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उत्तर प्रदेश

चंडीगढ़ छेड़खानी मामला संसद में बढ़ाएगा BJP की मुश्किलें, डिफेंसिव मोड में गई बीजेपी!

चंडीगढ़ छेड़खानी मामला संसद में बढ़ाएगा BJP की मुश्किलें, डिफेंसिव मोड में गई बीजेपी!
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चंडीगढ़ छेड़खानी मामला अब संसद में सरकार और भाजपा की मुश्किलें बढ़ाएगा। विपक्ष ने कड़े तेवर दिखाते हुए चंडीगढ़ मामले पर संसद में सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। मामला सीधे प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के बेटे से जुड़ा है, इसलिए पार्टी अभी बचाव की मुद्रा में है।

मामले की सियासी आंच को कम करने के लिए बीजेपी ने जहां एक ओर यह स्पष्ट किया है कि प्रदेश अध्यक्ष पद से सुभाष बराला के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। तो दूसरी ओर पार्टी आलाकमान ने इस मामले में अपने केंद्रीय नेताओं को मौन धारण रखने की नसीहत देते हुए मामले को प्रदेश स्तर पर ही निपटाने का निर्देश दिया है। ताकि इसकी आंच केंद्रीय नेतृत्व तक नहीं पहुंचे। हालांकि विपक्ष ने इस बात के स्पष्ट संकेत दिए हैं कि पीएम मोदी को कटघरे में घेरते हुए कांग्रेस पार्टी इस मामले को मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में जोर-शोर से उठाएगी।
कांग्रेस ने बेटे की करनी के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला का इस्तीफा मांगा है। मगर दबाव की राजनीति के सामने न झुकने वाली बीजेपी ने मामले को प्रदेश के जिम्मे डाल इसकी सियासी आंच को कम करने का प्रयास किया है। बीजेपी महासचिव अनिल जैन ने कहा है कि बराला के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। बावजूद उसके आरोप ऐसा है कि बीजेपी को बचाव की मुद्रा अपनाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
नैतिकता का मामला बता संसद में बीजेपी को घेरेगी कांग्रेस
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हरियाणा सरकार पर आरोपियों से मिलीभगत करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी पर सीधा हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने कहा है कि मामला नैतिकता का है। पूर्व कांग्रेस नेता विनोद शर्मा के इस्तीफे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जेसिका लाल मर्डर केस में बेटे के आरोपी होने पर बाप को मंत्रिमंडल से हटाया गया था। सूरजेवाला ने तत्कालिन नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज जाकि अब विदेश मंत्री हैं और गृह मंत्री राजनाथ सिंह, तब वे भाजपा अध्यक्ष थे। उन्होंने दोनों नेताओं के बयान का हवाला देते हुए बराला के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार संसद में भी पार्टी विनोद शर्मा के मामले में सुषमा और राजनाथ के बयानों की याद दिलाएगी।
बराला पर फैसला लेने में जांच रिपोर्ट का इंतजार करेगी बीजेपी
चंडीगढ़ छेड़खानी मामले में दबाव की राजनीति से बचने के लिए बीजेपी अभी समय निकालने के मूड में है। हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला के इस्तीफे से इंकार करते हुए पार्टी ने तय किया है कि उनके बेटे विकास बराला के ख़िलाफ़ छेड़खानी के आरोप मामले में वह जांच रिपोर्ट का इंतजार करेगी। अगर रिपोर्ट में विकास बराला दोषी पाए गए तो उनके पिता पर गाज गिर सकती है। बीजेपी मीडिया विभाग ने बकायदा बयान जारी कर कहा है कि जांच रिपोर्ट से पहले इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है। संसद के अंदर भी बीजेपी नेता विपक्ष के तेवरों के खिलाफ जांच को ढाल बनाएगी।
खुलकर सामने आया बीजेपी का आपसी झगडा
चंडीगढ़ छेड़खानी मामले में बीजेपी आलाकमान को बेशक बचाव की मुद्रा अपनाना पड़ा है। मगर मामले पर बीजेपी की अंदरूनी कलह एकबार फिर से खुलकर सामने आई है। चंडीगढ़ की सांसद किरन खेर ने पीड़िता के साथ अपनी हमदर्दी दिखाते हुए घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। तो कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद राजकुमार सैनी ने सुभाष बराला का इस्तीफा मांग पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी है। सैनी ने कहा है कि संस्कार घर से आते हैं और बराला को पार्टी की छवि बचाने के लिये इस्तीफा दे देना चाहिए। उधर, राज्यसभा सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी ने भी मामले में पीआईएल दायर करने की बात कर बीजेपी की मुश्किलें बढा दी हैं। स्वामी ने चंडीगढ़ पुलिस के कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि पहले तो गैरजमानती धारा लगाई गई। बाद में दबाव में आकर उसे पुलिस ने बदल दिया है। स्वामी के अनुसार उनके लोगों ने स्थानीय स्तर पर साक्ष्य जुटा लिए हैं। मंगलवार को वे न्यायालय में पीआईएल दायर करेंगे।
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