आफत पर सियासत जारी
सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड में पानी को लेकर सियासत जारी है. जहां एक ओर अखिलेश सरकार ने केंद्र सरकार से वाटर ट्रेन से पानी लेने से इनकार कर दिया है वहीँ अब इस मुद्दे पर लेटरबाजी भी शुरू हो गई है. जहां एक ओर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्रीय मंत्री उमा भारती को लीटर लिखकर 10 हजार टैंकर्स उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. वहीं, उमा भारती ने पत्र भेजकर मुख्यमंत्री से कहा है कि बुंदेलखंड के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि रेलवे द्वारा भेजे गए वाटर ट्रेन से पानी लगों तक पहुंचाया जाए.
पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड क्षेत्र में जलाशयों से लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए 10 हजार टैंकर्स उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. इसके के लिए उन्होंने केंद्र सरकार को ट्वीट भी किया है. सीएम ने कहा है कि बुंदेलखंड में मौसम की मार, कम वर्षा और भूगर्भ जल के गिरते स्तर की वजह से पानी का संकट उत्पन्न हुआ है. लेकिन अभी भी इस क्षेत्र के जलाशयों में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है. इसलिए टैंकर्स की आवश्यकता है ताकि इन जलाशयों से पानी लोगों तक पहुंचाया जाए.
दूसरी तरफ उमा भारती ने लिखा है, "मुझे अभी रेल विभाग से जानकारी मिली है कि आपने रेलवे द्वारा बुंदेलखंड भेजे गए पानी के टैंकरों को इस्तेमाल करने से मना कर दिया है. 4 अप्रैल को मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड से सांसदों की नीति आयोग के साथ बैठक हुई जिसमे सभी सांसदों ने बुंदेलखंड में पानी का घोर संकट बताया. जिसके बाद नीति आयोग ने इसे ध्यान में रखते हुए पानी संकट पर फोकस करने को कहा."
उन्होंने आगे लिखा, "जिसके बाद रेलवे द्वारा भेजे गए पानी को इस्तेमाल न करना हास्यापद स्थिति को पैदा करता है. आपसे आग्रह है कि आप बुंदेलखंड के सभी जिलाधिकारियों को टैंकरों का सदुपयोग करने के लिए कहें और प्यासों तक पानी पहुंचाएं."
सीएम बुंदेलखंड पर सख्त
हालांकि मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिया है कि अब किसी भी मौत के लिए सीधे जिलाधिकारी जिम्मेदार होंगे. सीएम ने निर्देश दिए हैं कि सूखाग्रस्त जिलों में राहत एवं पेयजल आपूर्ति से जुड़े कार्य को युद्धस्तर पर संचालित किया जाए.
इतना ही नहीं उन्होंने बुंदेलखंड क्षेत्र में समाजवादी सूखा राहत सामग्री और खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 4 माह तक निःशुल्क खाद्यान्न वितरण के आदेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित को कहा भी है. मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड में 5,786 नए इंडिया मार्का-2 हैंडपम्पों की स्थापना के लिए 40 करोड़ रुपए जारी किया है. 440 वाटर टैंकर की खरीद के लिए 9.94 करोड़ रुपए भी जारी किए गए हैं.
लेकर सियासत जारी है. जहां एक ओर अखिलेश सरकार ने केंद्र सरकार से वाटर ट्रेन से पानी लेने से इनकार कर दिया है वहीँ अब इस मुद्दे पर लेटरबाजी भी शुरू हो गई है. जहां एक ओर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्रीय मंत्री उमा भारती को लीटर लिखकर 10 हजार टैंकर्स उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. वहीं, उमा भारती ने पत्र भेजकर मुख्यमंत्री से कहा है कि बुंदेलखंड के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि रेलवे द्वारा भेजे गए वाटर ट्रेन से पानी लगों तक पहुंचाया जाए.
पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड क्षेत्र में जलाशयों से लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए 10 हजार टैंकर्स उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. इसके के लिए उन्होंने केंद्र सरकार को ट्वीट भी किया है. सीएम ने कहा है कि बुंदेलखंड में मौसम की मार, कम वर्षा और भूगर्भ जल के गिरते स्तर की वजह से पानी का संकट उत्पन्न हुआ है. लेकिन अभी भी इस क्षेत्र के जलाशयों में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है. इसलिए टैंकर्स की आवश्यकता है ताकि इन जलाशयों से पानी लोगों तक पहुंचाया जाए.
पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड क्षेत्र में जलाशयों से लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए 10 हजार टैंकर्स उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. इसके के लिए उन्होंने केंद्र सरकार को ट्वीट भी किया है. सीएम ने कहा है कि बुंदेलखंड में मौसम की मार, कम वर्षा और भूगर्भ जल के गिरते स्तर की वजह से पानी का संकट उत्पन्न हुआ है. लेकिन अभी भी इस क्षेत्र के जलाशयों में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है. इसलिए टैंकर्स की आवश्यकता है ताकि इन जलाशयों से पानी लोगों तक पहुंचाया जाए.
दूसरी तरफ उमा भारती ने लिखा है, "मुझे अभी रेल विभाग से जानकारी मिली है कि आपने रेलवे द्वारा बुंदेलखंड भेजे गए पानी के टैंकरों को इस्तेमाल करने से मना कर दिया है. 4 अप्रैल को मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड से सांसदों की नीति आयोग के साथ बैठक हुई जिसमे सभी सांसदों ने बुंदेलखंड में पानी का घोर संकट बताया. जिसके बाद नीति आयोग ने इसे ध्यान में रखते हुए पानी संकट पर फोकस करने को कहा."
उन्होंने आगे लिखा, "जिसके बाद रेलवे द्वारा भेजे गए पानी को इस्तेमाल न करना हास्यापद स्थिति को पैदा करता है. आपसे आग्रह है कि आप बुंदेलखंड के सभी जिलाधिकारियों को टैंकरों का सदुपयोग करने के लिए कहें और प्यासों तक पानी पहुंचाएं."
सीएम बुंदेलखंड पर सख्त
हालांकि मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिया है कि अब किसी भी मौत के लिए सीधे जिलाधिकारी जिम्मेदार होंगे. सीएम ने निर्देश दिए हैं कि सूखाग्रस्त जिलों में राहत एवं पेयजल आपूर्ति से जुड़े कार्य को युद्धस्तर पर संचालित किया जाए.
इतना ही नहीं उन्होंने बुंदेलखंड क्षेत्र में समाजवादी सूखा राहत सामग्री और खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 4 माह तक निःशुल्क खाद्यान्न वितरण के आदेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित को कहा भी है. मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड में 5,786 नए इंडिया मार्का-2 हैंडपम्पों की स्थापना के लिए 40 करोड़ रुपए जारी किया है. 440 वाटर टैंकर की खरीद के लिए 9.94 करोड़ रुपए भी जारी किए गए हैं.
लेकर सियासत जारी है. जहां एक ओर अखिलेश सरकार ने केंद्र सरकार से वाटर ट्रेन से पानी लेने से इनकार कर दिया है वहीँ अब इस मुद्दे पर लेटरबाजी भी शुरू हो गई है. जहां एक ओर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्रीय मंत्री उमा भारती को लीटर लिखकर 10 हजार टैंकर्स उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. वहीं, उमा भारती ने पत्र भेजकर मुख्यमंत्री से कहा है कि बुंदेलखंड के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि रेलवे द्वारा भेजे गए वाटर ट्रेन से पानी लगों तक पहुंचाया जाए.
पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड क्षेत्र में जलाशयों से लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए 10 हजार टैंकर्स उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. इसके के लिए उन्होंने केंद्र सरकार को ट्वीट भी किया है. सीएम ने कहा है कि बुंदेलखंड में मौसम की मार, कम वर्षा और भूगर्भ जल के गिरते स्तर की वजह से पानी का संकट उत्पन्न हुआ है. लेकिन अभी भी इस क्षेत्र के जलाशयों में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है. इसलिए टैंकर्स की आवश्यकता है ताकि इन जलाशयों से पानी लोगों तक पहुंचाया जाए.
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