जेलों में बवाल पर मुख्यमंत्री ने अफसरों की ली क्लास
मुख्यमंत्री के आदेश पर प्रमुख सचिव गृह एवं कारागार देबाशीष पण्डा ने काम शुरू कर दिया है। प्रमुख सचिव गृह एवं कारागार पण्डा ने निर्देशित किया है कि कारागारों मे बंदियों के प्रति न्यायपूर्ण व मानवीय व्यवहार सुनिश्चित किया जाये। कारागार प्रशासन के अधिकारी एवं कर्मचारी परस्पर समन्वय स्थापित करते हुये पूर्ण निष्ठा एवं टीम भावना के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। शासन से उनकी जरूरतों को पूरा करने की दिशा में गंभीरता से प्रयास किये जा रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि बंदियों के पास निषिद्ध एवं आपत्तिजनक वस्तुओं को पहुंचने से पूरी तरह रोका जाये अन्यथा शासन से उत्तरदायी कर्मियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी।
बंदियों को दिये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये भी गहन विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि कारागार के वरिष्ठ अधिकारी दुर्दान्त अपराधियों एवं माफिया बंदियों से जेलकर्मियों की संलिप्तता पर कड़ी नजर रखें तथा ऐसे प्रकरणों की तत्काल जानकारी कारागार प्रशासन के वरिष्ठतम स्तर के अधिकारियों को दी जाये।
प्रमुख सचिव गृह एवं कारागार ने जेल अधिकारियों का आह्वान किया कि वह जेलों मे चल रहे निर्माण कार्यों तथा नयी जेलों के निर्माण कार्यों आदि की गुणवत्ता की देखभाल भी सुनिश्चित करें तथा शासन द्वारा उपलब्ध कराये गये संसाधनों का भरपूर उपयोग करें। उन्होंने कहा कि कैंटीन संचालन की पारदर्शी व्यवस्था करते हुए उसमे एकरूपता लायी जाए।
जेलों में जैमर, पीसीओ आदि की स्थापना की दिशा मे शासन से गंभीरता से कार्रवाई की जा रही है। जेलों में बंदियों को शुद्ध एवं परिशोधित पेयजल उपलब्ध कराने हेतु कारागारों में आरओ प्लांट स्थापित करने तथा बंदियों के भोजन की व्यवस्था में स्वच्छता एवं गुणवत्ता के दृष्टिगत कारागार पाकशालाओं का आधुनिकीकरण किया जा रहा है।
पुलिस महानिदेशक एस जावीद अहमद ने कह दिया है कि आपराधिक न्याय प्रणाली की स्थापना में पुलिस के साथ-साथ कारागार विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी अत्यन्त महत्वपूर्ण है। जिसका निर्वहन उन्हें पूरी निष्ठा से करना है। उन्होंने जेलों में दुर्दान्त अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखने को कहा और कुछ चुनिन्दा जेलों मे पीएसी की सुविधायें लिये जाने से मिले बेहतर नतीजों पर संतोष भी व्यक्त किया।
जेलों में अब ई-मुलाकात
अपर पुलिस महानिदेशक कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं देवेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश की 35 जेलों में ई-मुलाकात की व्यवस्था की शुरुआत की जा चुकी है जिसके अच्छे नतीजे सामने आये हैं। यह सुविधा जेल विभाग की वेबसाइट अथवा स्मार्टफोन के माध्यम से ली जा सकती है। अब तक 1 लाख 75 हजार मुलाकाती इस योजना का लाभ ले चुके हैं।
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