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मोदी सरकार की ये हैं बड़ी योजनाएं, जिनका प्रचार भाजपा सांसदों को करना है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही एनडीए सरकार के दो साल पूरे होने वाले हैं. 26 मई को एनडीए की सरकार के दो साल पूरे हो जाएंगे. इसी के साथ मोदी सरकार के दो साल के कार्यों का लेखा-जोखा आना शुरू हो गया है. जहां एक ओर इन दो सालों में मोदी सरकार के कई कामों की आलोचना हुई, वहीं दूसरी ओर जनता से जुड़े तमाम बड़े फैसलों की सराहना भी हुई है. मीडिया अध्ययन केंद्र (सीएमएस) के सर्वेक्षण में मोदी सरकार की गिनाई गईं बड़ी उपलब्धियों में जन धन योजना (36 प्रतिशत), स्वच्छ भारत मिशन (32 प्रतिशत) और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश लाने के प्रयास (23 प्रतिशत) का जिक्र हुआ. अलग अलग मंत्रालयों के आकलन में रेल मंत्रालय सर्वश्रेष्ठ आंका गया. इस सर्वेक्षण में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने इसके बाद वित्त और विदेश मंत्रालय के कामकाज पर संतोष प्रकट किया. केंद्रीय मंत्रियों को पसंद करने के मामले में सबसे ज्यादा मत सुषमा स्वराज को मिले. इसके बाद राजनाथ सिंह, सुरेश प्रभु, मनोहर पर्रिकर और अरूण जेटली को लोगों ने पसंदीदा मंत्री बताया. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों को बार-बार एक ही नसीहत दे रहे हैं. वे कह रहे हैं कि सरकार ने दो सालों में बहुत से काम किए हैं, लेकिन उसका प्रचार जनता के बीच नहीं हो रहा है. सांसदों को ये काम जनता को पहुंचाने होंगे.
जन धन योजना: इस योजना के जरिए करीब 15 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुल गए, करीब 10 करोड़ रूपे कार्ड जारी हो गए और लोगों को लाइफ कवर और पेंशन की सुविधा मयस्सर हुई. प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) भारत में वित्तीय समावेशन पर राष्ट्रीय मिशन है और जिसका उद्देश्य देश भर में सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना और हर परिवार का बैंक खाता खोलना है. इस योजना की घोषणा 15 अगस्त 2014 को तथा इसका शुभारंभ 28 अगस्त 2014 को भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस परियोजना की औपचारिक शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री ने सभी बैंको को इ-मेल भेजा जिसमें उन्होंने 'हर परिवार के लिए बैंक खाता' को एक 'राष्ट्रीय प्राथमिकता' घोषित किया गया.
घरेलू गैस सिलेंडर को डीबीटी से जोड़ा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घरेलू गैल को डॉयरेक्ट कैश-बैनिफिट ट्रांसफर स्कीम से जोड़ दिया, ताकि करीब 5 बिलियन डॉलर की सालाना सब्सिडी को बचाया जा सके. डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर योजना के तहत घरेलू गैस उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी सीधे रूप से मिलेगी. यह सब्सिडी उन उपभोक्ताओं को ही मिलेगी जिनके आधार कार्ड नंबर बैंक खाते व गैस उपभोक्ता नंबर के साथ जुड़ा होगा. योजना सुचारू रूप से चली तो उपभोक्ता की ओर से गैस सिलेंडर बुक करवाने के एक दिन बाद सरकार की ओर से तय सब्सिडी के सिलेंडरों पर दिए जाने वाली सब्सिडी में से एक गैस सिलेंडर की सब्सिडी उपभोक्ता के यूआईडी से जुड़े खाते में डाल दी जाएगी. जब गैस सिलेंडर डिलीवर होगा तो उपभोक्ता को गैस सिलेंडर की तय हुई बाजार कीमत देनी होगी, जबकि सब्सिडी की राशि उसके खाते में आ चुकी होगी. ऐसे में जिस उपभोक्ता ने अपना आधार कार्ड यानि यूआईडी बैंक खाते के साथ साथ गैस उपभोक्ता नंबर के साथ नहीं जोड़ा उसको सब्सिडी नहीं मिलेगी, उसे गैस सिलेंडर पूरी कीमत पर बिना सब्सिडी के ही मिलेगा.
