शिकंजे में आया व्यापम घोटाले का मास्टरमाइंड रमेश शिवहरे
व्यापम घोटाले में सीबीआई को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. सीबीआई ने यूपी एसटीएफ के साथ मिलकर व्यापम घोटाले के मास्टर माइंड और सॉल्वर को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी पर जबलपुर पुलिस ने इनाम भी घोषित कर रखा था.
व्यापम घोटाले का मास्टर मांइड है रमेश
सीबीआई और यूपी एसटीएफ की टीम ने बीती रात एक संयुक्त कार्रवाई के दौरान मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले के मास्टर मांइड रमेश शिवहरे को गिरफ़्तार कर लिया. उसे इस घोटाले का मास्टर माइंड भी कहा जाता है. आरोपी रमेश की पत्नी महोबा जिले से जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी है. वर्तमान में भी उसकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य है.
सीबीआई और यूपी एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले में सीबीआई भोपाल और यूपी एसटीएफ ने कानपुर के थाना कल्याणपुर इलाके में आवास विकास कॉलोनी (नंबर तीन) में छापा मारकर एचबीटीआई से बीटेक कर चुके रमेश शिवहरे को गिरफ्तार किया. रमेश के खिलाफ मध्य प्रदेश के 6 जिलों में मुकदमे दर्ज हैं. यहां तक कि जबलपुर पुलिस ने रमेश पर 5000 रूपए का ईनाम भी घोषित कर रखा है.
जिला पंचायत अध्यक्ष थी रमेश की पत्नी
पुलिस के मुताबिक पिछले साल एमपी एसटीएफ ने महोबा के कबरई इलाके में रमेश के घर पर छापेमारी की थी लेकिन रमेश वहां से भाग निकला था. वह तभी से फरार चल रहा था. यूपी एसटीएफ के एडिशनल एसपी अरविन्द चतुर्वेदी ने बताया कि बसपा शासन काल में रमेश की पत्नी अंशू शिवहरे जिला पंचायत अध्यक्ष थी और वर्तमान में समाजवादी पार्टी की जिला पंचायत सदस्य है.
कोचिंग के सहारे व्यापम पहुंचा रमेश
एएसपी के मुताबिक रमेश कानपुर में पहले कोचिंग चलाता था. उसी की वजह से उसका संपर्क लोगों से बढ़ा और फिर मध्य प्रदेश में उसका संपर्क कई लोगों से हुआ. धीरे-धीरे वह व्यापम घोटाले का सरगना बन गया. रमेश यूपी से ही क्लाइंट बनाने और पैसों के लेन देन का काम करता था. व्यापम घोटाले में कई सालों से सीबीआई को रमेश की तलाश थी.
पूछताछ में कई खुलासों की उम्मीद
एएसपी अरविन्द चतुर्वेदी ने बताया कि यूपी एसटीएफ बुधवार को रमेश को कानपुर कोर्ट में पेश करेगी. जहां सीबीआई उसकी ट्रांजिट रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी देगी. सीबीआई को उम्मीद है कि इस मामले में रमेश कई नए खुलासे कर सकता है.
व्यापम घोटाले का मास्टर मांइड है रमेश
सीबीआई और यूपी एसटीएफ की टीम ने बीती रात एक संयुक्त कार्रवाई के दौरान मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले के मास्टर मांइड रमेश शिवहरे को गिरफ़्तार कर लिया. उसे इस घोटाले का मास्टर माइंड भी कहा जाता है. आरोपी रमेश की पत्नी महोबा जिले से जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी है. वर्तमान में भी उसकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य है.
सीबीआई और यूपी एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले में सीबीआई भोपाल और यूपी एसटीएफ ने कानपुर के थाना कल्याणपुर इलाके में आवास विकास कॉलोनी (नंबर तीन) में छापा मारकर एचबीटीआई से बीटेक कर चुके रमेश शिवहरे को गिरफ्तार किया. रमेश के खिलाफ मध्य प्रदेश के 6 जिलों में मुकदमे दर्ज हैं. यहां तक कि जबलपुर पुलिस ने रमेश पर 5000 रूपए का ईनाम भी घोषित कर रखा है.
जिला पंचायत अध्यक्ष थी रमेश की पत्नी
पुलिस के मुताबिक पिछले साल एमपी एसटीएफ ने महोबा के कबरई इलाके में रमेश के घर पर छापेमारी की थी लेकिन रमेश वहां से भाग निकला था. वह तभी से फरार चल रहा था. यूपी एसटीएफ के एडिशनल एसपी अरविन्द चतुर्वेदी ने बताया कि बसपा शासन काल में रमेश की पत्नी अंशू शिवहरे जिला पंचायत अध्यक्ष थी और वर्तमान में समाजवादी पार्टी की जिला पंचायत सदस्य है.
कोचिंग के सहारे व्यापम पहुंचा रमेश
एएसपी के मुताबिक रमेश कानपुर में पहले कोचिंग चलाता था. उसी की वजह से उसका संपर्क लोगों से बढ़ा और फिर मध्य प्रदेश में उसका संपर्क कई लोगों से हुआ. धीरे-धीरे वह व्यापम घोटाले का सरगना बन गया. रमेश यूपी से ही क्लाइंट बनाने और पैसों के लेन देन का काम करता था. व्यापम घोटाले में कई सालों से सीबीआई को रमेश की तलाश थी.
पूछताछ में कई खुलासों की उम्मीद
एएसपी अरविन्द चतुर्वेदी ने बताया कि यूपी एसटीएफ बुधवार को रमेश को कानपुर कोर्ट में पेश करेगी. जहां सीबीआई उसकी ट्रांजिट रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी देगी. सीबीआई को उम्मीद है कि इस मामले में रमेश कई नए खुलासे कर सकता है.
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