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उत्तर प्रदेश

नेताजी के करीबी होने के बाद भी अब तक नहीं मिला कमरुज्जमा को इंसाफ

सुलतानपुर। दो साल पहले आज ही के दिन दम तोड़ देने वाले कमरुज्जमा फौजी की मौत आज भी एक पहेली बनी है। परिवार समेत हर कोई इनकी मौत का राज जानना चाहता है। फौजी के परिवार ने तो इसके लिये दिन रात एक कर दिया। तमाम बड़े-बड़े नेताओं से गुहार लगाई। सीबीआई जांच कराने की मांग की लेकिन हुआ कुछ नहीं।

शासन-प्रशासन से फरियाद करके थक चुका यह परिवार अब ऊपर वाले की ओर इंसाफ के लिये हसरत भरी निगाहों से देख रहा है। इस परिवार को उम्मीद है कि एक न एक दिन उनको इंसाफ जरूर मिलेगा। गोसाईगंज थाना क्षेत्र के अंगनाकोल के रहने वाले कमरुज्जमा फौजी सेना में था। वर्ष 1973 से 88 तक उन्होंने देश सेवा की उसके बाद वह घर आ गये।

जिले और समाज के लिये कुछ करने का जज्बा रखने वाले फौजी ने समाजसेवा शुरू कर दी। सपा सुप्रीमो मुलायम के साथ जुड़े तो उन्हीं के होकर रह गये। मेहनत और कर्मठता देख मुलायम ने उन्हें जिलाध्यक्ष बना दिया। उनके जिलाध्यक्ष रहने के दौरान अमेठी और सुलतानपुर में सपा खूब परवान चढ़ी। पार्टी के प्रति लगाव को देखते हुये मुलायम सिंह ने वर्ष 1996 में उन्हें लोकसभा का उम्मीदवार बनाया लेकिन कुछ वोटों से उन्हें कामयाबी नहीं मिली उसके बाद वर्ष 99 में सपा ने उन्हें अमेठी से सोनिया गांधी के खिलाफ मैदान में उतारा। मुलायम सिंह, आजम खान और शिवपाल उन्हें व्यक्तिगत रूप से बहुत मानते थे।

दरअसल दो साल पहले यानी 28 अप्रैल 2014 को लोकसभा चुनाव के दौरान नगर के तिकोनिया पार्क में आयोजित एक निजी चैनल के डिबेट प्रोग्राम में हिस्सा ले रहे कमरुज्जमा फौजी पर अचानक आग का गोला बने एक युवक ने हमला बोल दिया था। जलता हुआ आत्मघाती युवक उनसे लिपट गया और तमाम कोशिशों के बाद भी युवक ने उन्हें नहीं छोड़ा। जिसके चलते फौजी बुरी तरह झुलस गये थे और इलाज के दौरान 2 मई को उनकी मौत हो गई थी। पुलिसिया पड़ताल में उनसे लिपटने वाला युवक मऊ जिले का दुर्गेश कुमार बताया गया लेकिन वह यहां क्यों और किसके कहने पर आया था यह राज दुर्गेश कुमार की मौत के बाद दफन हो गया।

परिजनों का आरोप है कि यह एक बड़ी साजिश थी जिसका खुलासा होना चाहिये। लेकिन दो साल हो गये हत्या का राज अभी बना हुआ है। परिजनों ने इस मामले में पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। इनकी मांग है कि सीबीआई से जांच करा कर इस हत्या का राजफाश होना चाहिये। जिससे हत्या की साजिश रचने वालों को सजा मिल सके।
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