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शिवपाल ने गुरुवार सुबह किया था रजवाहे का लोकार्पण, शुक्रवार को ढही दीवार
एटा: उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग में किस गुणवत्ता के काम होते हैं, उसे बताने के लिए यह नमूना काफी है। लोक निर्माण विभाग मंत्री शिवपाल यादव गुरुवार सुबह नवनिर्मित माचुआ रजवाहे का उद्घाटन करके गए ही थे कि कुछ देर बाद इसकी दीवार अखतौली के पास ढह गई। स्थिति ऐसी हुई कि रजवाहे में पानी रोकना पड़ा।
कार्यदायी संस्था की ओर से डैमेज कंट्रोल तो किया जा रहा है, लेकिन पूरे रजवाहे की मजबूती पर सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि बीते दिन छोड़ा गया पानी बहुत कम मात्र में था। यह संयोग ही था कि जब दीवार ढही उस वक्त मंत्री शिवपाल यादव पड़ोसी जिले मैनपुरी में खराब निर्माण कार्यो पर बात कर रहे थे।
मारहरा विकास खंड क्षेत्र में माचुआ रजवाहे पर 3.6 किमी हिस्से को नए सिरे से 12.42 करोड़ रुपये खर्च कर बनवाया गया है। नरौरा खंड निचली गंगा नहर, अलीगढ़ ने यह कार्य ग्लोबल कंस्ट्रक्शन मैनपुरी से कराया। माचुआ रजवाह में 20 साल से पानी नहीं था। इसके बनने से किसानों में खासा उत्साह था।
गुरुवार सुबह लोकार्पण के साथ ही इसमें पानी छोड़ दिया गया। शाम 7 बजे सूचना मिली कि गांव अखतौली के पास रजवाहे की करीब दस मीटर लंबी दीवार ढह गई है और रजवाहे में आने वाला पानी करों नदी में जा रहा है।
किसान अखिल यादव का कहना है कि रजवाहे को करीब एक मीटर पानी संचालित करने के लिहाज से बनाया था पर यह तो एक फीट पानी का दबाव भी नहीं झेल सका।
कार्यदायी संस्था की ओर से डैमेज कंट्रोल तो किया जा रहा है, लेकिन पूरे रजवाहे की मजबूती पर सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि बीते दिन छोड़ा गया पानी बहुत कम मात्र में था। यह संयोग ही था कि जब दीवार ढही उस वक्त मंत्री शिवपाल यादव पड़ोसी जिले मैनपुरी में खराब निर्माण कार्यो पर बात कर रहे थे।
मारहरा विकास खंड क्षेत्र में माचुआ रजवाहे पर 3.6 किमी हिस्से को नए सिरे से 12.42 करोड़ रुपये खर्च कर बनवाया गया है। नरौरा खंड निचली गंगा नहर, अलीगढ़ ने यह कार्य ग्लोबल कंस्ट्रक्शन मैनपुरी से कराया। माचुआ रजवाह में 20 साल से पानी नहीं था। इसके बनने से किसानों में खासा उत्साह था।
गुरुवार सुबह लोकार्पण के साथ ही इसमें पानी छोड़ दिया गया। शाम 7 बजे सूचना मिली कि गांव अखतौली के पास रजवाहे की करीब दस मीटर लंबी दीवार ढह गई है और रजवाहे में आने वाला पानी करों नदी में जा रहा है।
किसान अखिल यादव का कहना है कि रजवाहे को करीब एक मीटर पानी संचालित करने के लिहाज से बनाया था पर यह तो एक फीट पानी का दबाव भी नहीं झेल सका।
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