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उत्तर प्रदेश

AU वीसी और छात्रसंघ अध्यक्ष आमने - सामने

इलाहाबाद। पूरब का आक्सफोर्ड कही जाने वाली इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी में सोमवार को छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के बाद वाइस चांसलर रतन लाल हंगलू और छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए लाखों रूपये के घोटाले का आरोप लगाया है। वीसी का साफ़ कहना है कि उन्होंने छात्रसंघ अध्यक्ष का घोटाला पकड़कर फर्जी बिल पास करने से इंकार कर दिया। इसलिए वह ऑफ लाइन इंट्रेंस एग्जाम के नाम पर कैम्पस का माहौल खराब कर रही है। जबकि छात्र संघ अध्यक्ष ऋचा सिंह का कहना है कि वीसी ने खुद काफी गड़बड़ियां की है। और अपने खिलाफ हो रहे आंदोलन को कमजोर करने के लिए वह उन पर फर्जी आरोप लगा रहे हैं।

जेएनयू और हैदराबाद युनिवर्सिटी के बाद अब देश की एक और सेन्ट्रल युनिवर्सिटी विवादों के घेरे में है। सभी प्रवेश परीक्षाएं ऑन लाइन के साथ ही ऑफ लाइन भी कराए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर सोमवार को जमकर हुए लाठीचार्ज के बाद पूरब का आक्सफोर्ड कही जाने वाली इस सेंट्रल युनिवर्सिटी में कोहराम मच गया है। वीसी प्रोफ़ेसर रतन लाल हंगलू ने सोमवार की रात मीडिया को बुलाकर छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह पर न सिर्फ बेहद गंभीर आरोप लगाए, बल्कि यह भी कहा कि आफ लाइन इंट्रेंस एग्जाम के नाम पर चलाया जा रहा आंदोलन सिर्फ धोखा है और छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा का असली मकसद लाखों के घोटाले में अपने खिलाफ हो रही कार्रवाई को रोकना है।



वीसी हंगलू के मुताबिक़ छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने कार्यक्रमों के नाम पार तकरीबन साढ़े दस लाख रूपये के फर्जी बिल लगाए हैं। इस फर्जीवाड़े को पकड़कर उन्होंने जांच बिठा दी तो इससे तिलमिलाकर छात्रसंघ अध्यक्ष छात्रों को बेवजह के मुद्दे पर बरगलाकर कैम्पस का माहौल खराब कर रही हैं।

दूसरी तरफ युनिवर्सिटी छात्रसंघ की पहली निर्वाचित महिला अध्यक्ष ऋचा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए उलटे वीसी पर ही लाखों के घोटाले का आरोप लगा डाला। छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा के मुताबिक़ ऑनलाइन इंट्रेंस एग्जाम के लिए वीसी ने कोई टेंडर नहीं निकाला और मनमाने तरीके से सीधे तौर पर एक कंपनी को इसका ठेका दे दिया। ऋचा के मुताबिक़ वीसी ने इस मनमाने फैसले से लाखों रूपये डकार लिये है।
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