नत्थू की मौत पर गर्माई सियासत
लखनऊ : बांदा में किसान नत्थू की असामान्य परिस्थितियों में हुई मौत पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संवेदना जताते हुए आश्रितों को पांच लाख रुपये आर्थिक मदद की घोषणा की है।
इधर, भाजपा ने सरकार को नाकाम बताते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार बुंदेलखंड में जरूरतमंद लोगों को राहत नहीं दे पा रही है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि बुंदेलखंड में सूखे से निपटने व गरीबों की मदद के लिए प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। बुंदेलखंड के सात जिलों के दो लाख 30 हजार अन्त्योदय परिवारों को सूखा राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। पात्र परिवारों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत चार माह तक नि:शुल्क खाद्यान्न वितरित करने का निर्देश दिया है। पेयजल की किल्लत दूर करने के लिए 3226 इण्डिया मार्क-2 हैण्डपंपों की स्थापना के लिए 21.57 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई है। इसके अलावा 440 वॉटर टैंकर्स खरीदने के लिए 10 करोड़ रुपए उपलब्ध कराये हैं।
बुंदेलखंड में भूख से हुई मौत सरकार की नाकामी : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि बांदा में भूख से हुई नत्थू की मौत अत्यंत दुखद और शर्मनाक है। राज्य सरकार सूख से बदहाल और भूख से पीड़ित बुंदेलखंड के लोगों को राहत पहुंचाने में पूरी तरह फेल हो गयी है।
केशव ने बांदा के नरैनी तहसील के ऐला गांव के मंगूसपुरवा के दलित नत्थू की भूख से मौत तथा हमीरपुर के उमरी गांव के किसान रमेश द्वारा आत्महत्या को समाजवादी सरकार के चेहरे पर बदनुमा दाग बताया है। यह उत्तर प्रदेश में शासन तंत्र के पूरी तरह फेल होने का नमूना भी है।
बुंदेलखंड की लगातार अनदेखी : कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने कहा है कि सरकार बुंदेलखंड की लगातार अनदेखी कर रही है। नत्थू की भूख से हुई मौत सरकार की अक्षमता का प्रतीक है। त्रिपाठी ने सरकार से राहत पैकेज में वृद्धि और अफसरों की जवाबदेही तय करने की मांग की है।
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