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उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री ने झांसी और बांदा में चरखा योजना की शुरुआत की

लखनऊ. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कालीदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर खादी के नए कलेवर का विमोचन किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने झांसी और बांदा में चरखा योजना की शुरुआत भी की. मुख्यमंत्री ने बांदा की महिलाओं को 25 और झांसी की 50 महिलाओं को चरखा वितरित किया ताकि महिलायें खादी के ज़रिये स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ सकें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने मुफ्त लैपटॉप और कन्या विद्या धन वितरित किया है तो चरखा और मशीनें बांटने से भी पीछे नहीं रहेगी. उन्होंने खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अधिकारियों से कहा कि वह सर्वेक्षण कर यह बताएं कि खादी के विकास के लिए कितने चरखों और मशीनों की ज़रुरत है. सरकार उसे मुहैया करायेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि खादी की बात जैसे ही होती है हमारे ज़ेहन में महात्मा गांधी की तस्वीर उभरती है. उन्होंने कहा कि खादी हमारी पहचान है और इसे बहुत आगे बढ़ाने की ज़रुरत है लेकिन युवा पीढ़ी तक खादी को पहुंचाने के लिए इसकी मार्केटिंग और ब्रांडिंग की जरूरत है.

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि रायबरेली की तरह लखनऊ में भी निफ्ट का सेन्टर खोला जाना चाहिए. इसमें सरकार की जहाँ भी सहयोग की ज़रुरत पड़ेगी सरकार इसके लिए पूरी तरह से तैयार मिलेगी. उन्होंने कहा कि जमाना मार्केटिंग और ब्रांडिंग का चल रहा है. उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी करने वालों को हफ्ते में एक दिन खादी ज़रूर पहननी चाहिए. मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कि जब नौकरी के बाद बहुत से लोग खादी पहनना चाहते हैं तो फिर नौकरी में रहते हुए इसे पहनने में क्या दिक्क़त है.

अखिलेश यादव ने कहा कि मैंने राजनीति में आने के बाद मोटे धागे का कुर्ता-पैजामा पहनना शुरू किया. खादी पहनी तो उसमें अपनी ज़रुरत के हिसाब से बदलाव भी करवाए. उन्होंने कहा कि खादी को स्थान देना हमारी जिम्मेदारी है लेकिन खादी के साथ जो दिक्क़तें हैं उन्हें दूर भी किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि धुलने के बाद खादी का कुरता पैजामा सिकुड़ जाता है. इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए.

इस मौके पर प्रदेश के प्रदेश सरकार में खादी ग्रामोद्योग मंत्री ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी ने बताया कि कुशीनगर में खादी की डिजायनिंग के लिए निफ्ट ने प्रशिक्षण केन्द्र खोला है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अगर यूपी में सरकारी नौकरी करने वालों के लिए हफ्ते में एक दिन खादी अनिवार्य कर दें तो खादी काफी आगे बढ़ सकती है. उन्होंने बताया की प्रदेश में खादी के दस प्रशिक्षण केन्द्र चल रहे हैं जहाँ पर खादी को मौजूदा दौर के हिसाब से खादी को माडर्न बनाया जा रहा है.

इससे पहले खादी को लाइफ स्टाइल का हिस्सा बनाने की कोशिश करने वाली श्वेता शर्मा ने कहा कि निफ्ट के ज़रिये खादी को मौजूदा फैशन के हिसाब से प्रमोट करने की कोशिश चल रही है.

इस अवसर पर राज्य सरकार में मंत्री राजेन्द्र चौधरी, विनोद कुमार उर्फ पण्डित सिंह, मूलचंद चौहान, विधान परिषद सदस्य मधुकर जेटली, प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग श्रीमती मोनिका एस. गर्ग, निफ्ट रायबरेली के निदेशक भरत शाह सहित शासन-प्रशासन के अधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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