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समाजवादी सूखा राहत बांटने में ढिलाई बर्दाश्त नहीं, मौत पर डीएम की होगी जिम्मेदारी
लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सात मई को होने वाली चर्चा से पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड समेत अन्य जिलों के सूखा राहत कार्यो की समीक्षा की। कहा कि अगर भूख से किसी की मौत हुई तो डीएम व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। बुंदेलखंड में 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने का साथ युद्ध स्तर पर राहत योजनाएं चलाने का निर्देश दिया।1मुख्यमंत्री ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर सूखा प्रभावित जिलों में चल रहे राहत कार्यो समीक्षा करते हुए कहा कि बुंदेलखंड के सात जिलों के 2.30 लाख अंत्योदय परिवारों को समाजवादी सूखा राहत बांटने में ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। किसी भी स्थिति में भूख से मृत्यु न होने पाए। ऐसी स्थिति आयी तो डीएम पद नहीं व्यक्ति के रूप में जिम्मेदार माने जाएंगे।
मुख्य सचिव आलोक रंजन ने मुख्यमंत्री को बताया कि अंत्योदय लाभार्थियों में से जिन परिवारों की आजीविका आपदा से प्रभावित हुई है, उन परिवारों को राहत पैकेट बांटे जा रहे हैं। पशुओं के चारे के लिए प्रत्येक जिले को एक-एक करोड़ रुपये दिए गए हैं। मनरेगा के मानव दिवस सौ से बढ़ाकर 150 कर दिए गए हैं। टैंकरों के जरिये पीने के पानी का इंतजाम कराया जा रहा है।
पानी के लिए धन जारी :
बुंदेलखंड में 5,786 नए इंडिया मार्का-2 हैंडपंप की स्थापना के लिए 40 करोड़ रुपये और 440 वाटर टैंकर के लिए 9.94 करोड़ रुपये जारी हो गए हैं। 3,527 इंडिया मार्का-2 हैंडपंप की रिबोरिंग के लिए त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत 20.85 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गये हैं। वर्ष 2015-16 में 160.88 लाख मानव दिवस सृजन के सालाना लक्ष्य के सापेक्ष 198.26 लाख दिवस सृजित हुए। वर्ष 2016-17 में बुंदेलखंड के सात जिलों में तीन मई, 2016 तक 7.66 लाख मानव दिवस के सापेक्ष 5.39 लाख दिवस सृजित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री जल बचाव अभियान के अंतर्गत इस क्षेत्र में 10,705.74 लाख रुपए एवं प्रदेश में 87,197 लाख रुपये व्यय करतालाबों पर कार्य कराया गया। 11फरवरी, मार्च एवं अप्रैल, 2015 में ओलावृष्टि व अतिवृष्टि से कृषि फसलों के नुकसान के साथ जनधन की हानि हुई थी। इस आपदा से 02 करोड़ किसान बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। केंद्र सरकार को 7543.14 करोड़ रुपये का मेमोरैंडम भेजा गया था, जिसके सापेक्ष 2801.59 करोड़ रुपये मिले। राज्य सरकार द्वारा अद्यतन 4498.29 करोड़ रुपये (2801.59 करोड़ रुपये राष्ट्रीय आपदा मोचक निधि से व 478.70 करोड़ रुपये राज्य आपदा मोचक निधि और 1218 करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से) मंजूर किये गये थे। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार से संपूर्ण धन नहीं मिलने के कारण आधे किसान राहत से वंचित रहे। केंद्र सरकार से अवशेष धनराशि 4741.55 करोड़ रुपये की मांग की गयी है। जून से सितंबर 2015 के मध्य कम वर्षा के कारण 50 जिलों को नवंबर, 2015 में सूखाग्रस्त घोषित किया गया। इनमें से 21 जिलों में फसलांे की व्यापक क्षति हुई थी। मिट्टी में नमी की कमी के चलते रबी 2015-16 की बोआई प्रभावित हुई और फसलों की क्षति हुई।
