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उत्तर प्रदेश

हम चाय बेचने वालों को स्कूल में नहीं रख सकते

इस देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भले ही अपने आपको गर्व से चाय बेचने वाला बताते हों लेकिन आज भी समाज की मानसिकता जस की तस है. बागपत जिले में एक बच्चे को स्कूल से इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उसका पिता चाय बेचता है. स्कूल का कहना है हम चाय बेचने वालों को स्कूल में नहीं रख सकते.

मामला बागपत जिले के घटना बड़ोत कोतवाली क्षेत्र स्थित लार्ड महावीर स्कूल की है, जहां एक पांचवी कक्षा के छात्र का स्कूल से इसलिए नाम काट दिया गया क्योकि उसके पिता का व्यवसाय चाय बेचना है. उसक पिता चाय बेचता है तो स्कूल प्रबंधन ने छात्र को कक्षा 6 मे प्रवेश देने के बजाय उसकी टीसी काटकर उसे स्कूल से बहार निकाल दिया. छात्र के पिता ने जिला विद्यालय निरीक्षक आशुतोष भरद्वाज से स्कूल प्रबधंन की शिकायत कर कारवाई की गुहार लगायी है

बता दें पीड़ित छात्र का नाम अरिंहत है जो स्कूल मे कक्षा पांच का छात्र था. उसने 50 प्रतिशत मार्क्स के साथ कक्षा पांच उत्तीर्ण कर लिया. लेकिन स्कूल प्रबंधन ने छात्र को अगली कक्षा मे एडमिशन देने के बजाय उसका नाम स्कूल से काट दिया.

पीड़ित के पिता ने आरोप लगाया है कि स्कूल प्रबंघन का कहना है कि तुम्हारा परिवार पढ़ा लिखा नही है जिस कारण कक्षा पांच में तुम्हारे 50 प्रतिशत ही अंक आए हैं. इसलिए तुम किसी ओर स्कूल मे दाखिला ले लो. पिता ने कहा, "मेरे बेटे का दो साल बर्बाद हो गया. मैंने काफी मिन्नतें की लेकिन स्कूल प्रबंधन नहीं माना." इस बीच पीड़ित पिता ने मानव संसाधन मंत्री से भी मुलाकात का समय माँगा है.

बता दें छात्र का सपना लार्ड महावीरा स्कूल मे पढ़ना है. पीड़ित छात्र नर्सरी से कक्षा पांच तक लार्ड महावीरा स्कूल का ही छात्र था. हालांकि पीड़ित परिवार को अधिकारीयों ने इंसाफ करने का आश्वासन दिया है. जिला विद्यालय निरीक्षक का कहना है कि शिकायत पर मामले की जांच करायी जा रही है. जो भी गलत होगा उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

बागपत के जिलाधिकारी एचएस तिवारी ने कहा कि वे इस मामले में जांच करायेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे की बच्चे का एडमिशन हो जाए.
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