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उत्तर प्रदेश

कल से बढ़ेगा सर्विस टैक्स, जानें क्या-क्या होगा महंगा

नई दिल्लीः जून के महीने की शुरूआत में ही लोगों की पड़ेगी महंगाई की मार. 1 जून से तमाम तरह की सेवाओं पर लगने वाला सर्विस टैक्स 14.5% से बढ़कर 15% हो जाएगा यानी रेल और हवाई सफर से लेकर रेस्टोरेंट में खाना तक सब महंगा हो जाएगा. आपको दिखाते हैं कि सर्विस टैक्स में आधे फीसद की बढ़ोतरी से क्या फर्क पड़ने वाला है.

अगर 1 जून को आप रेस्टोरेंट में खाने की योजना बना रहे हैं तो आप थोड़े ज्यादा बिल भरने के लिए तैयार हो जाइए क्योंकि 1 जून से ऐसी सभी सेवाएं महंगी होने जा रही हैं जिनमें सर्विस टैक्स देना पड़ता है. मोदी सरकार ने बजट में आधे फीसदी यानी 0.50 फीसदी कृषि कल्याण सेस लगाने का एलान किया था. ये सेस सेस टैक्स योग्य सभी सेवाओं पर लागू होगा. यानी ऐसी हर सेवा जिस पर आप अब तक 14 फीसदी सर्विस टैक्स और .50 प्रतिशत स्वच्छता सेस देते थे उसमें आधे फीसदी की बढ़ोतरी के साथ आपको कुल 15 फीसदी सर्विस टैक्स देना होगा.

सर्विस टैक्स बढ़ने का सीधा असर इन चीजों पर पड़ेगा उनमें मुख्य रूप से मोबाइल बिल, रेस्टोरेंट बिल, रेल सफर, हवाई सफर, डीटीएच बिल, ब्यूटी पार्लर – स्पा, घर खरीदना और बैंकिंग और बीमा सेवाएं शामिल हैं

सबसे पहले बात एसी रेस्टोरेंट में खाने की. अभी रेस्टोरेंट में खाने-पीने के बाद वैट और सर्विस चार्ज छोड़कर बिल की बाकी रकम पर 5.6 फीसदी की दर से सर्विस टैक्स और 0.2 फीसदी की दर से स्वच्छ भारत सेस लगता है. यानी कुल 5.8 फीसदी. नए सेस के बाद यही दर हो जाएगी 6 फीसदी. यानी खाने के बिल की रकम अगर 1000 रुपये है तो आपको उस पर वैट और सर्विस चार्ज के अलावा 58 रुपए सर्विस टैक्स देना पड़ता था जो अब 60 रुपए हो जाएगा.

इसी तरह से 20 लाख के मकान पर मौजूदा सर्विस टैक्स के हिसाब से 87 हजार रुपए सर्विस टैक्स होता है जो अब बढ़कर 90 हजार रुपए हो जाएगा यानी 3000 रुपए का इजाफा. ऐसे ही 1000 रुपए के मोबाइल बिल पर अब तक आप 145 रुपये सर्विस टैक्स देते थे लेकिन अब ये बढ़कर 150 रुपये हो जाएगा.

कृषि कल्याण सेस के अलावा बजट में पहली जून से 10 लाख रुपए या उससे ज्यादा कीमत की गाड़ी पर ‘टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स यानी टीसीएस’ का प्रावधान किया गया.

इसका मतलब ये हुआ कि अब 11 लाख की गाड़ी पर 1% टीसीएस यानी 11 हजार रुपए और देने होंगे. महंगी गाड़ियों की ही तरह 2 लाख लाख रुपये या उससे ज्यादा की कीमत के सामान खरीदने या सेवा लेने पर भी एक फीसदी की दर से टीसीएस देना होगा. हालांकि सोने के गहने के मामले में रकम की सीमा 5 लाख रुपये होगी. वैसे सोने के बिस्किट, गिन्नी या सिक्के खरीदने के मामले में रकम की सीमा दो लाख रुपये ही होगी. सरकार का कहना है कि टीसीएस के दायरे में ज्यादा सामान लाने का मकसद आमदनी बढ़ाना नहीं, बल्कि काले धन पर लगाम लगाना और टैक्स चोरों का पता लगाना है. वहीं सर्विस टैक्स से होने वाली कमाई सरकार के खजाने में जाती है.

पिछले 1 साल में सर्विस टैक्स में 2.64 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है. 2015 के बजट में सर्विस टैक्स 12.36 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया गया था. नवंबर 2015 में उसमें 0.50 फीसदी स्वच्छता सेस जोड़ा गया जिससे ये बढ़कर 14.5 फीसदी हो गया. और अब आधे फीसदी कृषि कल्याण सेस के साथ सर्विस टैक्स 15 फीसदी पर पहुंच गया है.

सरकार जिस तरह से जीएसटी की दिशा में आगे बढ़ रही है उसे देखते हुए आने वाले दिनों में सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी आगे भी जारी रह सकती है यानी लोगों को महंगाई का झटका धीरे धीरे लगता रहेगा.
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