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उत्तर प्रदेश

राज्यसभा के लिए दिग्गजों ने सपा से प्रत्याशी बनने के लिए जोड़तोड़ तेज कर दी

लखनऊ : राज्यसभा चुनाव के आहट के साथ सपा से प्रत्याशी बनने के लिए दिग्गजों ने जोड़तोड़ तेज कर दी है। केरल व बिहार के समाजवादियों से लेकर प्रदेश के दिग्गज राज्यसभा जाने का ख्वाहिशमंद हैं। चार जुलाई को रिक्त होने वाली राज्यसभा की 11 सीटों में से सर्वाधिक सात सपा के खाते में जाने की संभावना है, लिहाजा सबसे ज्यादा जोर आजमाइश इसी दल में हैं।

केरल के रहने वाले व राष्ट्रीय महासचिव जॉय एंटोनी को पार्टी राज्यसभा भेजने पर गंभीरता से विचार कर रही है। पूर्व मंत्री देवेन्द्र प्रसाद को भी राज्यसभा भेजकर पार्टी बिहार में न सिर्फ जनाधार बढ़ाने का प्रयास कर सकती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में समाजवादी झंडा उठाने और अनुसूचित जाति की नुमाइंदगी करने वाले पूर्व सांसद रामजी लाल सुमन या शैलेंद्र कुमार को टिकट मिलने की संभावना है। पुर्वान्चल से पूर्व महासचिव और निर्विवाद नेता सी. पी . राय का नाम सपा मुखिया की लिस्ट में है , सी. पी . राय को भेज कर राज्य सभा में सपा अपना मजबूत पछ रख सकती है दिल्ली की मिडिया में भी सी. पी . राय चर्चा में है ,

सुखराम यादव को भी राज्यसभा का टिकट मिल सकता है। मध्य प्रदेश के सपा प्रदेश अध्यक्ष गौरी शंकर यादव की दावेदारी की भी चर्चा है। मुस्लिम चेहरे के रूप में शफीकुर्रहमान बर्क को टिकट देने पर विचार कर सकती है। माता प्रसाद पाण्डेय व बलराम यादव के समर्थक दोनों को राज्यसभा भेजने की लामबंदी कर रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक पूर्व राज्यसभा सदस्य अमर सिंह का नाम सूची में अब तक सबसे ऊपर है लेकिन पार्टी के दो महासचिव उनकी दावेदारी का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में मुलायम के वीटो से उन्हें राज्यसभा भेजे जाने की उम्मीद है। भगवती सिंह, रेवती रमण सिंह का नाम दावेदारों में लिया जा रहा है।

बसपा का दलित-ब्राrाण कार्ड : राज्यसभा में बसपा की ताकत कम होगी। बसपा के छह सदस्यों की सदस्यता समाप्त होगी और केवल दो सदस्य ही जा सकेंगे। इसमें एक सतीश मिश्र का राज्यसभा में पुन: जाना सुनिश्चित हो चुका है। कैप्टन शर्मा की वापसी पर सवाल : कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा की राज्यसभा में वापसी होने पर सवाल उठ रहे हैं। प्रदेश में नई रणनीति बनाने में जुटा कांग्रेस नेतृत्व चौंकाने वाला फैसला ले सकता है।
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