रेलवे में विदेशी निवेश को मंजूरी: रेलवे में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में विदेशी निवेश को मंजूरी देने का एक बड़ा फैसला किया गया. नरेंद्र मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाकर 49 फीसदी कर दी है. साथ ही रेलवे ढांचागत क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है. रेलवे के इन क्षेत्रों में एफडीआई आने और उदारीकरण आगे बढ़ने से रेलवे परियोजनाओं के आधुनिकीकरण और विस्तार में मदद मिलेगी. एक अनुमान के मुताबिक इस क्षेत्र में 29,000 करोड़ रुपये की नकदी की तंगी है और एफडीआई मंजूरी से रेलवे को यह संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी. त्वरित परिवहन प्रणाली को छोड़कर रेलवे में इस समय किसी भी तरह के एफडीआई पर रोक है. रेलवे में एफडीआई के फैसले से उसके ढांचागत और औद्योगिक लिहाज से विकास में मदद मिलेगी. रेलवे में एफडीआई मंजूरी से प्रस्तावित मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल गलियारे की परियोजना में तेजी आएगी. माल परिवहन के लिये विशेष रेल गलियारे को भी बढ़ावा मिलेगा.
रक्षा क्षेत्र में विदेश निवेश को मंजूरी: नरेंद्र मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में भी एफडीआई की सीमा को 49 फीसदी तक बढ़ा दिया और तकनकी स्थानांतरण क्षेत्र में इसे 74 फीसदी के करीब पहुंचा दिया. सरकार की इस पहल का मकसद रक्षा क्षेत्र में घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना है. करीब 70 फीसदी सैनिक साजो-सामान का आयात किया जाता है. रेलवे मामले में मंत्रिमंडल ने उच्च-गति रेल प्रणाली, उपनगरीय गलियारों और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के तहत क्रियान्वित की जाने वाली समर्पित माल परिवहन लाइन परियोजनाओं के क्षेत्र में एफडीआई की मंजूरी दी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने 2014-15 के बजट भाषण में रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने की घोषणा की थी. इसके अलावा नकदी संकट से जूझ रहे रेलवे के कुछ क्षेत्रों में भी एफडीआई खोलने की घोषणा की थी.
राफेल खरीद सौदे में तेजी: फ्रांस से रफेल विमान खरीद में तेजी देखने को मिली. भारत को फ्रांस से 36 राफेल विमान मिलने हैं. पिछले साल अप्रैल में अपने पेरिस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विमान सौदे की बातचीत दोबारा शुरू करने का वादा किया था जो 2014 में बीच में ही रुक गई थी. विमान सौदे के करार में बदलने की उम्मीदें इस साल जनवरी में उस समय प्रबल हो गईं थीं जब फ्रांस के राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की.
बीमा और निवेश क्षेत्र में एफडीआई को मंजूरी: बीमा और निवेश के क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई को मंजूरी देना केंद्र सरकार का एक बड़ा फैसला रहा. सरकार के महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार उपायों में शामिल बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को मौजूदा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के प्रावधान वाले एक महत्वपूर्ण विधेयक को संसद की मंजूरी मिल चुकी है.
100 स्मार्ट शहरों की योजना को मंजूरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस योजना से देश के करीब 100 गांव स्मार्ट सिटी में शुमार हो जाएंगे. इसके अलावा नए शहरी नवीकरण मिशन को भी हरी झंडी दी गई है. इन परियोजनाओं पर कुल 1 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 100 स्मार्ट शहरों के विकास के लिए 'स्मार्ट सिटीज मिशन' तथा 500 शहरों के लिए शहरी रूपांतरण एवं नवीनीकरण अटल मिशन (अमरूत) को मंजूरी दी गई. शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इन परियोजनाओं पर क्रमश: 48,000 करोड़ रुपये व 50,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. स्मार्ट सिटी प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना है. इसका मकसद शहरों को रहने के अधिक योग्य बनाना और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देना है.
