'हर रोज, हर रात रंगीन की उसने, अब बीवी से मुझे पिटवाया'
कानपुर। एक तरफ सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव महिलाओं की सुरक्षा और महिलाओं के सम्मान के लिए योजनाओं को अमल में ला रहे हैं। लेकिन अमल में लाने की जिम्मेदारी निभाने वाली मित्र पुलिस ही महिलाओं की सुरक्षा को तार-तार करने में लगी हैं। ऐसा ही एक मामला कानपुर के नवाबगंज थाने में शनिवार को देखने को मिला। जहां थानेदार ने अपनी आशिक मिजाजी के चलते थाने के अंदर ही प्रेमिका को पत्नी के साथ मिलकर जमकर मारा-पीटा।
शादी का झांसा देकर एक छात्रा से नवाबगंज एसओ उदय प्रताप यादव ने तीन साल तक दुष्कर्म किया और विरोध करने पर थाने बुलाकर अपनी पत्नी, मां और भतीजी के साथ मिलकर बुरी तरह पीटा। सिर शीशे से लड़ा दिया, जिससे शीशा तक टूट गया। मामला बिगड़ता देख एसओ छुट्टी लगाकर परिवार साथ फरार हो गए और छात्रा को अपने भतीजे के साथ जबरन भगवा दिया।
तीन साल पहले उदय प्रताप यादव सचेंडी एसओ थे। उसी समय लूट की रिपोर्ट लिखाने एक छात्रा थाने पहुंची और थानेदार उदय प्रताप यादव ने दोस्ती कर ली और शादी का झांसा देकर तीन साल तक दुष्कर्म करता रहा। थानेदार शादीशुदा है और दो बच्चे हैं। इसका पता चलते ही छात्रा ने विरोध जताया, इस पर थानेदार ने कहा कि पत्नी को छोड़ देगा। थानेदार की बातों में आई छात्रा उसके साथ और नजदीकियां बढ़ाई। होटलों में जाना और छात्रा के हर शौक को पूरा कराने में एसओ लग गए। एसओ के इस कृत्य में उसके थाने के सिपाही विपिन व खुद को भतीजा बताने वाला बंटी भी शामिल रहा। छात्रा को पता चला कि एक सप्ताह से उदय की पत्नी उसके साथ रह रही है।
इसी बात की जानकारी पर पीड़िता शुक्रवार को उदय की पत्नी से मिलने के लिए पहुंची तो उस समय काफी विवाद होने लगा और उसके बाद शनिवार को थाने बुलाया। थाने पहुंचते ही इंसानियत की सारे हदें पार कर छात्रा को नवाबगंज थाने में दौड़ा-दौड़ाकर एसओ, उसकी पत्नी, मां और भतीजी ने पीटा। लेकिन थाने में मौजूद दरोगा, सिपाही मूकदर्शक बने देखते रहे। किसी ने बचाया तक नहीं और छात्रा को उल्टा धक्का देकर भगा दिया।
गाजीपुर की रहने वाली बीएससी की छात्रा शहर में रहकर पढ़ाई कर रही है। छात्रा ने कि उदय शादीशुदा है इसका विरोध किया तो खुद को प्रदेश के मुखिया अखिलेश यादव, सपा के गलियारे में अच्छी पैठ रखने वाले रामगोपाल यादव का रिश्तेदार बता कर मुंह बंद रखने का दबाव बनाया। फिर भी विरोध पर थाने में पीटा और गंगा बैराज ले जाकर धमकी दी।
वही इस पूरे मामले पर सीओ स्वरुप नगर आतिश कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी हुई है। हालांकि पीड़िता ने कोई लिखित शिकायत नहीं की है। पूरे मामले की जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। अगर एसओ के खिलाफ मामला सही पाया जायेगा तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी l
शादी का झांसा देकर एक छात्रा से नवाबगंज एसओ उदय प्रताप यादव ने तीन साल तक दुष्कर्म किया और विरोध करने पर थाने बुलाकर अपनी पत्नी, मां और भतीजी के साथ मिलकर बुरी तरह पीटा। सिर शीशे से लड़ा दिया, जिससे शीशा तक टूट गया। मामला बिगड़ता देख एसओ छुट्टी लगाकर परिवार साथ फरार हो गए और छात्रा को अपने भतीजे के साथ जबरन भगवा दिया।
तीन साल पहले उदय प्रताप यादव सचेंडी एसओ थे। उसी समय लूट की रिपोर्ट लिखाने एक छात्रा थाने पहुंची और थानेदार उदय प्रताप यादव ने दोस्ती कर ली और शादी का झांसा देकर तीन साल तक दुष्कर्म करता रहा। थानेदार शादीशुदा है और दो बच्चे हैं। इसका पता चलते ही छात्रा ने विरोध जताया, इस पर थानेदार ने कहा कि पत्नी को छोड़ देगा। थानेदार की बातों में आई छात्रा उसके साथ और नजदीकियां बढ़ाई। होटलों में जाना और छात्रा के हर शौक को पूरा कराने में एसओ लग गए। एसओ के इस कृत्य में उसके थाने के सिपाही विपिन व खुद को भतीजा बताने वाला बंटी भी शामिल रहा। छात्रा को पता चला कि एक सप्ताह से उदय की पत्नी उसके साथ रह रही है।
इसी बात की जानकारी पर पीड़िता शुक्रवार को उदय की पत्नी से मिलने के लिए पहुंची तो उस समय काफी विवाद होने लगा और उसके बाद शनिवार को थाने बुलाया। थाने पहुंचते ही इंसानियत की सारे हदें पार कर छात्रा को नवाबगंज थाने में दौड़ा-दौड़ाकर एसओ, उसकी पत्नी, मां और भतीजी ने पीटा। लेकिन थाने में मौजूद दरोगा, सिपाही मूकदर्शक बने देखते रहे। किसी ने बचाया तक नहीं और छात्रा को उल्टा धक्का देकर भगा दिया।
गाजीपुर की रहने वाली बीएससी की छात्रा शहर में रहकर पढ़ाई कर रही है। छात्रा ने कि उदय शादीशुदा है इसका विरोध किया तो खुद को प्रदेश के मुखिया अखिलेश यादव, सपा के गलियारे में अच्छी पैठ रखने वाले रामगोपाल यादव का रिश्तेदार बता कर मुंह बंद रखने का दबाव बनाया। फिर भी विरोध पर थाने में पीटा और गंगा बैराज ले जाकर धमकी दी।
वही इस पूरे मामले पर सीओ स्वरुप नगर आतिश कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी हुई है। हालांकि पीड़िता ने कोई लिखित शिकायत नहीं की है। पूरे मामले की जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। अगर एसओ के खिलाफ मामला सही पाया जायेगा तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी l
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