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उत्तर प्रदेश

उत्तराखंड : पिक्चर अभी बाकी है, 12 जुलाई पर नजर






दिलचस्प बात यह है कि उत्तराखंड के सियासी खेल का कल ही अंत नहीं होगा। अब सबकी निगाहें 12 जुलाई को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी है। सुप्रीम कोर्ट ने अभी भले ही उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, लेकिन 12 जुलाई को क्या होगा, यह कहना मुश्किल है।क्योंकि कांग्रेस पार्टी के 9 बागी विधायकों को जिस आधार पर अयोग्य घोषित किया गया है, उसमें कई पेंच हैं। दलबदल कानून उनपर लागू नहीं होता। क्योंकि, इन विधायकों ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है और न ही भाजपा में शामिल हुए। यहीं नहीं, इस बागी विधायकों ने अलग राजनीतिक पार्टी भी नहीं बनाई है।

ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इस सभी पहलुओं पर विचार करेगा। सुप्रीम कोर्ट यदि इन बागी विधायकों के पक्ष में फैसला देकर और उन्हें अलग से मतदान की इजाजत देती है तो रावत सरकार की मुस्कान फिर से मायूसी में बदल सकती है।

अभी हरीश रावत सरकार के लिए राहत की बात इसलिए है कि उत्तराखंड में 2 सीटों वाली बसपा और पीडीएफ का साथ मिल गया। जिसकी वजह से वह बहुमत के आंकड़ों तक पहुंच गई और भाजपा का सारा गणित बिगड़ गया। लेकिन आखिरी नतीजे 12 जुलाई के बाद ही मालूम होंगे। कांग्रेस नेता अम्बिका सोनी भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक इंतजार करने को कह रही हैं।

इसके अलावा हरीश रावत के स्टिंग का भी मामला है। इस पर सुप्रीम कोर्ट का क्या रूख रहता है। हम आपको बता दें कि अबतक विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े दो स्टिंग सामने आये हैं। एक के बारे में हरीश रावत ने यह माना भी है कि उसमें उनकी ही आवाज है। ऐसे में इन सभी मामलों को मिला कर सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला देता है, इस पर निगाहें टिक गई हैं।



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