सूखा-2015 हेतु 2057.79 करोड़ रुपये का मेमोरैंडम केंद्र को भेजा गया, केंद्र सरकार द्वारा केन्द्रांश समायोजित करने के बाद 934.32 करोड़ रुपये आवंटित हुए जिसमें से 867.87 करोड़ रुपये की धनराशि कृषि निवेश अनुदान के रूप में स्वीकृत किया गया।
मुख्य सचिव आलोक रंजन ने मुख्यमंत्री को बताया कि अंत्योदय लाभार्थियों में से जिन परिवारों की आजीविका आपदा से प्रभावित हुई है, उन परिवारों को राहत पैकेट बांटे जा रहे हैं। पशुओं के चारे के लिए प्रत्येक जिले को एक-एक करोड़ रुपये दिए गए हैं। मनरेगा के मानव दिवस सौ से बढ़ाकर 150 कर दिए गए हैं। टैंकरों के जरिये पीने के पानी का इंतजाम कराया जा रहा है।
पानी के लिए धन जारी :
बुंदेलखंड में 5,786 नए इंडिया मार्का-2 हैंडपंप की स्थापना के लिए 40 करोड़ रुपये और 440 वाटर टैंकर के लिए 9.94 करोड़ रुपये जारी हो गए हैं। 3,527 इंडिया मार्का-2 हैंडपंप की रिबोरिंग के लिए त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत 20.85 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गये हैं। वर्ष 2015-16 में 160.88 लाख मानव दिवस सृजन के सालाना लक्ष्य के सापेक्ष 198.26 लाख दिवस सृजित हुए। वर्ष 2016-17 में बुंदेलखंड के सात जिलों में तीन मई, 2016 तक 7.66 लाख मानव दिवस के सापेक्ष 5.39 लाख दिवस सृजित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री जल बचाव अभियान के अंतर्गत इस क्षेत्र में 10,705.74 लाख रुपए एवं प्रदेश में 87,197 लाख रुपये व्यय करतालाबों पर कार्य कराया गया। 11फरवरी, मार्च एवं अप्रैल, 2015 में ओलावृष्टि व अतिवृष्टि से कृषि फसलों के नुकसान के साथ जनधन की हानि हुई थी। इस आपदा से 02 करोड़ किसान बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। केंद्र सरकार को 7543.14 करोड़ रुपये का मेमोरैंडम भेजा गया था, जिसके सापेक्ष 2801.59 करोड़ रुपये मिले। राज्य सरकार द्वारा अद्यतन 4498.29 करोड़ रुपये (2801.59 करोड़ रुपये राष्ट्रीय आपदा मोचक निधि से व 478.70 करोड़ रुपये राज्य आपदा मोचक निधि और 1218 करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से) मंजूर किये गये थे। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार से संपूर्ण धन नहीं मिलने के कारण आधे किसान राहत से वंचित रहे। केंद्र सरकार से अवशेष धनराशि 4741.55 करोड़ रुपये की मांग की गयी है। जून से सितंबर 2015 के मध्य कम वर्षा के कारण 50 जिलों को नवंबर, 2015 में सूखाग्रस्त घोषित किया गया। इनमें से 21 जिलों में फसलांे की व्यापक क्षति हुई थी। मिट्टी में नमी की कमी के चलते रबी 2015-16 की बोआई प्रभावित हुई और फसलों की क्षति हुई।
सूखा-2015 हेतु 2057.79 करोड़ रुपये का मेमोरैंडम केंद्र को भेजा गया, केंद्र सरकार द्वारा केन्द्रांश समायोजित करने के बाद 934.32 करोड़ रुपये आवंटित हुए जिसमें से 867.87 करोड़ रुपये की धनराशि कृषि निवेश अनुदान के रूप में स्वीकृत किया गया।
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