आईएएस बहन की प्रेरणा, भाई भी बन गया पीसीएस अफसर
BY Suryakant Pathak7 Aug 2017 2:35 AM GMT

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Suryakant Pathak7 Aug 2017 2:35 AM GMT
कुशीनगर के खड्डा क्षेत्र के सोहरौना का एक मध्यमवर्गीय परिवार अपनी जीवटता से सफलता की ऊंचाइयां हासिल कर एक मिसाल बन गया है। इस परिवार के भाई-बहन एक दूसरे से प्रेरणा लेते हुए प्रशासनिक सेवा के ऐसे सोपान को छू लिया है, जिसके लिए हर पढ़ा-लिखा युवा लालायित रहता है।
हम बात कर रहे हैं सोहरौना के सेवानिवृत्त शिक्षक शिवपूजन जायसवाल के परिवार की। शिवपूजन की एक बेटी आईएएस है तो अपनी बहन से प्रेरणा लेकर छोटा भाई पीसीएस अफसर बन चुका है।
शिक्षक श्री जायसवाल के तीन बेटे अजय कुमार, चंदन कुमार व दीपक कुमार तथा बेटी माधुरी जायसवाल शुरू से ही पढ़ने में अव्वल रहे। माधुरी ने खड्डा के श्री गांधी इंटर कालेज से इंटर की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास करने के बाद इलाहाबाद में आगे की पढ़ाई की। फिर दिल्ली में आईएएस की तैयारी करने लगी। वर्ष 2010 में उसका आईएएस में चयन हो गया और इस समय वह चेन्नई में रेलवे में डीआरएम के पद पर कार्यरत हैं।
इसी दौरान माधुरी की शादी आईपीएस अफसर कार्तिक जायसवाल से हो गई। माधुरी जायसवाल ने अपने भाइयों को शिक्षा का महत्व समझाते हुए मुकाम हासिल करने के लिए प्रेरित करने का क्रम नहीं छोड़ा। उन्हीं की प्रेरणा से एक भाई दिल्ली में प्रोफेसर तो दूसरा आईएएस की तैयारी कर रहा है। तीसरा भाई दीपक कुमार भी शुरू से पढ़ाई में होनहार रहा और बहन की प्रेरणा से कठिन परिश्रम करते हुए वर्ष 2015 में पीसीएस में चयनित हुआ। इस समय वह गाजियाबाद में असिस्टेंट कमिशनर कामर्शियल ट्रेड पद पर कार्यरत है।
पीसीएस अफसर दीपक कुमार कहते हैं कि उनकी दीदी माधुरी ही उन सभी के लिए प्रेरणा स्रोत रही हैं। वे हमेशा बोला करती थीं कि हम उन गिने-चुने लोगों में से हैं, जिन्हें पढ़ने का मौका मिला है। इसलिए खुद के लिए और जिन्हें यह अवसर नहीं मिला है, उनके बारे में भी सोचो। दीदी मेरे लिए हमेशा ऐसे मशाल की तरह थी जिसके उजाले में चलना मेरे लिए हमेशा सहज लगा।
दीदी हमेशा कहती थीं कि बाबू जब तक जिन्दा हो, जिन्दा लगो और उन लोगों के बारे में भी सोचो जिन्हें तक़दीर ने अंधेरे में छोड़ दिया है। उनके द्वारा दी गयी इसी प्रेरणा की बदौलत आज इस मुकाम तक पहुंचा हूं। दीपक कहते हैं कि इस रक्षाबंधन में बहन से राखी बंधवाने उनके पास जरूर जाऊंगा।
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