मेक इन इंडिया की शुरुआत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ (MAKE IN INDIA) अर्थात ‘भारत में निर्माण’ योजना की शुरुआत नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 25 सितंबर 2014 को की. इस कार्यक्रम में देश के उद्योगपतियों के साथ ही विदेशी कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ योजना के साथ ही 'मेक इन इंडिया' की वेबसाइट makeinindia.com और उसका ‘लोगो’ भी लॉन्च किया. मेक इन इंडिया का उद्देश्य देश को वैश्विक विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) का हब बनाना एवं बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करने के अलावा व्यापार तथा आर्थिक वृद्धि को गति देना है.
डिजिटल इंडिया की शुरुआत: भारत के हर गांव-हर शहर को इंटरनेट से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना 'डिजिटल इंडिया' को लॉन्च किया गया. डिजिटल इंडिया का मकसद लोगों को इंटरनेट से जोड़ना है ताकि उन्हें दैनिक जीवन से जुड़ी सुविधाएं ऑनलाइन मिल सके. इसके तहत अस्पतालों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी और कई शहरों को वाई-फाई किया जाएगा.
स्किल इंडिया की की शुरुआत: मोदी सरकार, ने 2014 से ही, सत्ता में आने के बाद से, भारत के विकास के लिये अनेक कार्यक्रम शुरु किये जैसे: 'डिजीटल इंडिया', 'मेक इन इंडिया' आदि. इन कार्यक्रमों के बाद मोदी सरकार ने "कौशल विकास अभियान ‘स्किल इंडिया’ " कार्यक्रम को शुरु किया है. ये एक बहु-आयामी विकास योजना है. इसके अन्तर्गत भारतीयों को इस तरह से ट्रेनिंग दी जायेगी जिससे कि वो अधिक से अधिक रोजगार का सृजन कर सकें.
मुद्रा योजना की शुरुआत: नरेंद्र मोदी सरकार ने मुद्रा योजना की नई पहल ही जिसमे छोटे उद्यमियों को अपना कारोबार शुरु करने के लिए 50,000 से 10 लाख तक का लोन देने की सुविधा उपलब्ध है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना को छोटे कारोबारियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है. मुद्रा का पूरा नाम है माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट फंड रिफाइनेंस एजेंसी. इस बैंक के जरिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाएंगे. मुद्रा बैंक की स्थापना वैधानिक संस्था के तौर पर हुई है. शुरुआती दौर में मुद्रा बैंक सिडपी की यूनिट के तौर पर काम करेगी. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत तीन तरह के लोन मिलेंगे. इनके नाम होंगे शिशु, किशोर और तरुण. शिशु योजना के तहत 50 हजार रुपये तक के लोन दिए जाएंगे. किशोर योजना के तहत 50 हजार रुपये से 5 लाख रुपये तक के लोन दिए जाएंगे. तरुण योजना के तहत 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाएंगे. मुद्रा बैंक से देश के करीब 5 करोड़ 77 लाख छोटे कारोबारियों को फायदा मिलेगा. छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और दुकानदारों को इससे लोन मिलेगा. इसके साथ ही सब्जी वालों, सैलून, खोमचे वालों को भी इस योजना के तहत लोन मिल सकेगा. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में हर सेक्टर के हिसाब से स्कीम बनाई जाएगी.
जन धन योजना: इस योजना के जरिए करीब 15 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुल गए, करीब 10 करोड़ रूपे कार्ड जारी हो गए और लोगों को लाइफ कवर और पेंशन की सुविधा मयस्सर हुई. प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) भारत में वित्तीय समावेशन पर राष्ट्रीय मिशन है और जिसका उद्देश्य देश भर में सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना और हर परिवार का बैंक खाता खोलना है. इस योजना की घोषणा 15 अगस्त 2014 को तथा इसका शुभारंभ 28 अगस्त 2014 को भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस परियोजना की औपचारिक शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री ने सभी बैंको को इ-मेल भेजा जिसमें उन्होंने 'हर परिवार के लिए बैंक खाता' को एक 'राष्ट्रीय प्राथमिकता' घोषित किया गया.
