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उत्तर प्रदेश

कब्रिस्तान की चारदीवारी की जांच के लिए बनी कमेटी, 1200 करोड़ की योजना में हुए कई घपले

कब्रिस्तान की चारदीवारी की जांच के लिए बनी कमेटी, 1200 करोड़ की योजना में हुए कई घपले
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अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग की कब्रिस्तान में चारदीवारी योजना में हुए घपलों की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक नई समिति बनाई है। इस जांच का जिम्मा आईएएस अफसर अनिल धींगरा को सौंपा गया है।
वे इस समय वित्त विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात हैं। जांच समिति को सपा शासन के पांच साल में इस योजना पर हुए खर्च एवं उसकी जमीनी हकीकत को परखना है।
सपा सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मो. आजम खां के पास था। उन्होंने ही कब्रिस्तानों की चारदीवारी के निर्माण की योजना चलाई। इस योजना पर पांच साल में 1200 करोड़ रुपये खर्च किए गए। जबकि हकीकत यह है कि कई जिलों में योजना पर काम ही नहीं हुआ। जहां काम हुआ भी वहां भी घपले की शिकायतें हैं।
प्रदेश में योगी सरकार आते ही इस योजना की जांच की तैयारी होने लगी। इसी के तहत सरकार ने जून में नागरिक उड्डयन विभाग के विशेष सचिव सूर्य पाल गंगवार को जांच समिति का अध्यक्ष बनाया था। लेकिन उन्होंने एक मीटिंग करने के बाद ही जांच से इन्कार कर दिया। ऐसा माना जा रहा है कि गंगवार ने आजम से जुड़ा मामला देख जांच करने से मना कर दिया।
जिलेवार रिपोर्ट देगी कमेटी
अब सरकार ने इस जांच को आईएएस अफसर अनिल धींगरा को सौंप दी है। तीन सदस्यीय इस समिति में पहले की तरह लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता योगेंद्र कुमार गुप्ता व आवास एवं विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता सुनील चौधरी को सदस्य बनाया गया है। समिति को जिलेवार रिपोर्ट देनी होगी।
इन बिंदुओं पर होगी जांच
- कब्रिस्तान की अविवादित भूमि पर तो चारदीवारी नहीं बनाई गई ?
- चारदीवारी का निर्माण किस दर पर किया गया है और उस समय बाजार भाव क्या था ?
- निर्माण कार्य की गुणवत्ता कैसी है ?
- जिलों को कितना पैसा स्वीकृत हुआ उसके सापेक्ष क्या काम हुए ?
- उपभोग प्रमाण पत्र दिए बगैर निर्माण एजेंसियों को अगली किस्त कैसे जारी की गई?
- हर काम एक ही निर्माण एजेंसी से ही क्यों कराया गया?
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