जब अधिकारियों की कार्यशैली से तंग आकर रोने लगा सपा प्रत्याशी
अब तक आपने मंत्रियों और नेताओं के आगे आम जनता या अफसरों को ही गिड़गिड़ाते हुए देखा होगा, लेकिन किसी नेता को शायद ही रोते देखा हो. नेता भी किसी विपक्षी पार्टी का नहीं बल्कि सत्ताधारी दल का.
जी हां, ये नजारा उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के ऐत्मादपुर में देखने को मिला है. दरअसल, विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए जनता के बीच जाकर सरकार की उपलब्धियों को गिनाकर वोट मांगने की राह में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी और उपेक्षापूर्ण रवैया सपा प्रत्याशियों की जीत की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बनने लगा है.
ऐत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रेम सिंह बघेल जिले के आलाधिकारियों के उपेक्षापूर्ण रवैये और जनता की समस्या को बताने के बाद अधिकारियों द्वारा शिकायतों को नजरअंदाज करने पर जमकर रोए. प्रेम सिंह बघेल ने जिले के उच्च पदों पर बैठे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्र की जन समस्याओं को लेकर अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन जिम्मेदार आलाधिकारियों ने उन पर कोई ध्यान नहीं दिया. बघेल ने कहा कि अधिकारी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बसपा और भाजपा की सरकार आने का अंदेशा जताते हुए सपा प्रत्याशियों द्वारा बताई गई शिकायतों को नजरअंदाज कर जनता में उनकी छवि को खराब कर रहे हैं.
जी हां, ये नजारा उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के ऐत्मादपुर में देखने को मिला है. दरअसल, विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए जनता के बीच जाकर सरकार की उपलब्धियों को गिनाकर वोट मांगने की राह में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी और उपेक्षापूर्ण रवैया सपा प्रत्याशियों की जीत की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बनने लगा है.
ऐत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रेम सिंह बघेल जिले के आलाधिकारियों के उपेक्षापूर्ण रवैये और जनता की समस्या को बताने के बाद अधिकारियों द्वारा शिकायतों को नजरअंदाज करने पर जमकर रोए. प्रेम सिंह बघेल ने जिले के उच्च पदों पर बैठे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्र की जन समस्याओं को लेकर अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन जिम्मेदार आलाधिकारियों ने उन पर कोई ध्यान नहीं दिया. बघेल ने कहा कि अधिकारी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बसपा और भाजपा की सरकार आने का अंदेशा जताते हुए सपा प्रत्याशियों द्वारा बताई गई शिकायतों को नजरअंदाज कर जनता में उनकी छवि को खराब कर रहे हैं.
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