घरेलू गैस सिलेंडर को डीबीटी से जोड़ा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घरेलू गैल को डॉयरेक्ट कैश-बैनिफिट ट्रांसफर स्कीम से जोड़ दिया, ताकि करीब 5 बिलियन डॉलर की सालाना सब्सिडी को बचाया जा सके. डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर योजना के तहत घरेलू गैस उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी सीधे रूप से मिलेगी. यह सब्सिडी उन उपभोक्ताओं को ही मिलेगी जिनके आधार कार्ड नंबर बैंक खाते व गैस उपभोक्ता नंबर के साथ जुड़ा होगा. योजना सुचारू रूप से चली तो उपभोक्ता की ओर से गैस सिलेंडर बुक करवाने के एक दिन बाद सरकार की ओर से तय सब्सिडी के सिलेंडरों पर दिए जाने वाली सब्सिडी में से एक गैस सिलेंडर की सब्सिडी उपभोक्ता के यूआईडी से जुड़े खाते में डाल दी जाएगी. जब गैस सिलेंडर डिलीवर होगा तो उपभोक्ता को गैस सिलेंडर की तय हुई बाजार कीमत देनी होगी, जबकि सब्सिडी की राशि उसके खाते में आ चुकी होगी. ऐसे में जिस उपभोक्ता ने अपना आधार कार्ड यानि यूआईडी बैंक खाते के साथ साथ गैस उपभोक्ता नंबर के साथ नहीं जोड़ा उसको सब्सिडी नहीं मिलेगी, उसे गैस सिलेंडर पूरी कीमत पर बिना सब्सिडी के ही मिलेगा.
रेलवे में विदेशी निवेश को मंजूरी: रेलवे में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में विदेशी निवेश को मंजूरी देने का एक बड़ा फैसला किया गया. नरेंद्र मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाकर 49 फीसदी कर दी है. साथ ही रेलवे ढांचागत क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है. रेलवे के इन क्षेत्रों में एफडीआई आने और उदारीकरण आगे बढ़ने से रेलवे परियोजनाओं के आधुनिकीकरण और विस्तार में मदद मिलेगी. एक अनुमान के मुताबिक इस क्षेत्र में 29,000 करोड़ रुपये की नकदी की तंगी है और एफडीआई मंजूरी से रेलवे को यह संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी. त्वरित परिवहन प्रणाली को छोड़कर रेलवे में इस समय किसी भी तरह के एफडीआई पर रोक है. रेलवे में एफडीआई के फैसले से उसके ढांचागत और औद्योगिक लिहाज से विकास में मदद मिलेगी. रेलवे में एफडीआई मंजूरी से प्रस्तावित मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल गलियारे की परियोजना में तेजी आएगी. माल परिवहन के लिये विशेष रेल गलियारे को भी बढ़ावा मिलेगा.
रक्षा क्षेत्र में विदेश निवेश को मंजूरी: नरेंद्र मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में भी एफडीआई की सीमा को 49 फीसदी तक बढ़ा दिया और तकनकी स्थानांतरण क्षेत्र में इसे 74 फीसदी के करीब पहुंचा दिया. सरकार की इस पहल का मकसद रक्षा क्षेत्र में घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना है. करीब 70 फीसदी सैनिक साजो-सामान का आयात किया जाता है. रेलवे मामले में मंत्रिमंडल ने उच्च-गति रेल प्रणाली, उपनगरीय गलियारों और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के तहत क्रियान्वित की जाने वाली समर्पित माल परिवहन लाइन परियोजनाओं के क्षेत्र में एफडीआई की मंजूरी दी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने 2014-15 के बजट भाषण में रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने की घोषणा की थी. इसके अलावा नकदी संकट से जूझ रहे रेलवे के कुछ क्षेत्रों में भी एफडीआई खोलने की घोषणा की थी.
राफेल खरीद सौदे में तेजी: फ्रांस से रफेल विमान खरीद में तेजी देखने को मिली. भारत को फ्रांस से 36 राफेल विमान मिलने हैं. पिछले साल अप्रैल में अपने पेरिस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विमान सौदे की बातचीत दोबारा शुरू करने का वादा किया था जो 2014 में बीच में ही रुक गई थी. विमान सौदे के करार में बदलने की उम्मीदें इस साल जनवरी में उस समय प्रबल हो गईं थीं जब फ्रांस के राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की.
बीमा और निवेश क्षेत्र में एफडीआई को मंजूरी: बीमा और निवेश के क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई को मंजूरी देना केंद्र सरकार का एक बड़ा फैसला रहा. सरकार के महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार उपायों में शामिल बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को मौजूदा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के प्रावधान वाले एक महत्वपूर्ण विधेयक को संसद की मंजूरी मिल चुकी है.
