यूपी में उतरेंगी स्मृति ईरानी ?
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता व संगठन के सक्रिय सदस्य ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि असम जीत के बाद एक बार फिर से चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री पद के दावेदार का ऐलान करने की रणनीति कामयाब हुई है। लिहाजा यूपी जैसे बड़े राज्य में भी पार्टी जाहिर तौर पर इसी रणनीति को अपनाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के दावेदार का नाम सभी नेताओं की सहमति और समर्थन से होगा।
वहीं, बीजेपी अभी भी यूपी के लिए बेहद सम्भल कर अपने चुनावी अभियान को तैयार करने में जुटी हुई है। पार्टी 26 मई से पूरे देश में मोदी सरकार के दो साल की उपलब्धियों को पहुंचाने का कार्यक्रम भी बना रही है, लेकिन यूपी के लिए इसी तारीख से पार्टी चुनावी अभियान चलाने जा रही है।
पार्टी रणनीतिकारों ने बड़ी सावधानी से यूपी में जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए ओबीसी समाज से ताल्लुख रखने वाले केशव प्रसाद मौर्य को अध्यक्ष बनाया है। यही नहीं संघ परिवार भी जमीन पर सक्रिय हो गया है। ऐसे में तमाम समीकरणों को देखने के बाद ही यूपी में बीजेपी सीएम कैंडिडेट का नाम उजागर करेगी।
स्मृति ईरानी के पक्ष में कई कारण हैं जो उन्हें यूपी में बीजेपी का चेहरा बना सकते हैं। सबसे अहम है उनका कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुकाबला। लोक सभा चुनाव के दौरान अमेठी में स्मृति राहुल से हारी जरूर थीं, लेकिन अब तक स्मृति ने अमेठी में राहुल का पीछा नहीं छोड़ा है यही नहीं स्मृति राहुल को शर्मिंदा करने का कोई मौका भी नहीं छोड़ती हैं।
इसके अलावा बजट सत्र के दौरान मायावती से राज्यसभा में सीधे टक्कर लेने के बाद स्मृति ने भी अपनी मंशा जाहिर कर दी थी। ऐसे में ताजा विधानसभा चुनाव नतीजों से स्मृति के खेमे में उम्मीदें बढ़ा दी हैं।
Next Story