डीजीपी सुलखान सिंह ने गांव जाकर लिया मां-पिता का आशीर्वाद
BY Suryakant Pathak5 Aug 2017 12:55 AM GMT

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Suryakant Pathak5 Aug 2017 12:55 AM GMT
बांदा - पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह आज दोपहर बाद अपने पैतृक गांव पचासा डेरा मजरा जौहरपुर पहुंचे। बतौर डीजीपी पहली बार गांव पहुंचने पर गांव वालों ने ढोल-नगाड़ों और फूल मालाओं से उनका स्वागत किया। लगभग सालभर बाद अपने बेटे को नजदीक पा मां ने उन्हें गले लगा लिया। डीजीपी और उनकी पत्नी सुमन ने मां और पिता के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। माता-पिता और अपने प्रिय मित्रों से मिलकर डीजीपी कई बार भावुक भी हुए। डीजीपी के बांदा दौरे में गांव पहुंचने का कोई औपचारिक कार्यक्रम नहीं था लेकिन, गांववालों को पहले ही मालूम हो गया था कि डीजीपी गांव आएंगे।
सूबे के पुलिस मुखिया व होनहार पूत को गांव में पाकर हर व्यक्ति उनसे मिलने व बात करने को उत्सुक दिखा। मानो हर घर में तैयारियां शुरू हो गईं थी। सुबह से ही पिता लाखन सिंह के घर के बाहर लोगों का जमावड़ा लगा रहा। घर और गांव की गलियों में सिर्फ डीजीपी को लेकर लोग चर्चा में मशगूल दिखे। दोपहर साढ़े तीन बजे डीजीपी बांदा सरहद पर बेंदाघाट पहुंचने की जानकारी हुई तो गांव में रौनक आ गई। गांव के रास्ते में लोग जमा हो गए। करीब 3.40 बजे डीजीपी का काफिला घर के बाहर रुका। पुराने मित्रों ने उन्हें घेर लिया और धूमिल होते वक्त को याद किया। स्कूल की तो कभी गांव के खेल मैदान की चर्चा में ठहाके लगते रहे। जो दोस्त मौजूद नहीं थे उन्हें भी याद करना नहीं भूले। इस दौरान गांव में ढोल नगाड़ों के बीच ग्रामीण खुशी से झूमते रहे। देर शाम डीजीपी बांदा रवाना हो गए।
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