राम मंदिर को लेकर विहिप के तेवर ठंडे ही रहने वाले हैं!
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अपने तेवर ठंडे ही रखने वाली है। परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बुधवार को उज्जैन में शुरू हुई बैठक में मंदिर निर्माण के बारे में किसी ठोस निष्कर्ष पर सहमति नहीं बन पाई। हालांकि विहिप और भाजपा के लिए यह नया मुद्दा नहीं है, लेकिन देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में मिशन-2017 को देखते हुए भाजपा साधु-संतों के जरिए इस मुद्दे को हवा देकर अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर सकती है। यह बैठक पांच मई को भी जारी रहेगी।
ऐसे में मुमकिन है कि बृहस्पतिवार तक कोई कार्यक्रम या नतीजा सामने आ जाए। बताया जा रहा है कि बुधवार को पहले दिन की बैठक में करीब 200 संतों और महामंडलेश्वरों ने भाग लिया। इस बैठक में मुख्य रूप से अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण, हिंदुओं की आबादी, धर्मांतरण का कुचक्र और गो रक्षा पर चिंतन किया गया। यह बैठक वासुदेवानंद सरस्वती की अध्यक्षता में शुरू हुई। इसमें जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद और कई अन्य महामंडलेश्वर भी शामिल हुए।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय ने बताया कि प्रमुख तौर पर चार विषयों पर चर्चा की जा रही है। फिलहाल राम जन्मभूमि के संबंध में भी कोई फैसला नहीं लिया गया है, सिर्फ चिंतन किया जा रहा है। बैठक में राम जन्मभूमि केस की ताजा स्थिति के बारे में भी जानकारी दी गई।
ऐसे में मुमकिन है कि बृहस्पतिवार तक कोई कार्यक्रम या नतीजा सामने आ जाए। बताया जा रहा है कि बुधवार को पहले दिन की बैठक में करीब 200 संतों और महामंडलेश्वरों ने भाग लिया। इस बैठक में मुख्य रूप से अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण, हिंदुओं की आबादी, धर्मांतरण का कुचक्र और गो रक्षा पर चिंतन किया गया। यह बैठक वासुदेवानंद सरस्वती की अध्यक्षता में शुरू हुई। इसमें जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद और कई अन्य महामंडलेश्वर भी शामिल हुए।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय ने बताया कि प्रमुख तौर पर चार विषयों पर चर्चा की जा रही है। फिलहाल राम जन्मभूमि के संबंध में भी कोई फैसला नहीं लिया गया है, सिर्फ चिंतन किया जा रहा है। बैठक में राम जन्मभूमि केस की ताजा स्थिति के बारे में भी जानकारी दी गई।
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