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सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड के आन्दोलनरत किसानों पर पुलिस ने भांजी लाठियां
बांदा में अपनी मांगो के लिए आवाज़ उठा रहे किसानों पर सोमवार को पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी. जवाब में किसानों ने भी पुलिस पर पथराव किया और रास्ते में ही लेट कर अपना तीखा विरोध दर्ज कराया.
दो घंटे तक चले बवाल के बाद अधिकारीयों के समझाने पर किसानों ने आंदोलन खत्म किया.
बांदा जनपद के बबेरू तहसील के क़स्बा कमासिन में बुंदेलखंड तिरहार बिकास मंच की अगुवाई में आज क्षेत्र की 20 सूत्रीय मांगो को लेकर सैकड़ों किसानों ने प्रदर्शन कर चक्का जाम कर दिया. पुलिस ने जाम हटाने की कोशिश की जिसका किसानों ने विरोध किया और किसान नेताओं और पुलिस में नोकझोंक होने लगी.
जिसके बाद किसानों को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया जिससे एक दर्जन से ज़्यादा किसान घायल हो गए. पुलिस के अचानक किये गए लाठीचार्ज से गुस्साए किसानों ने भी पुलिस के ऊपर जमकर पथराव किया. इस दौरान मुख्य मार्ग में वाहनों का लम्बा जाम लगा रहा. दो घंटे के किसानों और पुलिस संघर्ष के बाद एसडीएम सुरेन्द यादव के आश्वासन पर देर शाम को आंदोलन समाप्त हुआ.
आंदोलनरत किसानों का कहना था कि कमासिन क्षेत्र के सूखा और ओला से बर्बाद फसल का सही से मुआवजा मिलने के लिए और दादौ घाट पर पक्का पुल निर्माण किया जाना और किसानों के कर्ज माफ़ करने की मांगो को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे थे जिसमे पुलिस ने लाठीचार्ज कर किसानों का दमन करने का प्रयास किया है.
दो घंटे तक चले बवाल के बाद अधिकारीयों के समझाने पर किसानों ने आंदोलन खत्म किया.
बांदा जनपद के बबेरू तहसील के क़स्बा कमासिन में बुंदेलखंड तिरहार बिकास मंच की अगुवाई में आज क्षेत्र की 20 सूत्रीय मांगो को लेकर सैकड़ों किसानों ने प्रदर्शन कर चक्का जाम कर दिया. पुलिस ने जाम हटाने की कोशिश की जिसका किसानों ने विरोध किया और किसान नेताओं और पुलिस में नोकझोंक होने लगी.
जिसके बाद किसानों को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया जिससे एक दर्जन से ज़्यादा किसान घायल हो गए. पुलिस के अचानक किये गए लाठीचार्ज से गुस्साए किसानों ने भी पुलिस के ऊपर जमकर पथराव किया. इस दौरान मुख्य मार्ग में वाहनों का लम्बा जाम लगा रहा. दो घंटे के किसानों और पुलिस संघर्ष के बाद एसडीएम सुरेन्द यादव के आश्वासन पर देर शाम को आंदोलन समाप्त हुआ.
आंदोलनरत किसानों का कहना था कि कमासिन क्षेत्र के सूखा और ओला से बर्बाद फसल का सही से मुआवजा मिलने के लिए और दादौ घाट पर पक्का पुल निर्माण किया जाना और किसानों के कर्ज माफ़ करने की मांगो को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे थे जिसमे पुलिस ने लाठीचार्ज कर किसानों का दमन करने का प्रयास किया है.
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