लखनऊ! डेडलाइन तय, स्मार्ट सिटी पर जल्द शुरू होगा काम
राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नगर निगम ने कवायद तेज कर दी है। इसके लिए जहां जून में ही स्मार्ट सिटी के लिए कंपनी बनाने और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट (पीएमसी) की प्रक्रिया पूरी की जाएगी, वहीं सितंबर महीने से प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
स्मार्ट सिटी के लिए बनने वाली कंपनी में पहले दो निदेशक मंडलायुक्त और नगर आयुक्त होंगे। इसके बाद कंपनी की सामान्य बैठक बुलाकर बाकी के निदेशकों का चयन किया जाएगा। कंपनी का ऑथराइज कैपिटल अभी 200 करोड़ रुपए होगा।
वहीं पेडअप कैपिटल केवल पांच करोड़ रुपए रखा जाएगा। केंद्र और राज्य से अतिरिक्त 200 करोड़ रुपए मिलने पर उसे इक्विटी या फिर ग्रांट के रूप में रिजर्व करने की योजना नगर निगम ने बनाई है।
कंपनी के निदेशक मंडल में एक महिला की अनिवार्यता का पेंच अब फंस सकता है। कंपनी एक्ट के नए नियमों के मुताबिक निदेशक मंडल में एक महिला का होना जरूरी है।
ऐसे में अब नगर विकास विभाग और नगर निगम को तय करना होगा कि महिला निदेशक कंपनी में कौन होगी? इस पर फैसला कंपनी के रजिस्ट्रेशन के बाद अब लिया जा सकता है। उम्मीद की जा रही है कि यह महिला निदेशक स्वतंत्र रूप से चुनी जाए।
स्मार्ट सिटी पर काम करने के लिए योजना बनाने के लिए अब सचिव नगर विकास एसपी सिंह ने 28 मई को नगर निगम के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है। इसमें आगे की रणनीति तय करके काम शुरू कर दिया जाएगा।
अधिकारियों का मानना है कि नवंबर के बाद विधानसभा चुनावों की घोषणा होने से पहले ही जरूरी टेंडर प्रक्रिया और प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
कंसल्टेंट की तरफ से प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए सितंबर 2021 तक की समय-सीमा भी तय की गई है। हालांकि नगर निगम यह काम उससे काफी पहले पूरा करना चाहता है क्योंकि केंद्र सरकार से पैसा अगले तीन साल बाद ही मिलेगा। राज्य सरकार को भी अपना हिस्सा इसी के साथ स्मार्ट सिटी के लिए बनने वाली कंपनी को देना है।
स्मार्ट साइनेज, कैसरबाग में डोर टू डोर कलेक्शन और स्मार्ट बिन, स्मार्ट पार्किंग सॉल्यूशन और बेगम हजरत महल पार्क में अवध पॉइंट जैसे काम 2017 में पूरे किए जाने हैं। वहीं लखनऊ स्मार्ट सिटी मैनेजमेंट पोर्टल 2021 में पूरा होगा।
अपर नगर आयुक्त पीके श्रीवास्तव का कहना है कि हमारा फोकस अब स्पेशल परपज ह्वीकल (एसपीवी) बनाने पर है। इसके लिए निदेशक मंडल तय करने और नाम की अनुमति लेने के लिए नगर विकास विभाग से बैठक होनी है।
नगर विकास विभाग से अनुमति मिलते ही कंपनी का रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। एसपीवी बनने के तुरंत बाद विभागों के साथ मंडलायुक्त की अध्यक्षता में समन्वय बैठक और पीएमसी के चयन के लिए निविदा प्रक्रिया जून महीने में ही कराएंगे।
कंसल्टेंट की तरफ से प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए सितंबर 2021 तक की समय-सीमा भी तय की गई है। हालांकि नगर निगम यह काम उससे काफी पहले पूरा करना चाहता है क्योंकि केंद्र सरकार से पैसा अगले तीन साल बाद ही मिलेगा। राज्य सरकार को भी अपना हिस्सा इसी के साथ स्मार्ट सिटी के लिए बनने वाली कंपनी को देना है।
स्मार्ट साइनेज, कैसरबाग में डोर टू डोर कलेक्शन और स्मार्ट बिन, स्मार्ट पार्किंग सॉल्यूशन और बेगम हजरत महल पार्क में अवध पॉइंट जैसे काम 2017 में पूरे किए जाने हैं। वहीं लखनऊ स्मार्ट सिटी मैनेजमेंट पोर्टल 2021 में पूरा होगा।
अपर नगर आयुक्त पीके श्रीवास्तव का कहना है कि हमारा फोकस अब स्पेशल परपज ह्वीकल (एसपीवी) बनाने पर है। इसके लिए निदेशक मंडल तय करने और नाम की अनुमति लेने के लिए नगर विकास विभाग से बैठक होनी है।
नगर विकास विभाग से अनुमति मिलते ही कंपनी का रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। एसपीवी बनने के तुरंत बाद विभागों के साथ मंडलायुक्त की अध्यक्षता में समन्वय बैठक और पीएमसी के चयन के लिए निविदा प्रक्रिया जून महीने में ही कराएंगे।
बैठक के बाद आगे की रणनीति पर होगा काम
स्मार्ट सिटी के लिए बनने वाली कंपनी में पहले दो निदेशक मंडलायुक्त और नगर आयुक्त होंगे। इसके बाद कंपनी की सामान्य बैठक बुलाकर बाकी के निदेशकों का चयन किया जाएगा। कंपनी का ऑथराइज कैपिटल अभी 200 करोड़ रुपए होगा।
वहीं पेडअप कैपिटल केवल पांच करोड़ रुपए रखा जाएगा। केंद्र और राज्य से अतिरिक्त 200 करोड़ रुपए मिलने पर उसे इक्विटी या फिर ग्रांट के रूप में रिजर्व करने की योजना नगर निगम ने बनाई है।
कंपनी के निदेशक मंडल में एक महिला की अनिवार्यता का पेंच अब फंस सकता है। कंपनी एक्ट के नए नियमों के मुताबिक निदेशक मंडल में एक महिला का होना जरूरी है।
ऐसे में अब नगर विकास विभाग और नगर निगम को तय करना होगा कि महिला निदेशक कंपनी में कौन होगी? इस पर फैसला कंपनी के रजिस्ट्रेशन के बाद अब लिया जा सकता है। उम्मीद की जा रही है कि यह महिला निदेशक स्वतंत्र रूप से चुनी जाए।
स्मार्ट सिटी पर काम करने के लिए योजना बनाने के लिए अब सचिव नगर विकास एसपी सिंह ने 28 मई को नगर निगम के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है। इसमें आगे की रणनीति तय करके काम शुरू कर दिया जाएगा।
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