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उत्तर प्रदेश

कांग्रेस का मार्च लोकतंत्र बचाने के लिए या 'परिवार' बचाने के लिए ?

नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज मोदी सरकार के खिलाफ बड़ा हमला बोला.दिल्ली में लोकतंत्र बचाओ मार्च में सोनिया, राहुल समेत कांग्रेस के बड़े नेता शामिल हुए.

चौंकाने वाली बात ये है कि मार्च में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा का पोस्टर दिखा, जिसके आधार पर सवाल उठता है कि कांग्रेस का लोकतंत्र बचाओ मार्च कहीं परिवार बचाओ मार्च तो नहीं था.

मार्च में भाषण देते हुए सोनिया गांधी ने कहा, ”ये लोग जानते नहीं कि हम कांग्रेसीजन किस मिट्टी के बने हैं.” सोनिया गांधी का ये तीखा जवाब है मोदी सरकार को. दिल्ली में कांग्रेस ने लोकतंत्र बचाओ मार्च निकाला.

मार्च का मकसद था मोदी सरकार को घेरना. मार्च के बाद कांग्रेस संसद का घेराव करने वाली थी, लेकिन पुलिस की घेराबंदी की वजह से वो आगे नहीं बढ़ सके. इसके बाद सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मनमोहन सिंह ने संसद मार्ग थाने में जाकर सांकेतिक गिरफ्तारी दी. वहां से उन्हें बॉन्ड भरने के बाद तुरंत जमानत मिल गई.

कांग्रेस ने उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश के राजनीतिक संकट, देश में सूखे के हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा हमला बोला. भाषण के दौरान आगूस्ता घूसकांड या नेशनल हेरल्ड के मुद्दों का जिक्र तो नहीं किया गया, लेकिन मोदी सरकार पर झूठे केस में फंसाने का आरोप जरूर लगा दिया.

मार्च में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के हाथ में रॉबर्ट वाड्रा के भी पोस्टर दिखे. सोनिया और राहुल के साथ रॉबर्ट वाड्रा भी पोस्टरों में नजर आ रहे थे. रॉबर्ट वाड्रा न तो राजनीति में हैं और न कांग्रेस के पदाधिकारी हैं, गांधी परिवार के दामाद जरूर हैं. मार्च में प्रियंका गांधी का पोस्टर भी दिखा. ऱॉबर्ट वाड्रा के पोस्टर को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर चुटकी ली.

एक और कांग्रेस सड़क पर बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी, तो संसद परिसर में बीजेपी बिना नाम लिए कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी. बीजेपी के सांसदों ने आगूस्ता वेस्टलैंड घूसकांड पर इन तख्तियों के साथ प्रदर्शन किया.

संसद में इन दिनों आगूस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घूसकांड का मुद्दा गर्म है. बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी इस सौदे में घूसखोरी का आरोप सीधे-सीधे सोनिया गांधी पर लगा रहे हैं.

आगूस्ता घूसकांड की आंच राहुल गांधी के करीबी कनिष्क सिंह तक भी पहुंचती दिख रही है. जबकि रॉबर्ट वाड्रा पहले ही खुद को राजनीतिक हमले का शिकार बताते रहे हैं.
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