लालू परिवार, नए घोटाले हर बार: आगे की राह में मुश्किलें और भी हैं!
BY Suryakant Pathak5 Aug 2017 10:26 AM GMT

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Suryakant Pathak5 Aug 2017 10:26 AM GMT
नई दिल्ली - बिहार की राजनीति में 2015 का साल अहम था। एक-दूसरे के खिलाफ आग उगलने वाले लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार एक साथ मिलकर चुनाव में उतरे थे। बिहार विधानसभा के चुनाव में आरजेडी-जेडीयू और कांग्रेस (महागठबंधन) को जबरदस्त जीत हासिल हुई। चुनाव परिणामों के तुरंत बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लालू यादव ने कहा कि ये जीत बिहार के गरीबों-वंचितों की जीत है। इस जीत के साथ ही बिहार में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है, जिसे इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।
नीतीश कुमार को अपना छोटा भाई बताने वाले लालू प्रसाद उनके सम्मान में कसीदे पढ़ते थे। लेकिन 2 साल बाद हालात बदल चुके हैं। महागठबंधन अब इतिहास बन चुका है। नीतीश के सम्मान में बड़ी-बड़ी बातें कहने वाले लालू प्रसाद यादव का नजरिया बदल चुका है, अब वो कहते हैं कि नीतीश कुमार को सीएम बनाकर बहुत बड़ी भूल हुई। वो तो कभी उनके ऊपर भरोसा नहीं करते थे, मुलायम सिंह जी के कहने पर भरोसा किया। लेकिन नीतीश ने पीठ में छूरा भोंक दिया। लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज हैं। इन सबके बीच नीतीश कुमार और अब उनके डिप्टी सीएम सुशील मोदी कहते हैं कि भ्रष्टाचार को कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार से संबंधित 150 बेनामी संपत्तियों पर केंद्रीय और राज्य एजेंसियों की नजर है। बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी का कहना है कि वो लालू परिवार के भ्रष्टाचार के कारनामों को एक-एक कर जनता के सामने लाएंगे। ये बात अलग है कि लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व डिप्टी सीएम सुशील मोदी के खिलाफ निशाना साधे हुए हैं। सुशील मोदी का कहना है कि बिहार में एक ऐसा परिवार है जो हजारों करोड़ों के घोटाले में फंसा है, लेकिन उस परिवार को राजनीतिक साजिश नजर आती है। वो जनता के सामने या एजेंसियों के सामने अपना पक्ष रखने की जगह तथ्यहीन आरोप लगाकर बचने की कोशिश कर रहे हैं।
सुशील मोदी का कहना है कि पटना, दिल्ली और औरंगाबाद में लालू परिवार की बेनामी संपत्ति है। इसके अलावा ये परिवार मिट्टी घोटाले से लेकर रेत खनन में लिप्त रहा है। एक पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि आरजेडी के आपराधिक रिकॉर्ड वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में करीब 100 लोगों की पहचान की गई है। ऐसे बहुत से मामले हैं जिनमें वारंट तामील करायी जाएगी।
तेजस्वी यादव के खिलाफ जमीन घोटाले में केंद्रीय जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं। इसके अलावा लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप के खिलाफ चिड़ियाघर से संबंधित मिट्टी घोटाले की जांच चल रही है। तेजस्वी यादव पहले भी कहते रहे हैं कि सीबीआइ जिस मामले की जांच कर रही है, उस समय वो नाबालिग थे। लेकिन तेजस्वी के बयान पर प्रतिवाद करते हुए सुशील मोदी कहते हैं कि एफआइआर के मुताबिक मामला 2014 का है तब तेजस्वी एक शेल कंपनी के निदेशक बनते हैं और 94 लाख रुपये अदाकर 94 करोड़ कीमत वाली जमीन को हासिल करते हैं। जहां तक पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव का संबंध है, भले ही उनके केस में 40 से 50 लाख के बीच का लेनदेन हुआ हो। लेकिन रेत खनन का मामला गंभीर है। इसमें आरजेडी के दूसरे नेता भी शामिल हैं और ये मामला करोड़ों का है।
सुशील मोदी अपने ऊपर लगे आरोपों पर कहते हैं कि उनके खिलाफ 9 मामले दर्ज हैं। पांच केस बिहार में जब वो अधिकार आंदोलन चला रहे थे, उस वक्त दर्ज किए गए। साधु और पप्पु यादव ने उनके खिलाफ मानहानि के तीन केस दर्ज कराए थे। जबकि एक मामला रेल रोको के संबंध में ( बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग करने के दौरान) है। कोई भी शख्स इन मामलों को भ्रष्टाचार से नहीं जोड़ सकता है।
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