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उत्तर प्रदेश

गन्ना किसानों के बकाए पर मोदी के भाषण और आंकड़ोंं में बड़ा फर्क

लखनऊ:  सहारनपुर में गुरुवार को अपनी सरकार के 2 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री (पी.एम.) नरेन्द्र मोदी ने एक जनसभा को संबोधित कर अपने काम का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनके 2 साल के कार्यकाल में गन्ना किसानों का बकाया महज 700 से 800 करोड़ ही बचा है, लेकिन अगर आंकड़ों को अगर देखें तो यह बकाया पी.एम. के दावे से कहीं ज्यादा है।

विकास पर्व रैली में मोदी ने कहा था कि जब मैंने कमान संभाली थी, उस समय गन्ना किसानों का कुल बकाया 14 हजार करोड़ के आसपास था, लेकिन हमारे प्रयास की वजह से अलग-अलग योजनाओं की बदौलत यह बकाया काफी कम होकर 700-800 करोड़ रह गया है। मैं राज्य सरकार से अनुरोध करता हूं और शूगर मिल्स को चेतावनी देता हूं कि पिछले सालों में उन्होंने जो कुछ भी गन्ना किसानों के साथ किया है, अब उन्हें ऐसा नहीं करने दिया जाएगा।

लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ गन्ना कमिश्नर ऑफिस के आंकड़े मोदी के दावे से कहीं ज्यादा भिन्न हैं। 26 मई तक के आंकड़ों के मुताबिक यह बकाया 5,795 करोड़ से ज्यादा है, जो मोदी के दावों से 8 गुना ज्यादा है। रिकाड्र्स के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष में शूगर मिल्स ने 17,996.73 करोड़ का गन्ना खरीदा (280 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से) और किसानों को भुगतान किया गया 12,201.73 करोड़। इस लिहाज से अभी भी 5,795 करोड़ रुपए का भुगतान करना शेष है।
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