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उत्तर प्रदेश

शिवपाल, मनोज समेत नौ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी







अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा भदोही कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक ने इस आरोप के साथ भदोही थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि अजीमुल्लाह चौराहे पर हमराहियों के साथ शांति व्यवस्था बनाए रखने के वास्ते ड्यूटी पर तैनात था। इसी दौरान समाजवादी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष (वर्तमान में काबीना मंत्री) काफिले के साथ अजीमुल्लाह चौराहे पर पहुंचे। उनके कृत्य से दंड प्रकिया संहिता की धारा 144 व आचार संहिता का उल्लंघन कर धारा 188 का अपराध किया गया। इस मामले में विवेचक ने विवेचना उपरान्त आरोपित तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव, आरिफ सिद्दीकी (वर्तमान में सपा जिलाध्यक्ष), विधायक विजय मिश्र,  रामलली मिश्र (एमएलसी), जाहिद बेग, ओम प्रकाश सिंह, रुबी श्रीवास्तव, पन्नालाल यादव, पारसनाथ यादव (मंत्री), वीरेन्द्र सिंह (तत्कालीन विधायक चिरईगांव वाराणसी) व मनोज तिवारी मृदुल (वर्तमान में भाजपा सांसद) के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया था।

इस आरोप में न्यायालय ने कई तिथियों पर आरोपियों के विरुद्ध नोटिस जारी किया था। बावजूद इसके आरोपी न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हो रहे थे। इस मामले में आरोपित विधायक विजय मिश्र व रामलली मिश्र की पत्रावली दो सितंबर 2011 को अलग कर दी गई थी। अन्य आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय की ओर से बार-बार आदेश जारी होने के बाद भी आरोपी उपस्थित नहीं हो रहे थे। इस पर न्यायालय ने अनुपस्थित चल रहे आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। साथ ही न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि आरोपी लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे हैं। उनकी अनुपस्थिति के कारण मुकदमे की अग्रिम कार्रवाई सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। आरोपी में कई विधान सभा के सदस्य हैं। उच्च न्यायालय ने ऐसे माननीयों से संबंधित मामलों की तीव्र गति से निस्तारित करने का निर्देश दिया है।


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