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क्या कमीशनखोरी से उखड़ी मासूमों की सांसे: 69 लाख बकाया था, 1.86 करोड़ अकाउंट में थे, फिर भी रोका पेमेंट
BY Suryakant Pathak14 Aug 2017 2:04 AM GMT

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Suryakant Pathak14 Aug 2017 2:04 AM GMT
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से मासूमों की मौत के मामले में कमीशनखोरी का खेल सामने आने लगा है। मेडिकल कॉलेज को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली पुष्पा सेल्स को 68.65 लाख रुपये का भुगतान करना था। खाते में 1.86 करोड़ रुपये भी थे, इसके बावजूद पेमेंट नहीं किया गया। यह जांच का विषय है कि भुगतान किसके कहने पर रोका गया।
सूत्रों की मानें तो मेडिकल कॉलेज के अफसरों ने सप्लायर को पेमेंट इसलिए नहीं किया क्योंकि उन्हें भुगतान में कमीशन नहीं मिल रही थी। यह भी कहा जा रहा है कि सप्लायर को पैसा न देने के लिए लखनऊ से निर्देश आए थे। सवाल उठता है कि आखिर लखनऊ में किसके कहने पर सप्लायर का पैसा रोका गया।
सीएम के दौरे के चलते जारी फंड, उन्हीं की वजह से रुका
सीएम योगी को 9 अगस्त को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के दौरे पर जाना था, इसलिए शासन ने फंड तत्काल जारी कर दिया। निलंबित प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्रा ने शनिवार को कहा था कि फंड मिल गया था, लेकिन सीएम के दौरे के कारण भुगतान में देरी हुई। गौरतलब है कि मामला बिगड़ा तो 11 अगस्त को आनन-फानन में कंपनी को भुगतान कर दिया गया।
शासन ने दो करोड़ भेजा
चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि प्रिंसिपल ने 4 अगस्त को पत्र भेजकर पैसे की मांग की। अगले ही दिन बीआरडी मेडिकल कॉलेज के अकाउंट में 2 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए गए। सूत्रों के अनुसार सरकार से पैसा मिलने के बाद खाते में 3.86 करोड़ रुपये हो गए थे। यानी 1.86 करोड़ पहले से ही थे।
प्राइवेट प्रैक्टिस वाले डॉक्टरों पर होगी एफआईआर
कुछ सरकारी डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस के सवाल पर सीएम ने कहा कि ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। मीडिया से मुखातिब होने से पहले सीएम ने बंद कमरे में इंसेफेलाइटिस वार्ड के प्रभारी डॉ. कफील अहमद समेत कुछ अन्य की कड़ी क्लास ली।
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