बसपा में बगावत से टूटता-बिखरता जा रहा मायावती का तिलिस्म
BY Suryakant Pathak4 Aug 2017 1:37 AM GMT

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Suryakant Pathak4 Aug 2017 1:37 AM GMT
लखनऊ - बहुजन समाज पार्टी में बगावत का संकट लगातार बढ़ रहा है। बागियों की फेहरिस्त लंबी हो रही है। सप्ताह के भीतर दो बड़े नेताओं एमएलसी जयवीर सिंह और पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज के पार्टी छोड़ने मायावती का तिलस्म टूटता नजर आ रहा है। उल्लेखनीय है कि जंग बहादुर पटेल, राम लखन वर्मा, बरखूराम वर्मा, आरके चौधरी, स्वामी प्रसाद मौर्य, श्रीराम यादव, कैप्टन सिकंदर रिजवी, दीनानाथ भास्कर, राजबहादुर, बलिहारी बाबू, ईसम सिंह, रामरती बिंद, डा. मसूद, मोहम्मद अरशद, राम प्रसाद, प्रमोद कुरील, जगन्नाथ राही, अशोक वर्मा, आरके पटेल, कमला कांत गौतम, ब्रजेश पाठक, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, प्रदीप सिंह व हरपाल सैनी जैसे दर्जनों कद्दावर नेता बसपा में अंबेडकर मिशन सुरक्षित नहीं देख पाते।
चलने लगी अनुशासन की तलवार
बसपा में राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज की बगावत के बाद हाईकमान ने उनके समर्थकों पर अनुशासन की तलवार चलानी शुरू कर दी है। आज पार्टी ने उन्नाव के पूर्व विधायक राधेलाल रावत को निष्कासित करने की जानकारी दी। रावत पर पार्टी का अनुशासन तोडऩे व कई बार चेतावनी देने के बाद सुधार न करने पर निष्कासन की कार्रवाई की है। फिलहाल बसपा में असंतोष अभी समाप्त होता नहीं दिख रहा। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के नजदीक बसपा में बड़े स्तर पर बगावत हो सकती है। बसपा के कई विधायकों व अन्य प्रमुख नेताओं का लगातार भाजपा नेतृत्व के संपर्क में रहना असंतोष की चिंगारी बने रहने के संकेत है।
पारिवारिक कारणों से सरोज ने बसपा छोड़ी
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर ने इंद्रजीत सरोज को पार्टी से निकालने की खबर को निराधार बताया और कहा कि पारिवारिक कारणों से सरोज ने बसपा प्रमुख मायावती से संगठन के दायित्व से मुक्त करने का अनुरोध किया था। सरोज के अनुरोध पर उन्हें लखनऊ के जोन इंचार्ज के पद से मुक्त किया गया है। विदित हो कि पूर्व में सरोज इलाहाबाद के भी जोन इंचार्ज थे। पूर्व विधायक रावत ने आरोप लगाया कि मायावती ने करीब 30 वर्ष पार्टी की निष्ठापूर्वक और ईमानदारी से सेवा करने वाले महासचिव इंद्रजीत सरोज पर अनुशासन की कार्रवाई करके अपनी तानाशाही को साबित किया है। उन्होंने अपने समर्थकों समेत बसपा से त्यागपत्र देने की घोषणा की है।
मायावती का बिखरता तिलस्म
मायावती का तिलस्म बिखरता दिखने लगा है। बसपा से अलग होने वाले नेताओं ने मायावती को कठघरे में खड़ा कर बसपा की मुश्किलें बढ़ा दी। सरोज की बगावत बसपा की दलित जोड़ो मुहिम को बड़ा झटका है।लोकसभा और विधानसभा चुनाव में लगातार मिली करारी शिकस्त के बाद से बसपा को उबर पाने का मौका नहीं मिला। दलित वोटबैंक खिसकने की घबराहट के बीच मायावती के लिए वरिष्ठ व समर्पित नेताओं को एक-एक कर अलग होते जाना खतरे की घंटी है। पूर्व विधानपरिषद सदस्य प्रदीप सिंह के मुताबिक बसपा का पुराना जलवा लौट पाना नामुमकिन है। नेता और कार्यकर्ता के बीच बढ़ती अविश्वास की दीवार व पैसे की भूख ने बाबा साहब के मिशन को चौपट कर दिया है।
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