असम फॉर्मूले पर यूपी में भी चुनाव लड़ेगी बीजेपी, ऐसे होगा प्लान
लखनऊ.असम में बीजेपी की जबरदस्त सफलता से यूपी के भाजपाई भी जोश से भरे हुए हैं। यूपी में अपने 265 प्लस अभियान को बढ़ाने में पार्टी जुट गई है। शु्क्रवार को बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्या ने कहा कि यूपी में बीजेपी असम फॉर्मूले के आधार पर चुनाव लड़ेगी। यहां सीएम का चेहरा तय करने का फैसला केंद्रीय नेतृत्व लेगी। प्रदेश चुनाव प्रभारी ओम माथुर ने भी आला अधिकारियों के साथ बैठक कर चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की।
यह था बीजेपी का असम फॉर्मूला
- दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनावों से सबक लेते हुए इस बार बीजेपी ने असम चुनाव में कई प्रयोग किया था।
- चुनाव के समय दिल्ली में सीएम उम्मीदवार और बिहार में पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ा था।
- यहां बीजेपी ने स्थानीय यूनिट की बात मानते हुए पसंदीदा चेहरे के रूप में सर्बानंद सोनोवाल को सीएम के तौर प्रोजेक्ट किया था।
- सर्बानंद असम के लोकप्रिय नेता हैं। साथ ही युवा वोटों पर भी उनकी खास पकड़ थी।
- असम चुनाव को लेकर पार्टी स्तर पर बूथ को मजबूत करने का काम पिछले एक साल से जारी था।
- असम में पार्टी की गुटबाजी रोकने के लिए बीजेपी ने सभी वरिष्ठ नेताओं को कद के हिसाब से जगह दी थी।
- प्रत्याशियों का चुनाव जातीय समीकरण से लेकर युवाओं को पार्टी से जोड़ने का आधार बनाया गया था।
- सांप्रदायिक मुद्दों को छोड़ विकास को बीजेपी ने एजेंडे में शामिल किया था।
- वहां पर भारतीय मुसलमानों को बांगलादेशी घुसपैठियों के मुकाबले काफी कमजोर दिखाया गया था। इसके लिए कई रिपोर्ट का भी जिक्र किया गया था।
- यहां बीजेपी ने स्थानीय यूनिट की बात मानते हुए पसंदीदा चेहरे के रूप में सर्बानंद सोनोवाल को सीएम के तौर प्रोजेक्ट किया था।
- सर्बानंद असम के लोकप्रिय नेता हैं। साथ ही युवा वोटों पर भी उनकी खास पकड़ थी।
- असम चुनाव को लेकर पार्टी स्तर पर बूथ को मजबूत करने का काम पिछले एक साल से जारी था।
- असम में पार्टी की गुटबाजी रोकने के लिए बीजेपी ने सभी वरिष्ठ नेताओं को कद के हिसाब से जगह दी थी।
- प्रत्याशियों का चुनाव जातीय समीकरण से लेकर युवाओं को पार्टी से जोड़ने का आधार बनाया गया था।
- सांप्रदायिक मुद्दों को छोड़ विकास को बीजेपी ने एजेंडे में शामिल किया था।
- वहां पर भारतीय मुसलमानों को बांगलादेशी घुसपैठियों के मुकाबले काफी कमजोर दिखाया गया था। इसके लिए कई रिपोर्ट का भी जिक्र किया गया था।
यूपी में कुछ ऐसा होगा बीजेपी का एजेंडा
- पार्टी के अंदर गुटबाजी रोकने के लिए बीजेपी की तरफ से सभी वरिष्ठ नेताओं को रणनीति बनाने में शामिल किया जाएगा।
- प्रत्याशियों का चुनाव स्थानीय समीकरणों के हिसाब से तय होगा।
- युवा और महिला प्रत्याशियों को भी शामिल किया जाएगा।
- टिकट बंटवारे में स्थानीय समीकरणों के अलावा सभी वर्ग को तरजीह दी जाएगी।
- विकास को एजेंडा बनाकर बीजेपी चुनाव लड़ेगी।
- मुस्लिम हितों को लेकर विभिन्न जांच कमेटियों की रिपोर्ट को आधार बनाकर सपा-बसपा को घेरने का काम बीजेपी करेगी।
- जाति और धर्म के नाम पर बीजेपी नेतृत्व चुनाव नहीं लड़ेगा।
- प्रदेश में कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार को आधार बनाकर एजेंडे में शामिल किया जाएगा।
- भयमुक्त-विकासयुक्त प्रदेश के सिद्धांत पर बीजेपी लड़ेगी।
- केंद्र सरकार के दो साल की उपलब्धियों को गिनाते हुए बीजेपी मैदान में उतरेगी।
- प्रत्याशियों का चुनाव स्थानीय समीकरणों के हिसाब से तय होगा।
- युवा और महिला प्रत्याशियों को भी शामिल किया जाएगा।
- टिकट बंटवारे में स्थानीय समीकरणों के अलावा सभी वर्ग को तरजीह दी जाएगी।
- विकास को एजेंडा बनाकर बीजेपी चुनाव लड़ेगी।
- मुस्लिम हितों को लेकर विभिन्न जांच कमेटियों की रिपोर्ट को आधार बनाकर सपा-बसपा को घेरने का काम बीजेपी करेगी।
- जाति और धर्म के नाम पर बीजेपी नेतृत्व चुनाव नहीं लड़ेगा।
- प्रदेश में कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार को आधार बनाकर एजेंडे में शामिल किया जाएगा।
- भयमुक्त-विकासयुक्त प्रदेश के सिद्धांत पर बीजेपी लड़ेगी।
- केंद्र सरकार के दो साल की उपलब्धियों को गिनाते हुए बीजेपी मैदान में उतरेगी।
चुनाव जीतने के लिए बीजेपी का सबसे ज्यादा फोकस बूथ पर
- बीजेपी की कोशिश चुनाव जीतने के लिए सबसे ज्यादा बूथ मजबूत करना है।
- बूथ मजबूत करने के लिए स्थानीय समीकरणों को प्राथमिकता मिलेगी।
- जल्द से जल्द बीजेपी की तरफ से बूथ मैनेजमेंट का काम पूरा कर लिया जाएगा।
- बूथ कमेटियों की रिपोर्ट को जिला कमेटियां अपनी रिपोर्ट में शामिल कर प्रदेश बीजेपी को देंगी।
- इन रिपोर्टों के विश्लेषण के आधार पर प्रत्याशियों के नामों पर विचार होगा।
- 26 से 31 मई तक केंद्र सरकार की उपलब्धियों को लेकर बीजेपी विकास पर्व मनाएगी।
- बूथ मजबूत करने के लिए स्थानीय समीकरणों को प्राथमिकता मिलेगी।
- जल्द से जल्द बीजेपी की तरफ से बूथ मैनेजमेंट का काम पूरा कर लिया जाएगा।
- बूथ कमेटियों की रिपोर्ट को जिला कमेटियां अपनी रिपोर्ट में शामिल कर प्रदेश बीजेपी को देंगी।
- इन रिपोर्टों के विश्लेषण के आधार पर प्रत्याशियों के नामों पर विचार होगा।
- 26 से 31 मई तक केंद्र सरकार की उपलब्धियों को लेकर बीजेपी विकास पर्व मनाएगी।
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