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प्रोफेसर कांचा इलइया के बयान के बाद BBAU में नॉन-वेज बैन, कैंपस में विरोध प्रदर्शन शुरू
राजधानी लखनऊ के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी (बीबीएयू) की मेस में मंगलवार से नॉनवेज पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया जिसके बाद से कैंपस में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है.
आज करीब 200 स्टूडेंट्स इस फरमान के खिलाफ अनशन पर बैठ गए. बीबीएयू के प्रवक्ता प्रोफेसर कमल जायसवाल के मुताबिक उस्मानिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कांचा इलइया द्वारा यहां कैंपस में बीफ खाने को लेकर दिए गए एक बयान से माहौल बिगड़ने की आशंका थी जिसके बाद यह फैसला लिया गया.
क्या कहा था कांचा इलइया ने?
प्रोफेसर कांचा इलइया 14 अप्रैल 2016 को डॉ. अंबेडकर पर आयोजित एक सेमिनार में शिरकत करने यहां आये थे. बीबीएयू में बोलते हुए प्रोफेसर इलइया ने कहा था कि ‘हमलोग शाकाहारी हैं, इस वजह से हमारा दिमाग डिब्बा हो गया है.’
उनके मुताबिक, ‘बीफ खाने से दिमाग बढ़ता है. हम बीफेरियंस थे. बीफ खाना भूल गए, इसलिए इंडिया बाकी देशों से पिछड़ गया. विदेशों में सभी बीफ का सेवन करते हैं इसलिए उनका दिमाग तेजी से बढ़ रहा है. इसीलिए हमें बीफ खाना चाहिए.’
गौरतलब है कि इस बयान के बाद से यूनिवर्सिटी में बवाल शुरू हो गया था. कुछ स्टूडेंट्स इसका विरोध कर रहे थे जिसकी वजह से कई दिन तक पढ़ाई डिस्टर्ब हुई. जिसके बाद वाइस चांसलर प्रोफेसर आरसी सोबती ने पूरे मामले की जांच कराई और उसके बाद यह फैसला लिया गया.
अंबेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट्स यूनियन के नेता अजय कुमार ने प्रोफेसर कमल जायसवाल को दलित विरोधी मानसिकता का बताते हुए कहा कि नॉनवेज पर बैन लगाना गलत किया. साथ ही उन्होंने उनकी बर्खास्तगी की मांग भी की.
आज करीब 200 स्टूडेंट्स इस फरमान के खिलाफ अनशन पर बैठ गए. बीबीएयू के प्रवक्ता प्रोफेसर कमल जायसवाल के मुताबिक उस्मानिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कांचा इलइया द्वारा यहां कैंपस में बीफ खाने को लेकर दिए गए एक बयान से माहौल बिगड़ने की आशंका थी जिसके बाद यह फैसला लिया गया.
क्या कहा था कांचा इलइया ने?
प्रोफेसर कांचा इलइया 14 अप्रैल 2016 को डॉ. अंबेडकर पर आयोजित एक सेमिनार में शिरकत करने यहां आये थे. बीबीएयू में बोलते हुए प्रोफेसर इलइया ने कहा था कि ‘हमलोग शाकाहारी हैं, इस वजह से हमारा दिमाग डिब्बा हो गया है.’
उनके मुताबिक, ‘बीफ खाने से दिमाग बढ़ता है. हम बीफेरियंस थे. बीफ खाना भूल गए, इसलिए इंडिया बाकी देशों से पिछड़ गया. विदेशों में सभी बीफ का सेवन करते हैं इसलिए उनका दिमाग तेजी से बढ़ रहा है. इसीलिए हमें बीफ खाना चाहिए.’
गौरतलब है कि इस बयान के बाद से यूनिवर्सिटी में बवाल शुरू हो गया था. कुछ स्टूडेंट्स इसका विरोध कर रहे थे जिसकी वजह से कई दिन तक पढ़ाई डिस्टर्ब हुई. जिसके बाद वाइस चांसलर प्रोफेसर आरसी सोबती ने पूरे मामले की जांच कराई और उसके बाद यह फैसला लिया गया.
अंबेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट्स यूनियन के नेता अजय कुमार ने प्रोफेसर कमल जायसवाल को दलित विरोधी मानसिकता का बताते हुए कहा कि नॉनवेज पर बैन लगाना गलत किया. साथ ही उन्होंने उनकी बर्खास्तगी की मांग भी की.
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