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उत्तर प्रदेश

कानपुर: धर्म परिवर्तन कर बनाया जा रहा था ईसाई, बीजेपी ने प्रतिरोध किया

कानपुर के शिवराजपुर इलाके में एक परिवार का धर्मान्तरण कराए जाने का एक मामला सामने आया है. इतना ही नहीं इस बात की भनक जिला और पुलिस प्रशासन को न लगे, इसके लिए तहसील दिवस का दिन तय किया गया और पूरे कार्यक्रम को धार्मिक समारोह का रूप देते हुए टेंट लगाया गया था.
लेकिन इस बीच ग्रामीणों ने इसकी सूचना भाजपाइयों को दी. जिसके बाद दर्जनों पार्टी नेता और कार्यकर्ता पुलिस के साथ गांव पहुंच गए और हांगमा काटा. पुलिस ने मौके से एक ग्रंथ के साथ चार लोगों को हिरासत में लिया और पूछताछ के लिए थाने ले आई.

दरअसल शिवराजपुर के दुर्गापुर गांव में रहने वाले कठेरिया परिवार के घर अचानक टेंट और स्टेज मंगलवार की सुबह लगाया जाने लगा. ग्रामीणों के पूछने पर परिवार के लोग पूजा का आयोजन होने की बात कही. इस बीच तीन, चार पादरी और सहयोगी भी आ पहुंचे. पादरियों को देखकर ग्रामीणों को शक हुआ और पता चला की कठेरिया परिवार धर्मान्तरण करने जा रहा है. पहले भी परिवार के कुछ लोगों द्वारा धर्म परिवर्तन किए जाने के चलते ग्रामीणों को समझते देर न लगी. मामले की जानकारी भाजपा नेताओं के कानों तक पहुंची. फिर क्या था, आसपास इलाकों में रहने वाले दर्जनों बीजेपी, हिन्दू वाहिनी के पदाधिकारी सहित चौबेपुर से पार्टी के वरिष्ठ नेता रवि शंकर दीक्षित पुलिस के साथ गांव पहुंच गए.
पुलिस और भाजपाइयों को देख धर्म परिवर्तन कराने आये लोग मामला बिगड़ता देख भाग निकले. वहीं पुलिस ने मौके से बाइबल के साथ कल्याणपुर इलाके में रहने वाले पादरी सहित चार लोगों को पकड़ लिया. इस दौरान भाजपाई हंगामा करने लगे. भीड़ द्वारा पकड़े गए लोगों की पिटाई की आशंका के चलते पुलिस सभी को थाने ले आईं और तम्बू उखड़वा दिया.
थाना पुलिस ने गांव में हो रहे धर्मान्तरण मामले में अपनी गर्दन फंसती देख कुछ समय बाद पकड़े गए लोगों को छोड़ दिया. जिसके बाद भाजपाइयों ने मामले पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया. फिलहाल पूरे मामले को लेकर थानाध्यक्ष ने अपनी सफाई में कहा कि धर्मान्तरण जैसी कोई बात नहीं थी. भाजपाईयों ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए पूजा आयोजन को धर्मान्तरण कार्यक्रम बताया.
दूसरी तरफ बीजेपी नेता रवि शंकर का कहना है कि कठेरिया परिवार के लोगों ने पुलिस के सामने बातचीत में धर्म परिवर्तन किये जाने को लेकर कार्यक्रम होना स्वीकार किया था, लेकिन समझाने के बाद सभी ने ऐसा करने से मना कर दिया. उन्होंने पुलिस के सामने पैसे के लालच में धर्मान्तरण के लिये राजी होने की बात कही है. पुलिस ने खुद को बचाने के लिए बिना कार्यवाई के पकड़े गए लोगों को भी छोड़ दिया.
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