादों की झलक जरूर दे दी है।
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