नए सरकारी सिस्टम से मिलेगी भ्रष्ट अधिकारियों से आजादी!
BY Suryakant Pathak15 Aug 2017 5:09 AM GMT

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Suryakant Pathak15 Aug 2017 5:09 AM GMT
नई दिल्ली : भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में जुटी मोदी सरकार जल्द ही ऐसा सिस्टम लाएगी, जिससे आम लोग सरकारी अधिकारियों के खिलाफ किसी भी मामले की जांच की सिफारिश कर सकेंगे। जांच के लिए संबंधित विभाग और मंत्रालय वही प्रक्रिया अपनाएंगे, जो आंतरिक जांच के दौरान अपनाते हैं।
कार्मिक विभाग (DoPT) ने लंबे विचार-विमर्श के बाद गाइडलाइंस तैयार की हैं। अब इस पर प्रधानमंत्री मोदी खुद अंतिम फैसला लेंगे। केंद्र सरकार यह कदम पिछले साल की सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी के बाद उठा रही है, जिसमें कहा गया था कि आम लोगों द्वारा सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करने पर कोई बंदिश नहीं है। कोर्ट ने सरकार को ऐसा रास्ता खोजने की सलाह दी थी, जिससे सरकारी अफसरों के भ्रष्टाचार की जांच में आम लोगों के पास ज्यादा अधिकार हों। दरअसल, सरकार ने विभाग के फैसले पर जांच की मांग ठुकरा दी थी, जिस पर कोर्ट ने आपत्ति की थी।
सबसे बड़ा हथियार
सरकार का दावा है इससे आम लोगों को सरकारी व्यवस्था की खामी दूर करने की दिशा में सबसे बड़ा हथियार मिलेगा। भ्रष्ट बाबुओं की पोल खोलने में आम लोगों की मदद लेने का फैसला नोटबंदी के बाद पीएओ को मिले रेपॉन्स के बाद लिया गया है। बताते हैं कि नोटबंदी के बाद 80 फीसदी छापेमारी लोगों की सूचनाओं पर हुई थी, जो सही साबित हुई थी।
110 अफसर रेडार पर
मोदी कई बार अफसरों के भ्रष्टाचार पर चिंता जता चुके हैं। पिछले दिनों कई आईएएस, आईपीएस करप्शन के आरोप में बर्खास्त हुए थे। जल्द ही की और अफसरों पर गाज गिरने वाली है। सूत्रों के अनुसार, लगभग110 आईएएस और आईपीएस सरकार के रेडार पर हैं। इनमें से ज्यादातर ऐसे हैं जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं या वे कानून की अनदेखी कर मनमानी करते पाए गए हैं।
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