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उत्तर प्रदेश

जस्टिस चंद्रचूड़ बनेंगे सुप्रीम कोर्ट के जज, उत्तराखंड के CJ के तबादले को लेकर अटकलें

नई दिल्ली : इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के जज बनेंगे। उनका स्थान आंध्र प्रदेश/तेलंगाना के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीबी भोसले लेंगे। सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने मध्य प्रदेश तथा केरल हाई कोर्टो के मुख्य न्यायाधीशों क्रमश: एएम खानविलकर और अशोक भूषण को भी शीर्ष न्यायालय के जज के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की है।

प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय कोलेजियम ने वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व सॉलिसिटर जनरल एल नागेश्वर राव को भी सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की मंजूरी दी है। इन नियुक्तियों के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 25 से बढ़ कर 29 हो जाएगी। हालांकि दो रिक्तियां फिर भी बनी रहेंगी।

गत वर्ष 13 अप्रैल को राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम के लागू होने के बाद सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने पहली बार शीर्ष न्यायालय के जजों की नियुक्तियों की सिफारिश की है। नए कानून में कोलेजियम प्रणाली को रद करने की बात कही गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने गत वर्ष 16 अक्टूबर को इस पर रोक लगा दी थी।

सूत्रों के अनुसार, कोलेजियम ने उक्त सिफारिशें कानून मंत्रलय को भेज दी हैं। प्रक्रिया एक पखवाड़े में पूरी कर ली जाएगी।

चौथे अधिवक्ता होंगे नागेश्वर राव : वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से नागेश्वर राव चौथे अधिवक्ता हैं, जिनके नाम की सिफारिश कोलेजियम ने की है। इससे पूर्व यूयू ललित और आरएफ नारीमन को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। हालांकि नकारात्मक खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार ने सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रrाण्यम की फाइल लौटा दी थी। तीखे विवाद के बाद सुब्रrाण्यम ने खुद नाम वापस ले लिया था।

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाने पर चर्चा में आए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस केएम जोसेफ के तबादले को लेकर बुधवार को अटकलों का बाजार गर्म रहा। इनमें कहा गया कि जस्टिस जोसेफ का स्थानांतरण आंध्र प्रदेश/तेलंगाना हाई कोर्ट कर दिया गया है। हालांकि कानून मंत्रलय के सूत्रों ने टिप्पणी करने व दोनों उच्च न्यायालयों के सूत्रों ने इस संबंध में जानकारी होने से इन्कार किया। गत माह जस्टिस जोसेफ ने राष्ट्रपति शासन हटाकर हरीश रावत के फिर से मुख्यमंत्री बनने का रास्ता सुनिश्चित कर दिया था। जस्टिस जोसेफ और वीके बिष्ट की खंडपीठ ने कहा था, ‘केंद्र की ओर से प्रदेश में धारा 356 का इस्तेमाल सुप्रीम कोर्ट के निर्धारित नियम के खिलाफ है।

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