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अहं की लड़ाई में पिसी बुंदेलखंड की प्यासी जनता, ‘पानी एक्सप्रेस’ झांसी रेलवे स्टेशन पर खड़ी है
सूखे की मार झेल रहे यूपी के बुंदेलखंड में रेलवे ने लोगों की प्यास बुझाने के लिए पहल की और 10 वैगन वाली एक ट्रेन 5 लाख लीटर पानी के साथ बुधवार देर शाम झांसी पहुंची, लेकिन इस मामले में एक नया विवाद खड़ा हो गया है.
दरअसल, इस ट्रेन को महोबा जानी है, लेकिन जिला प्रशासन और रेलवे के बीच सामंजस्य न बन पाने की वजह से यह अभी तक झांसी के यार्ड में ही खड़ी है. अब यह तय नहीं हो पा रहा है कि इसे कहां भेजा जाए.
महोबा जिला प्रशासन का कहना है कि उन्हें यह सूचना नहीं है कि ऐसी कोई ट्रेन आई है. जिला प्रशासन के मुताबिक, उन्हें इस 'वाटर ट्रेन' की जरूरत भी नहीं है. यहां पानी की ऐसी किल्लत नहीं है और लोगों को टैंकर से पानी सप्लाई की जा रही है.
गौरतलब है कि जल संकट को देखते हुए रतलाम से यह ट्रेन यहां पहुंची है. अब जिला प्रशासन द्वारा पानी लेने से मन करने पर इसे झांसी स्टेशन के यार्ड में ही खड़ा कर दिया गया है. ट्रेन को लेकर रेलवे और जिला प्रशासन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
डीएम के दावों पर सवाल
झांसी रेल मंडल के एडीआरएम विनीत सिंह ने बताया कि ‘पानी एक्सप्रेस’ झांसी रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई है. लेकिन जब महोबा डीएम वीरेश्वर सिंह से बात हुई तो उन्होंने ट्रेन से पानी मंगाए जाने की जरूरत से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अभी महोबा जिले में टैंकरों से पानी सप्लाई हो रहा है.
एडीआरएम ने कहा कि महोबा डीएम द्वारा जरूरत होने को मना करने के बाद पानी एक्सप्रेस को झांसी ही रखा जाएगा. आने वाले दिनों में अगर बुंदेलखंड के किसी जिले में पानी की जरूरत पड़ती है तो वहां इसी ट्रेन द्वारा पानी भेजा जाएगा.
क्या है स्थिति?
आपको बता दें बुंदेलखंड की स्थिति किसी से छुपी नहीं है. प्रशासन जो दावा कर रहा ही कि टैंकर से सुपली की जा रही है उसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. यहां टैंकर पहुंचते ही कुछ ही मिनटों में पानी लुट लिया जाता है.
सबसे बुरी कंडीशन बांदा मंडल के महोबा जिले की है. यहां हालात इतने बदतर हैं कि गांवों में टैंकर द्वारा पहुंचाए जा रहे पानी के लिए मारामारी मच जाती है. इसके बावजूद जिला प्रशासन का पानी लेने से इनकार करना समझ से परे है.
6 मई को पहुंचने वाली 'वाटर एक्सप्रेस' पर भी विवाद
एक्सप्रेस राजस्थान के कोटा के बाणसागर से पानी भरकर बीना, झांसी से होते हुए 6 मई को सुबह महोबा पहुंचने वाली वाटर एक्सप्रेस पर भी विवाद हो गया है. महोबा प्रशासन के इनकार के बाद अब यह ट्रेन शुक्रवार को आएगी या नहीं यह अभी तय नहीं है.
दरअसल, इस ट्रेन को महोबा जानी है, लेकिन जिला प्रशासन और रेलवे के बीच सामंजस्य न बन पाने की वजह से यह अभी तक झांसी के यार्ड में ही खड़ी है. अब यह तय नहीं हो पा रहा है कि इसे कहां भेजा जाए.
महोबा जिला प्रशासन का कहना है कि उन्हें यह सूचना नहीं है कि ऐसी कोई ट्रेन आई है. जिला प्रशासन के मुताबिक, उन्हें इस 'वाटर ट्रेन' की जरूरत भी नहीं है. यहां पानी की ऐसी किल्लत नहीं है और लोगों को टैंकर से पानी सप्लाई की जा रही है.
गौरतलब है कि जल संकट को देखते हुए रतलाम से यह ट्रेन यहां पहुंची है. अब जिला प्रशासन द्वारा पानी लेने से मन करने पर इसे झांसी स्टेशन के यार्ड में ही खड़ा कर दिया गया है. ट्रेन को लेकर रेलवे और जिला प्रशासन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
डीएम के दावों पर सवाल
झांसी रेल मंडल के एडीआरएम विनीत सिंह ने बताया कि ‘पानी एक्सप्रेस’ झांसी रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई है. लेकिन जब महोबा डीएम वीरेश्वर सिंह से बात हुई तो उन्होंने ट्रेन से पानी मंगाए जाने की जरूरत से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अभी महोबा जिले में टैंकरों से पानी सप्लाई हो रहा है.
एडीआरएम ने कहा कि महोबा डीएम द्वारा जरूरत होने को मना करने के बाद पानी एक्सप्रेस को झांसी ही रखा जाएगा. आने वाले दिनों में अगर बुंदेलखंड के किसी जिले में पानी की जरूरत पड़ती है तो वहां इसी ट्रेन द्वारा पानी भेजा जाएगा.
क्या है स्थिति?
आपको बता दें बुंदेलखंड की स्थिति किसी से छुपी नहीं है. प्रशासन जो दावा कर रहा ही कि टैंकर से सुपली की जा रही है उसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. यहां टैंकर पहुंचते ही कुछ ही मिनटों में पानी लुट लिया जाता है.
सबसे बुरी कंडीशन बांदा मंडल के महोबा जिले की है. यहां हालात इतने बदतर हैं कि गांवों में टैंकर द्वारा पहुंचाए जा रहे पानी के लिए मारामारी मच जाती है. इसके बावजूद जिला प्रशासन का पानी लेने से इनकार करना समझ से परे है.
6 मई को पहुंचने वाली 'वाटर एक्सप्रेस' पर भी विवाद
एक्सप्रेस राजस्थान के कोटा के बाणसागर से पानी भरकर बीना, झांसी से होते हुए 6 मई को सुबह महोबा पहुंचने वाली वाटर एक्सप्रेस पर भी विवाद हो गया है. महोबा प्रशासन के इनकार के बाद अब यह ट्रेन शुक्रवार को आएगी या नहीं यह अभी तय नहीं है.
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