100 स्मार्ट शहरों की योजना को मंजूरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस योजना से देश के करीब 100 गांव स्मार्ट सिटी में शुमार हो जाएंगे. इसके अलावा नए शहरी नवीकरण मिशन को भी हरी झंडी दी गई है. इन परियोजनाओं पर कुल 1 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 100 स्मार्ट शहरों के विकास के लिए 'स्मार्ट सिटीज मिशन' तथा 500 शहरों के लिए शहरी रूपांतरण एवं नवीनीकरण अटल मिशन (अमरूत) को मंजूरी दी गई. शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इन परियोजनाओं पर क्रमश: 48,000 करोड़ रुपये व 50,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. स्मार्ट सिटी प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना है. इसका मकसद शहरों को रहने के अधिक योग्य बनाना और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देना है.
मेक इन इंडिया की शुरुआत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ (MAKE IN INDIA) अर्थात ‘भारत में निर्माण’ योजना की शुरुआत नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 25 सितंबर 2014 को की. इस कार्यक्रम में देश के उद्योगपतियों के साथ ही विदेशी कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ योजना के साथ ही 'मेक इन इंडिया' की वेबसाइट makeinindia.com और उसका ‘लोगो’ भी लॉन्च किया. मेक इन इंडिया का उद्देश्य देश को वैश्विक विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) का हब बनाना एवं बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करने के अलावा व्यापार तथा आर्थिक वृद्धि को गति देना है.
डिजिटल इंडिया की शुरुआत: भारत के हर गांव-हर शहर को इंटरनेट से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना 'डिजिटल इंडिया' को लॉन्च किया गया. डिजिटल इंडिया का मकसद लोगों को इंटरनेट से जोड़ना है ताकि उन्हें दैनिक जीवन से जुड़ी सुविधाएं ऑनलाइन मिल सके. इसके तहत अस्पतालों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी और कई शहरों को वाई-फाई किया जाएगा.
स्किल इंडिया की की शुरुआत: मोदी सरकार, ने 2014 से ही, सत्ता में आने के बाद से, भारत के विकास के लिये अनेक कार्यक्रम शुरु किये जैसे: 'डिजीटल इंडिया', 'मेक इन इंडिया' आदि. इन कार्यक्रमों के बाद मोदी सरकार ने "कौशल विकास अभियान ‘स्किल इंडिया’ " कार्यक्रम को शुरु किया है. ये एक बहु-आयामी विकास योजना है. इसके अन्तर्गत भारतीयों को इस तरह से ट्रेनिंग दी जायेगी जिससे कि वो अधिक से अधिक रोजगार का सृजन कर सकें.
मुद्रा योजना की शुरुआत: नरेंद्र मोदी सरकार ने मुद्रा योजना की नई पहल ही जिसमे छोटे उद्यमियों को अपना कारोबार शुरु करने के लिए 50,000 से 10 लाख तक का लोन देने की सुविधा उपलब्ध है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना को छोटे कारोबारियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है. मुद्रा का पूरा नाम है माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट फंड रिफाइनेंस एजेंसी. इस बैंक के जरिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाएंगे. मुद्रा बैंक की स्थापना वैधानिक संस्था के तौर पर हुई है. शुरुआती दौर में मुद्रा बैंक सिडपी की यूनिट के तौर पर काम करेगी. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत तीन तरह के लोन मिलेंगे. इनके नाम होंगे शिशु, किशोर और तरुण. शिशु योजना के तहत 50 हजार रुपये तक के लोन दिए जाएंगे. किशोर योजना के तहत 50 हजार रुपये से 5 लाख रुपये तक के लोन दिए जाएंगे. तरुण योजना के तहत 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाएंगे. मुद्रा बैंक से देश के करीब 5 करोड़ 77 लाख छोटे कारोबारियों को फायदा मिलेगा. छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और दुकानदारों को इससे लोन मिलेगा. इसके साथ ही सब्जी वालों, सैलून, खोमचे वालों को भी इस योजना के तहत लोन मिल सकेगा. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में हर सेक्टर के हिसाब से स्कीम बनाई जाएगी.
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